Amit Bhatt, Dehradun: हरिद्वार जेल से आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी और 01 विचाराधीन कैदी के दीवार फांदकर भाग जाने पर मुख्यालय कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। इसे जेल की सुरक्षा में गंभीर चूक मानते हुए प्रभारी जेल अधीक्षक प्यारे लाल आर्य समेत 06 कार्मिकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबित होने वाले अन्य कार्मिकों में उप कारापाल- सर्किल जेलर/चक्राधिकारी कुंवर पाल सिंह, दिन हेड वा प्रेमशंकर यादव, हेड वार्डर प्रभारी विजय पाल सिंह, बंदी रक्षक/प्रभारी निर्माण स्थल ओमपाल सिंह और हेड वार्डर/प्रभारी गेट कीपर नीलेश कुमार शामिल हैं।
मुख्यालय ने कैदियों के भाग जाने में इन कार्मिकों की प्रथम दृष्टया लापरवाही मानी है। साथ ही प्रकरण की विस्तृत जांच के निर्देश महानिरीक्षक कारागार को दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, कैदियों की फरारी के मामले में मुकदमा भी दर्ज कर किया गया है।दरअसल, हरिद्वार जेल से बीती रात 02 कैदी फरार हो गए। जेल की दीवार फांदने के लिए कैदियों ने सीढ़ी का प्रयोग किया।
गंभीर यह कि जिस समय कैदी जेल फांद रहे थे, वहां रामलीला का मंचन चल रहा था। फरार हुए कैदी वानर की भूमिका निभा रहे थे। उसी दौरान उन्होंने ऐसा कारनामा कर डाला कि जेल की दीवार ही फांद डाली। कैदियों के फरार होने की सूचना के बाद जेल प्रशासन से लेकर पुलिस और गृह विभाग में हड़कंप की स्थिति है। फरार कैदी में से पंकज कुमार पुत्र मगनलाल उम्र 30 वर्ष निवासी- मकान नंबर 72 गोल भट्टा मिलाप नगर रुड़की हरिद्वार पर हत्या समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं और उसे आजीवन कारावास की सजा मिली है। पंकज कुमार बाल्मीकि गैंग की गुर्गा बताया जाता है।
दूसरा फरार कैदी रामकुमार पुत्र रक्षा राम चौहान उम्र 24 वर्ष निवासी- उजेड़ी धोनीपुर गोंडा उत्तर प्रदेश है। वह विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में बंद था। पुलिस दोनों कैदियों की तलाश में जुटी है। जेल में कुछ निर्माण कार्य भी गतिमान है। जिसके चलते परिसर में लंबी सीढ़ी भी रखी थी। किसी ने भी यह नहीं सोचा कि इस सीढ़ी के माध्यम से कैदी जेल की दीवार फांदकर फरार हो सकते हैं। यह भी एक कारण है कि इसे जेल प्रशासन की सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है।