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रजिस्ट्री प्रकरण में सड़क पर उतरे अधिवक्ता, एसएसपी कार्यालय का किया घेराव

बार भवन के सम्मुख एकजुट होने के बाद एसएसपी कार्यालय की तरफ किया गया कूच, अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन कर पुलिस की एकतरफा कार्रवाई का किया विरोध

Amit Bhatt, Dehradun: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में पुलिस की कार्रवाई तूल पकड़ती जा रही है। फर्जीवाड़े में देहरादून बार एसोसिएशन पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा रही है। खासकर वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी की गिरफ्तारी के बाद से अधिवक्ताओं का आक्रोश और बढ़ गया है। पुलिस कार्रवाई के विरोध में देहरादून बार एसोसिएशन से जुड़े सैकड़ों अधिवक्ता मंगलवार को एकजुट हुए और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय का घेराव किया।
तय कार्यक्रम के मुताबिक अधिवक्ता कार्य से विरत रहे। साथ ही कचहरी प्रांगण स्थित बार भवन के सम्मुख एकत्रित हुए। यहां से सैकड़ों अधिवक्ता रैली की शक्ल में एसएसपी कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं को पुलिस ने कार्यालय परिसर के बाहर ही रोकने का प्रयास किया। इससे हल्की नोक-झोंक भी हुई। एसएसपी कार्यालय का घेराव करते हुए बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों व अधिवक्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हुए एसएसपी को ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में हापुड़ में अधिवक्ताओं पर किए गए लाठीचार्ज की निंदा भी की गई।

इस दौरान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि उन्हें पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का यह प्रकरण बेहद गंभीर है। ऐसे में इसकी जांच सीबीआइ से कराई जानी चाहिए। क्योंकि, पुलिस दबाव में भी काम कर सकती है।

बार एसोसिएशन के सचिव राजबीर बिष्ट ने कहा कि रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अभी तक रिकार्ड रूम प्रभारी व सब रजिस्ट्रार को जांच के दायरे में नहीं लिया गया है। जबकि फर्जी रजिस्ट्रियों को असल बताने वाली नकल की सत्यापित प्रति इन्हीं अधिकारियों के माध्यम से जारी की गई। इन्हीं नकल को विभिन्न राजस्व न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट तक में लगाया गया। ऐसे में अधिवक्ताओं ने भी ऐसी नकल से संबंधित रजिस्ट्रियों पर भरोसा किया। जो कि स्वाभाविक बात भी है। लिहाजा, प्रकरण की जांच अब सीबीआइ से कराई जानी चाहिए। क्योंकि, यह प्रकरण राज्य का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला भी साबित हो सकता है। प्रदर्शन के दौरान देहरादून बार एसोसिएशन की समस्त कार्यकारिणी और बड़ी संख्या में सदस्य अधिवक्ता शामिल रहे। एसोसिएशन ने यह भी ऐलान कि ज्ञापन के क्रम में उचित निर्णय न किए जाने की दशा में आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

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