Amit Bhatt, Dehradun: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े समेत राजस्व अभिलेखागार से मूल रिकार्ड गायब किए जाने के मामले में शहर कोतवाली पुलिस के हाथ पहली सफलता लगी है। प्रकरण में पुलिस ने पीलीभीत के पूरनपुर तहसील के नगरिया निवासी मक्खन सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। मक्खन सिंह को बरेली से गिरफ्तार दिखाया गया है। यह गिरफ्तारी दून के सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम में सेंधमारी कर फर्जी रजिस्ट्री तैयार किए जाने के मामले में की गई है। इस प्रकरण में पुलिस ने अज्ञात में मुकदमा पंजीकृत किया था। हालांकि, रैनापुर ग्रांट के ही मामले में कलेक्ट्रेट के राजस्व अभिलेखागार से मूल पत्रावली गायब किए जाने में जिला प्रशासन की ओर से 19 जुलाई को दूसरा मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इसमें अभी कार्रवाई का इंतजार है।
सब रजिस्ट्रार कार्यालय में सामने आए रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की जांच में अन्य प्रकरणों के साथ मक्खन सिंह की रजिस्ट्री को भी फर्जी पाया गया है। इसी मामले में मूल रजिस्ट्री को गायब कर उसकी जगह फर्जी रजिस्ट्री दर्ज किए जाने के साथ राजस्व अभिलेखागार से भी मूल पत्रावली गायब पाई गई। इस प्रकरण का पता राजस्व वाद की सुनवाई के दौरान चला। मामले में नई दिल्ली निवासी प्रेमा लाल ने जिलाधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि रैनापुर ग्रांट में उन्हें यह भूमि चंद्र बहादुर से वर्ष 1972 में गिफ्ट डीड के रूप में प्राप्त हुई थी। इस भूमि पर मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए उन्होंने उपजिलाधिकारी ऋषिकेश की कोर्ट में 229बी का वाद भी दायर किया है। हालांकि, मक्खन सिंह ने फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर यह दर्शाया है कि जमीन उसे बेची गई है।
दो मुकदमे दर्ज, सीएम के आदेश पर एसआइटी भी गठित
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े से लेकर मूल अभिलेख गायब किए जाने का मामला बेहद पेचीदा है। क्योंकि, इन प्रकरणों के तार दशकों पुरानी गिफ्ट डीड और सेल डीड से संबंधित हैं। अधिकतर प्रकरण शमशेर बहादुर उनके पुत्र चंद्र बहादुर व अन्य वारिशों को मिली भूमि (दावे के मुताबि) से संबंधित हैं। क्योंकि, वारिशों की ओर से भी तमाम व्यक्तियों को गिफ्ट डीड या सेल डीड किए जाने के दस्तावेज सामने आते रहते हैं। इनकी अधिकांश भूमि सीलिंग की बताई जाती है, जिस पर अब तक निर्विवाद व्यक्ति भी मालिकाना हक के लिए जूझ रहे हैं। भूमाफिया ने भी इन पेचीदगियों को समझते हुए गड़बड़झाले को अंजाम दे डाला। मामला इसलिए भी गंभीर है कि क्योंकि रजिस्ट्री के रिकार्ड रूम और राजस्व अभिलेखागार में सीधी घुसपैठ पकड़ में आ चुकी है। यही कारण है कि प्रकरण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के क्रम में दो मुकदमे पंजीकृत किए जा चुके हैं और एसआइटी भी गठित कर दी गई है।