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रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में पांच और मुकदमे दर्ज, अब तक सात मुकदमे

सहारनपुर से 31 दिसंबर 2022 को देहरादून लाए गए वर्ष 1958 की रजिस्ट्रियों में की गई छेड़छाड़, अभी अज्ञात में दर्ज किए गए मुकदमे

Amit Bhatt, Dehradun: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का अंत होता नहीं दिख रहा है। सब रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ करने के मामले में पूर्व में दर्ज दो मुकदमों के बाद बुधवार को पांच मुकदमे और दर्ज किए गए हैं। यह मुकदमे सहारनपुर से देहरादून लाए गए वर्ष 1958 के रिकार्ड में छेड़छाड़ से संबंधित हैं। जिन जमीनों की रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ की गई है, वह दून के ब्राह्मणवाला क्षेत्र की हैं। यह मुकदमे सहायक महानिरीक्षक स्टांप (एआइजी) संदीप श्रीवास्तव की तहरीर पर दर्ज किए गए हैं। इससे पहले रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में दो मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनमें अब तक कुल नौ आरोपितों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
शहर कोतवाली प्रभारी/एसआइटी प्रभारी राकेश गुसाईं के मुताबिक सहायक महानिरीक्षक संदीप श्रीवास्तव ने सब रजिस्ट्रार कार्यालय में संरक्षित रजिस्ट्री संख्या 2041, 2844, 2764 व 2716 में छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई है। प्रकरण की जांच में पाया गया कि इन रजिस्ट्रियों व संबंधित जिल्द को सहारनपुर से 31 दिसंबर 2022 को सब रजिस्ट्रार कार्यालय देहरादून लाया गया था। यह रजिस्ट्री/विलेख/जिल्द वर्ष 1958 की हैं। इनके परीक्षण में पाया गया कि मूल रजिस्ट्रियों के पृष्ठ हटाकर उनकी जगह दूसरे पृष्ठ जोड़ दिए गए। जिनके माध्यम से स्वामित्व तक बदल दिए गए। जांच में रजिस्ट्रियों में प्रयुक्त स्याही ताजा पाई गई, जबकि उस दौरान की अन्य रजिस्ट्रियों में प्रयुक्त स्याही धुंधली पाई गई। कुछ पृष्ठ में उनकी संख्या भी अंकित नहीं मिली, जबकि अन्य रजिस्ट्रियों व जिल्द में ऐसा नहीं था। इसके अलावा जिल्द की बाइंडिंग ढीली भी पाई गई, जिसके पृष्ठ बदलने की आशंका गहरा जाती है। लिहाजा, पांचों प्रकरण में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी गई है। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अब तक कुल सात मुकदमे पंजीकृत कर नौ आरोपितों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।

रायपुर व लाडपुर के बाद ब्रह्माणवाला की भूमि में पाया गया फर्जीवाड़ा
जिन रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ कर स्वामित्व बदलने की बात सामने आ रही है, वह ब्रह्माणवाला क्षेत्र से संबंधित हैं। इससे पूर्व जो प्रकरण सामने आए हैं, वह भूमि रायपुर, लाडपुर, राजपुर व रैनापुर ग्रांट क्षेत्र की पाई गई हैं। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में शामिल भूमाफिया गिरोह ने शहरभर की तमाम जमीनों और उनके अभोलेखों को निशाना बनाया है।

सांकेतिक तस्वीर

रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में गिरफ्तार मक्खन सिंह का नाम फिर आया सामने
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में पूर्व में दर्ज मुकदमे में पीलीभीत निवासी मक्खन सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब मक्खन सिंह का नाम सहारनपुर से लाए गए रिकार्ड में छेड़छाड़ में भी सामने आया है। ताजा प्रकरण में रजिस्ट्री संख्या 2041 में पलटन बाजार निवासी राम चंद्र की ओर से मक्खन सिंह को ब्रह्माणवाला में 0.43 एकड़ भूमि विक्रय किया जाना दिखाया गया है। विक्रय के समय मक्खन सिंह की उम्र सात वर्ष दिखाई गई है, लिहाजा विक्रय विलेख में मक्खन के पिता कश्मीर सिंह के नाम का भी उल्लेख है।

1958 में सात साल का था मक्खन सिंह, तब पिता के माध्यम से दिखाई खरीद
सहायक महानिरीक्षक की तहरीर और पुलिस जांच में यह तो स्पष्ट है कि रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ की गई है, लेकिन जिन व्यक्तियों के नाम वर्ष 1958 के विलेख में दर्ज हैं या बाद के वर्षों में दर्ज किए गए हैं, उनके स्वामित्व की स्थिति स्पष्ट नहीं है। क्योंकि, संभव है कि पूर्व से लेकर हाल के वर्षों में दर्ज नाम भी फर्जी रूप से दर्ज पाए जा सकते हैं। क्योंकि, मक्खन सिंह का नाम भी एक विलेख में वर्ष 1958 में नाबालिग क्रेता के रूप में दर्ज पाया गया है।

वर्ष 2018 व 2019 में किया गया खेल
शहर कोतवाली पुलिस के मुताबिक वर्ष 1958 की रजिस्ट्रियों/जिल्दों में छेड़छाड़ करने के बाद संबंधित जमीनों को बेचने का खेल वर्ष 2018 से शुरू किया गया। भूमाफिया गिरोह ने पहले पावर आफ अटॉर्नी तैयार कार्रवाई और फिर अटॉर्नी प्राप्त करने वाले व्यक्ति ने जमीनों की बिक्री शुरू कर दी। वर्ष 2018 से 2019 के बीच जमीनों का विक्रय किया गया है।

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