अधिवक्ता विरमानी की जमानत पर सुनवाई टली, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता होंगे खड़े
बुधवार को जिला जज की कोर्ट में होनी थी जमानत पर सुनवाई, बचाव व अभियोजन पक्षों ने कोर्ट से मांगी अगली तारीख
Amit Bhatt, Dehradun: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में गिरफ्तार किए गए देहरादून के नामी वकील कमल विरमानी की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो पाई। अभियोजन व बचाव पक्ष ने कोर्ट से अगली तारीख देने की याचना की। जिसे स्वीकार करते हुए जिला जज प्रदीप पंत की अदालत ने 23 सितंबर की तिथि तय कर दी।
बताया जा रहा है कि अब सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धांत लूथरा कमल विरमानी की जमानत पर पैरवी करेंगे। इस कारण भी बुधवार को जिला जज की कोर्ट में जमानत पर बहस नहीं हो पाई। क्योंकि, वरिष्ठ अधिवक्ता को देहरादून पहुंचने में विलंब हो गया था। इसके चलते बचाव पक्ष के अधिवक्ता एसके धर ने जमानत पर सुनवाई के लिए कोर्ट से अगली तारीख देने का आग्रह किया गया। वहीं, अभियोजन पक्ष से वरिष्ठ शासकीय अधिवक्ता गुरु प्रसाद रतूड़ी ने कोर्ट को बताया कि पुलिस स्टेशन से रिपोर्ट नहीं आई है। उन्होंने भी कोर्ट से अगली तारीख देने की याचना की थी। इसे स्वीकार करते हुए जिला जज प्रदीप पंत की अदालत ने जमानत पर सुनवाई के लिए 23 सितंबर की तिथि तय कर दी है।
27 अगस्त से जेल में हैं विरमानी
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में आरोपित अधिवक्ता कमल विरमानी को एसआईटी ने 26 अगस्त 2023 को गिरफ्तार किया था और 27 अगस्त को विरमानी को न्यायिक हिरासत में सुद्धोवाला जेल भेज दिया गया था। इसके बाद सीजेएम लक्ष्मण सिंह की कोर्ट में उनकी जमानत पर सुनवाई की गई और जमानत निरस्त करते हुए उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड मंजूर की थी। बचाव में विरमानी के अधिवक्ता कोर्ट में यह दलील रख रहे हैं कि एफआईआर में उनका नाम नहीं है। सह-अभियुक्तों के बयानों के आधार पर उनकी गिरफ्तारी की गई है। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के प्रकरण में एसआईटी अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और नौ मामले पंजीकृत किए गए हैं।