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रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में ईडी ने 95 लाख की नकदी और आभूषण किए जब्त, करोड़ों रुपए की संपत्ति होगी अटैच

रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के आरोपियों के 05 राज्यों में स्थित ठिकानों पर छापेमारी के बाद ईडी ने जारी किया आधिकारिक बयान

Amit Bhatt, Dehradun: अरबों रुपए के रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की देहरादून शाखा ने 05 राज्यों में की गई छापेमारी के क्रम में रविवार को आधिकारिक बयान जारी किया। जिसमें बताया गया कि आरोपियों के ठिकानों से 24.50 लाख रुपए की नकदी सीज करने के साथ ही बैंक खातों में जमा 11.50 लाख रुपए फ्रीज कर दिए हैं। इसके साथ ही 58.80 लाख रुपए के सोने और चांदी के आभूषण भी जब्त किए गए हैं। छापेमारी में करोड़ों रुपए की अचल संपत्ति के दस्तावेज भी अधिकारियों के हाथ लगे हैं।

ईडी ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के आरोपियों के देहरादून (उत्तराखंड), सहारनपुर, बिजनौर (उत्तर प्रदेश), लुधियाना (पंजाब), दिल्ली और बोंगाईगांव (असम) स्थित 17 ठिकानों पर 30 अगस्त शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की थी। जिसमें 80 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी अधिवक्ता कमल विरमानी समेत अन्य आरोपित इमरान अहमद, देवराज तिवारी, सुरेश चंद्र, अजय पालीवाल, हुमायूं परवेज, दीपचंद अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, सुखदेव सिंह, समीर कामयाब, रोहताश सिंह, डालचंद, अजय क्षेत्री आदि के ठिकानों पर जांच की।

इसके अलावा दून में हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर 19 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले बिल्डर जितेंद्र खरबंदा और अजय पुंडीर के अपार्टमेंट पर भी छापा मारा गया। ईडी की टीम ने आरोपियों के ठिकानों से करोड़ों रुपए की चल और अचल संपत्ति के दस्तावेज कब्जे में लिए। इन संपत्तियों को जल्द अटैच किया जा सकता है। ईडी ने छापेमारी के दौरान पेन ड्राइव और मोबाइल जैसे कुछ इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस को भी कब्जे में लिया है। साथ ही बैंक से संबंधित कई अहम दस्तावेज भी ईडी अधिकारियों के हाथ लगे हैं। जिनसे मनी लांड्रिंग की उस कड़ी को जोड़ा जाएगा, जिससे आरोपितों ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा कर अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की।


रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी कमल विरमानी के ओल्ड सर्वे रोड क्षेत्र स्थित इस घर पर भी ईडी ने मारा छापा।

पुलिस कर चुकी 13 मुकदमे दर्ज, 20 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का मामला जुलाई 2023 में प्रकाश में आया था। जिसमें पता चला कि कुछ नामी अधिवक्ताओं ने प्रापर्टी डीलरों और भूमाफिया से मिलकर देहरादून के सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम में घुसपैठ कर रजिस्ट्रियों के रिकॉर्ड बदल दिए हैं। साथ ही कलेक्ट्रेट के राजस्व अभिलेखागार से रिकॉर्ड भी गायब किए गए हैं। इस काम में सब रजिस्ट्रार कार्यालय के कुछ कार्मिकों ने भी फर्जीवाड़े में मदद की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त रुख के बाद प्रकरण में 02 एसआईटी (पुलिस व स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग) का गठन किया गया। पुलिस ने अब तक रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में 13 मुकदमे दर्ज कर 20 आरोपितों को जेल भेजा। इनमें से एक आरोपी केपी सिंह की सहारनपुर जेल में मौत हो चुकी है।

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