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न्यायालयों ने कोषागार सेवाओं को सचिवालय से उत्कृष्ट माना, फिर क्यों घटा रहे वेतनमान

वर्ष 2019 की नियमावली से सचिवालय को पृथक करने और कोषागार कर्मियों को शामिल कर वेतनमान कम किए जाने पर भड़का कोषागार कर्मचारी संगठन

Round The Watch: कोषागार कर्मचारी संगठन कोषागार कर्मचारियों को सचिवालय से पृथक करने और वेतनमान कम किए जाने को लेकर आक्रोशित है। संगठन का आरोप है कि वर्ष 2019 की नियमावली के माध्यम से सचिवालय को इससे बाहर कर दिया गया, जबकि कोषागार कार्मिकों को इसमें शामिल कर वेतनमान कम कर दिया गया है। इसके विरोध में संगठन ने मुख्य सचिव समेत अपर मुख्य सचिव, सचिव वित्त और निदेशक कोषागार को ज्ञापन भेजा है। साथ ही मांग की पूर्ती न होने की दशा में आंदोलन के प्रथम चरण में 16 अगस्त से विरोध स्वरुप हाथ पर काली पट्टी बांधकर काम करने का ऐलान किया है।
उच्चाधिकारियों को भेजे गए ज्ञापन के मुताबिक कोषागार कर्मचारी सेवा संवर्गीय नियमावली, 1978 उत्तरांचल कोषागार अधीनस्थ संवर्ग सेवा नियमावली, 2003, उत्तराखंड कोषागार अधीनस्थ सवर्ग सेवा (संशोधन) नियमावली, 2008, उत्तराखंड कोषागार अधीनस्थ सवर्ग सेवा (संशोधन) नियमावली 2010. उत्तराखंड कोषागार अधीनस्थ सवर्ग सेवा (संशोधन) नियमावली 2010, उत्तराखंड कोषागार अधीनस्थ संवर्ग सेवा (संशोधन) नियमावली 2013 है।

कोषागार के सहायक लेखाकार एवं लेखाकारों के वेतनमानों को उत्तराखंड शासन में कार्यरत कार्मिकों से पैरिटी प्रदान की
उत्तराखंड शासन, कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग-2. देहरादून की अधिसूचना संख्या-124/ XXX2/19/30 (02)/2018, दिनांक 12 जून 2019 द्वारा उच्च न्यायालय, महाधिवक्ता कार्यालय, राज्यपाल सचिवालय, राज्य सचिवालय, राज्य विधान मंडल कार्यालय उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड राज्य लोक सेवा अधिकरण को छोड़कर सरकार के नियंत्रण में सभी राजकीय विभागों में अधीनस्थ लेखा संवर्ग के पदों हेतु प्रख्यापित की गई। पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश से कोषागार संवर्ग पृथक रहा है। उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश लखनऊ खंडपीठ एवं उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अपने विभिन्न निर्णयों में
कोषागार की सेवाएं सचिवालय से उत्कृष्ट मानी हैं। उच्च न्यायालय नैनीताल, उत्तराखंड में योजित रिट याचिका संख्या-497 (एस०एस०) / 2010 में उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 08 मार्च 2013 के समादर में उत्तराखंड शासन देहरादून ने शासनादेश संख्या-747/XXV11(6)-768-2013, दिनांक 18 नवंबर 2013 द्वारा उत्तराखंड में कोषागार के सहायक लेखाकार एवं लेखाकारों के वेतनमानों को उत्तराखंड शासन में कार्यरत कार्मिकों से पैरिटी प्रदान की गई।

