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पेपर लीक: यूकेएसएसएससी के पूर्व चेयरमैन व सचिव को नहीं मिली जमानत, सालभर से सलाखों के पीछे

हाईकोर्ट में अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को तय, फिलहाल जेल में ही रहना होगा

Amit Bhatt, Dehradun: हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में पेपर लीक के बहुचर्चित मामले में आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ आरबीएस रावत व पूर्व सचिव मनोहर सिंह कन्याल की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अगली तिथि तीन अक्टूबर नियत कर दी। हालांकि, पेपर लीक मामले में ही दो अन्य आरोपित मुकेश चौहान व मुकेश शर्मा की जमानत मंजूर कर ली है।

मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ में डा. रावत सहित चार अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता पिछले एक साल से अधिक समय से जेल में हैं। उन्होंने खुद को निर्दोष व आरोपों को गलत बताते हुए जमानत की याचना की है।

एक दौर में नामी अफसर रहे हैं डा. रावत
राज्य में वन विभाग के मुखिया व सरकार में सलाहकार रहे पूर्व आइएफएस डॉ रघुवीर सिंह रावत की गिनती कभी जबरदस्त कार्यप्रणाली की वजह से होती थी। एनडी तिवारी के कार्यकाल में करीब 400 करोड़ की ग्राम्या परियोजना को मंजूरी मिली तो डा. रावत को ही राज्य परियोजना निदेशक की जिम्मेदारी दी गई। यह परियोजना भी भ्र्ष्टाचार की वजह से चर्चा में रही लेकिन डा. रावत के दामन पर छींटे तक नहीं पड़े।

इसके बाद वन विभाग के मुखिया बन गए तो रिटायरमेंट के बाद उनको भर्ती आयोग का चेयरमैन बना दिया। उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा भी कर लिया था लेकिन जब पेपर लीक मामला उजागर हुआ तो जांच होने पर आयोग चेयरमैन रहे डा. रावत पर भी मुकदमा दर्ज हुआ। इससे उनकी छवि दागदार हुई। साथ ही आयोग की कार्यप्रणाली की वजह से सरकार की फजीहत हुई। एक साल से अधिक समय से डा. रावत तथा आयोग के सचिव रहे मनोहर सिंह कन्याल जेल में हैं। भर्ती घोटाला मामले में मुख्य आरोपित हाकम सिंह, रामनगर के चंदन मनराल को भी जमानत मिल चुकी है।

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