सेना ने सहेजा व्यर्थ बह रहा वर्षा जल
अनारवाला स्थित एमईएस क्वार्टर में तैयार किया गया वर्षा जल संचयन का अनूठा माडल
RoundTheWatch
देहरादून: सेना ने छावनी क्षेत्र में रहने वाले लोग को जल भराव की समस्या से निजात दिलाने के साथ ही जल संरक्षण की दिशा में भी शानदार पहल की है। गढ़ी कैंट अंतर्गत अनारवाला स्थित एमईएस क्वार्टर से इसकी शुरुआत की गई है। यहां पर रेत, लकड़ी का कोयला, मोटी रेत व कंकड़ की परतों वाला फिल्टरेशन टैंक, सोलर पैनल आदि की मदद से एक विशेष वाटर कंजरवेशन प्लांट तैयार किया है। जिसमें वर्षा जल को फिल्टर का शुद्ध किया जा रहा है और ओवरहेड टैंक में स्टोर कर आसपास लगे सामुदायिक वाशिंग मशीनों को आपूर्ति की जा रही है।
दरअसल, एमईएस क्वार्टर ढलान वाली जगह पर है। जहां पर वर्षा का पानी इकट्ठा होता है। यहां की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने कालोनी के एक छोर पर एक जलग्रहण क्षेत्र की पहचान की है। जहां पर जलभराव होता था। यहां से पानी बिंदाल में प्रवाहित किया जाता था। अब इस वर्षा जल को एकत्र करने के लिए वाटर शेड तैयार किया गया। वर्षा जल को फिल्टर से शुद्ध किया जाता है और फिर इसे ओवरहेड टैंक में जमा किया जाता है। टैंक में जमा पानी को सामुदायिक वाशिंग मशीन के लिए सप्लाई किया जा रहा है, जहां पर लोग कपड़े धोने के लिए इस पानी का प्रयोग करते हैं। खास बात यह कि कपड़े सुखाने व कपड़े प्रेस करने के लिए सौर पैनल यहां पर लगाए गए हैैं। वाशिंग मशीनों से निकलने वाले पानी को फिर से फिल्टरेशन प्रणाली के माध्यम से शुद्ध कर बगीचे में डाला जाता है। बगीचे में विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई गई हैं। कालोनी में रहने वाली कंचन गुप्ता, ज्योति सावंत आदि रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की इस पहल की प्रशंसा करती हैं। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के एनसीओ प्रभारी हवलदार सेबल राजू बताते हैं कि इस साल बगीचे में सब्जियों की रिकार्ड पैदावार हुई है। सब्जियों को जैविक तरीके से उगाया जा रहा है। जो सैन्य परिवारों के आहार की पूर्ति करती हैैं।