कोषागार कर्मचारियों के कर्तव्य एवं दायित्व पृथक से निर्धारित
उच्च न्यायालय, नैनीताल, उत्तराखंड में दायर अवमानना वाद संख्या-06 वर्ष 2016 उत्तराखंड, ट्रेजरी स्टाफ एसोसिएशन बनाम अमित सिंह नेगी एवं अन्य में न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 08 जनवरी 2019 के समादर में शासनादेश संख्या-85 /XXVII (6)- टी0सी0ए0-768-2013, दिनांक 15 फरवरी 2019 संपवित शासनादेश संख्या-7 /XXV11 (6) टी०सी०ए०-768-2013, दिनांक 22 फरवरी 2019 द्वारा प्रदेश के कोषागार के सहायक कोषागार लेखाकार एवं लेखाकारों के वेतनमान उच्चीकृत किए गए। उच्च न्यायालय, नैनीताल ने पेरिटी के संबंध में जारी विभिन्न निर्णयादेशों द्वारा कोषागार कर्मचारियों को सचिवालय के लेखा संवर्ग से पेरिटी प्रदान की थी। एक बार पैरिटी दिए जाने के बाद किस आधार पर कोषागार कर्मचारियों को सचिवालय से पृथक कर प्रदेश के सामान्य सेवा संवर्ग में शामिल कर दिया गया, जोकि माननीय न्यायालय की अवमानना है। उच्च न्यायालय के आदेश के समादर में कोषागार के सहायक कोषागार लेखाकार एवं लेखाकारों के वेतनमान उच्चीकृत कर सचिवालय से पेरिटी प्रदान की जा चुकी है, तो फिर किस अधार पर द्वेषनाद से साजिशन उक्त नियमावली 2019 से कोषागार कर्मचारियों को पृथक नहीं किया। जबकि कोषागार प्रारंभ से पृथक संवर्ग है। वित्तीय हस्तपुस्तिका एवं शासनादेशों में कोषागार कर्मचारियों के कर्तव्य एवं दायित्व पृथक से निर्धारित हैं।

परीक्षा उत्तीर्ण करने पर नियमानुसार मिले पदोन्नति
अपर सचिव, वन एवं पर्यावरण अनुभाग-1 देहरादून के शासनादेश संख्या-1408/X-1- 2019-04(05)/2019, दिनांक 07 अगस्त 2019 द्वारा प्रमुख वन संरक्षक, उत्तराखंड देहरादून को निर्देशित किया कि कार्मिक विभाग की उत्तराखंड राजकीय विभाग अधीनस्थ लेखा सवर्ग (अराजपत्रित) सेवा नियमावली 2010 दिनांक 12 जून 2019 को प्रख्यापित हुई है, जो चयन वर्ष 2019-2020 से प्रभावी होगी। यदि लेखाकार के पद पर चयन वर्ष 2019-20 हेतु पदोन्नति करना चाहते हैं तो इस नियम का भूतली प्रभाव नहीं होगा।
अपर सचिव कृषि एवं कृषि अनुभाग-1 देहरादून के शासनादेश संख्या-767/X11 (1) /2017-3/02/2018, दिनांक 03 जून 2020 द्वारा कृषि निदेशक, उत्तराखंड को आदेशित किया कि कृषि विभागान्तर्गत जिन सात्यक लेखाकारों ने उत्तराखंड राजकीय विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग (अराजपत्रित) नियमावली 2019 के प्रख्यापित होने से पूर्व विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है, उनकी पदोन्नति लेखाकार के पद उत्तराखंड लेखा (अराजपत्रित) सेवा कृषि विभाग नियमावली 2011 के अनुसार करना सुनिश्चित करें।

वसूली के विरुद्ध याचिका
शासनादेश संख्या-250/X111(7) /50(01)/2014 दिनांक 31 दिसंबर 2018 द्वारा कोषागार संवर्ग में 80:20 के सिद्धांत पर संवर्गीय पुनर्गठन के परिणामस्वरूप पदोन्नति पद की प्रास्थिति में परिवर्तन के कारण विषयगत प्रकरण पर वित्त विभाग के शासनादेश संख्या- 368 /XIIT) / स०/2005, दिनांक 23 अगस्त 2005 के प्रस्तर-2(1) एवं (2) मे तथा वित्तीय स्तरोन्नयन के शासनादेश संख्या-672/XIII(7) // 2011. दिनांक 08 मार्च 2011 के प्रस्तर-2(4) में दी गई व्यवस्था के आलोक में आवश्यक अग्रेतर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। शासनादेश संख्या-165/XIII(7) /50/(31)/2016 दिनांक 30 नवंबर 2022 द्वारा उक्त शासनादेश संख्या-250, दिनांक 31 दिसम्बर 2016 को निर्गमन की दिनांक से निरस्त कर वसूली के आदेश पारित किए गए। जिसके विरुद्ध उत्तराखंड उच्च न्यायालय, नैनीताल में रिट याचिका संख्या-45(एस०बी०) / 2023 कोषागार स्टाफ एसोसिएशन बनाम उत्तराखंड राज्य एवं अन्य योजित है।
उत्तराखंड शासन, कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग-2 देहरादून की अधिसूचना संख्या-124/ XXX2/19/30 (2)/2018 दिनांक 12 जून 2019 के संबंध में उच्च न्यायालय, नैनीताल में रिट याचिका संख्या-1119(एनए)/2019 कोषागार स्टाफ एसोसिएशन बनाम उत्तराखंड राज्य एवं अन्य योजित होने पर प्रकरण न्यायधीन हैं।

