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कार्बेट पेड़ कटान में सीबीआई का मुकदमा, पूर्व आईएफएस किशनचंद लपेटे में

हाई कोर्ट के आदेश के क्रम में सीबीआई ने दर्ज किया मुकदमा, तत्कालीन हरक की भूमिका की भी होगी जांच

Amit Bhatt, Dehradun: कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के पाखरो में टाइगर सफारी के लिए पेड़ों के अवैध कटान व निर्माण कार्यों में अनियमितता के मामले में सीबीआई फ्रंटफुट पर आ गई है। प्रकरण में नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी है। मुकदमे में सीबीआई ने हुए तत्कालीन प्रभागीय वन प्रभागीय वनाधिकारी अधिकारी आईएफएस किशनचंद समेत दो आरोपित बनाया है। इसी प्रकरण में किशनचंद पर विजिलेंस मुकदमा दर्ज कर दिसंबर 2022 में गिरफ्तार कर चुकी है। अब सीबीआई का शिकंजा कसने के बाद आरोपितों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।

कार्बेट पेड़ कटान मामले का आरोपित पूर्व आईएफएस किशनचंद। फाइल फोटो

मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआइ ने शुक्रवार शाम हरिद्वार में आरोपित किशनचंद के घर और देहरादून में पूर्व रेंजर बृज बिहारी शर्मा के घर पर दबिश दी। इस दौरान मामले से जुड़े दस्तावेज कब्जे में लेने की बात बताई जा रही। सूत्र बता रहे हैं कि सीबीआई इस प्रकरण में कई अन्य आरोपितों को भी नामजद कर सकती है। कार्बेट प्रकरण पर पूर्व में हुई जांच में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत की भूमिका पर भी प्रश्न उठाए गए हैं। ऐसे में सीबीआई के मुकदमा दर्ज करने के बाद उनकी भूमिका की भी गहन जांच की जाएगी। ऐसे में उनकी मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।

यह है कार्बेट में पेड़ कटान का प्रकरण
पाखरो में टाइगर सफारी के लिए पेड़ों के अवैध कटान का मामला तब सामने आया था, जब राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने इस संबंध में मिली शिकायत की स्थलीय जांच की। साथ ही शिकायत को सही पाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की गई। इस प्रकरण की अब तक कई एजेंसियां जांच कर चुकी हैं। यह बात सामने आई है कि सफारी के लिए स्वीकृति से अधिक पेड़ों के कटान के साथ ही बड़े पैमाने पर बिना वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति के निर्माण कराए गए। सुप्रीम कोर्ट की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इस प्रकरण में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह की भूमिका पर भी प्रश्न उठाते हुए उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया था। भारतीय वन सर्वेक्षण की सेटेलाइट जांच में यहां छह हजार से ज्यादा पेड़ों के कटान की बात सामने आई थी। मामले में दो आएफएस पर भी कार्रवाई की जा चुकी है।

पूर्व वन मंत्री हारक सिंह रावत। फाइल फोटो।

मुख्यमंत्री धामी के आदेश पर खुली परत, दर्ज किया गया था मुकदमा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर वर्ष-2022 में विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में इस मामले मे मुकदमा दर्ज किया गया। जांच के बाद विजिलेंस ने एक आरोपित बृजबिहारी शर्मा को गिरफ्तार किया और इसके बाद 24 दिसंबर 2022 को पूर्व डीएफओ किशनचंद को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में विजिलेंस न्यायालय में आरोपपत्र भी दाखिल कर चुकी है। विजिलेंस ने इसी वर्ष 30 अगस्त को पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के परिवार से संबंधित देहरादून में एक शिक्षण संस्थान और एक पेट्रोल पंप पर भी छापा मारा था। इसी बीच उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआइ ने विजिलेंस से जांच संबंधी दस्तावेज हासिल किए और अब शुक्रवार को मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है।

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