Amit Bhatt, Dehradun: बिल्डरों को मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) का डर नहीं है और उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) भी अपनी जिम्मेदारी भूलकर बिल्डरों के आगे बेदम नजर आ रहा है। बिल्डर बड़े आराम से झूठे ब्रोशर दिखाकर मनमाना निर्माण कर रहे हैं और रेरा के इस वादाखिलाफी पर कार्रवाई करने की जगह बिल्डर के ही पक्ष में खड़ा दिख रहा है। दूसरी तरफ सरकारी संरक्षण प्राप्त कर बिल्डर अधिकारियों से मिलीभगत कर मिथ्या तथ्यों के आधार पर नक्शा पास कराने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। ताजा मामला बंशीवाला स्थित जैमिनी पैकटेक प्रा. लि. की निर्माणाधीन 08 मंजिला आवासीय परियोजना ओकवुड अपार्टमेंट्स से जुड़ा है। यहां बिल्डर ने अभियंताओं से मिलीभगत कर महज 7.5 और 09 मीटर चौड़े मार्गों को 12 मीटर दर्शाकर नक्शा पास करा दिया गया है।
दरअसल, जैमिनी बिल्डर की निर्माणाधीन ओकवुड अपार्टमेंट्स परियोजना से लगे भूखंड पर पहले से निर्मित सेरेन ग्रीन्स विला हैं। विला रेजिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी लंबे समय से बिल्डर की मनमानी के विरुद्ध लामबंद है। यहां के निवासी परियोजना में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, ग्रीन एरिया में धोखाधड़ी और मार्गों समेत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की संबद्ध भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत कर चुके हैं। अब ओकवुड अपार्टमेंट के लिए प्रयुक्त मार्गों में पूर्व निर्मित परियोजना के मार्गों से जुड़ाव और ग्रीन एरिया में दखल को लेकर भी शिकायत दर्ज कराई गई थी।
जिसका संज्ञान लेकर एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने 02 सहायक अभियंता और 02 अवर अभियंता की कमेटी को जांच सौंपी थी। अब जांच कमिटी ने रिपोर्ट उपाध्यक्ष को सौंप दी गई है। जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि बिल्डर ने तथ्यों को छिपाते हुए नक्शा पास कराया है। साथ ही कहा गया है कि संबंधित अभियंता ने भी तथ्यों की अनदेखी की है। ऐसे में यह देखना है कि एमडीडीए उपाध्यक्ष नक्शे और बिल्डर के विरुद्ध क्या कार्रवाई करते हैं। साथ ही रोक के बावजूद बदस्तूर जारी निर्माण पर भी रोक लगना आवश्यक है।
बिल्डर की परियोजना के मार्गों की हकीकत
स्थल, मानचित्र में चौड़ाई, स्थल पर चौड़ाई (मी. में)
मुख्य प्रवेश मार्ग, 15, 15
प्लाट 15 के दाईं ओर, 12, 09
प्लाट 38, 39 के मध्य, 12, 09
प्लाट 55, 56 के मध्य, 12, 09
प्लाट, 39 और 55 के मध्य, 12, 09
प्लाट 47 व 46ए के मध्य, 12, 09
प्लाट 26 व ग्रीन बेल्ट के मध्य, 12, 7.5
प्लाट 27 व ग्रीन बेल्ट के मध्य, 7.5
ग्रीन एरिया की जगह बना दी पार्किंग
एमडीडीए की जांच टीम ने पाया कि प्लाट 27 और ग्रीन एरिया के माध्यम ग्रीन एरिया की प्रस्तावित भूमि पर पार्किंग का निर्माण कर दिया गया है। इसे भी मानकों की अनदेखी माना गया है। जांच शुरू होने के दौरान बिल्डर ने मार्ग की चौड़ाई बढ़ाने के लिए ग्रीन एरिया में खोदाई शुरू कर दी थी। हालांकि, पुलिस के हस्तक्षेप के बाद काम बंद करा दिया गया था।
ईडी से संबद्ध भूमि पर भी किया गया था अतिक्रमण
जैमिनी पैकटेक की आवासीय परियोजना के परिसर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से अटैच (संबद्ध) की गई भूमि को भी कब्जे में ले लिया गया था। तब ईडी ने सीमांकन कराकर कब्जा छुड़ाया था। बताया जा रहा है कि इस मामले में ईडी ने वाद भी दायर किया है। हालांकि, जिस तरह से परियोजना क्षेत्र में मनमर्जी हावी है, उसे देखते हुए लगता है कि बिल्डर को कहीं न कहीं सरकारी संरक्षण प्राप्त है। दूसरी तरफ मामले में उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अभी भी सांप सूंघ रखा है। अधिकारी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के बिना परियोजना खड़ी करने पर कार्रवाई का साहस ही नहीं जुटा पा रहे हैं।