सचिवालय के समान पैरिटी, अब अन्याय क्यों
सेवानिवृत्त होने वाले सहायक कोषाधिकारियों / उपकोषाधिकारियों / वित्त अधिकारियों के पेंशन प्रकरण पर निदेशालय द्वारा आपत्ति व्यक्त की जा रही है। उत्तराखंड शासन, कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग-2. देहरादून की अधिसूचना संख्या-124/XXX-2/19/30/02/2010. दिनांक 12 जून 2019 की दिनांक से वेतनमान कम करके पुनर्निर्धारण किए जाएं, जबकि कोषागार कर्मचारियों को उच्च न्यायालय द्वारा पारित विभिन्न आदेशों के समादर में सचिवालय के समान पैरिटी प्रदान कर वेतनमान प्रदान किए गए। दिनांक 12 जून 2019 में वेतनमान कम करना न्यायालय की अवमानना है। 2019 से उत्तराखंड सचिवालय को पृथक किया गया, जबकि कोषागार कर्मचारियों को नियमावली में शामिल किया गया।

वेतनमान कम करना न्यायालय की अवमानना
संगठन ने कहा कि न्यायालय में योजित याचिका के न्यायधीन होते दिनांक 12 जून 2019 से कोषागार कर्मचारियों के वेतनमान को कम करना भी न्यायालय की अवमानना है। कोषागार कर्मचारियों को पूर्व में “कंप्यूटर भत्ता / आईपीएओ भत्ता” अनुमन्य था, जो समाप्त कर दिया गया है। कोषागागार कर्मचारियों को आईएफएमएस साफ्टवेयर में कार्य करने हेतु तत्काल सचिवालय भत्ते की तर्ज पर “कंप्यूटर भत्ता / आईएफएमएस भत्ता”, ग्रेड-पे का 85 प्रतिशत स्वीकृत किया जाए। विभागीय लेखा के अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा कोषागार के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं किया जाए। निदेशालय से तत्काल सहायक लेखाधिकारी के पद समाप्त कर उनके स्थान पर उप / सहायक कोषाधिकारी के पद में परिवर्तित कर उप / सहायक कोषाधिकारियों को तैनात किया जाए।

कड़ी मेहनत करते हैं कार्मिक, 16 से आंदोलन का पहला चरण
संगठन के मुताबिक शासन द्वारा जो भी साफ्टवेयर लागू किया जाता है, उसे कोषागार कर्मचारियों द्वारा कड़ी मेहनत से उसे सफल बनाया जाता है। अतः आपसे अनुरोध है कि तत्काल कोषागार कर्मचारियों की उक्त सकारात्मक मांगो पर निर्णय लेने का कष्ट करें। कोषागार कर्मचारियों की उक्त मांगों पर तत्काल सकारात्मक निर्णय नहीं होने पर प्रदेश के कोषागार कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन हेतु बाध्य होंगे, जिसके प्रथम चरण में दिनांक 16 अगस्त 2023 से विरोध स्वरूप काली पट्टी बंधी जाएगी और वर्क टू रूल प्रातः 10.00 बजे से शाम 06.00 बजे तक ही काम किया जाएगा और कोई भी कर्मचारी किसी दूसरे के कोड में कार्य नहीं करेगा।

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