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7 करोड़ की नकली दवा बेची जा चुकी, देश के 44 स्थानों पर की बिक्री

नकली दवा बनाने व बेचने के मामले में पकड़े गए आरोपियों सचिन व विकास के ठिकानों से पुलिस ने जुटाई चौंकाने वाली जानकारी, सितंबर माह में ही दिल्ली के एक सप्लायर को बेची गई 90 लाख की नकली दवाएं

Amit Bhatt, Dehradun: जगसनपाल फार्मास्युटिकल व वर्लटर बूसनल कंपनी के नाम से नकली दवा बनाने के मामले में पुलिस जांच में कई चौंकाने वाली बात सामने आई है। पुलिस के मुताबिक एसएस मेडिकोज के नाम से बनाई गई फर्म महज 10 माह में ही अपना नेटवर्क दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के 44 स्थानों पर फैला चुकी थी।

सांकेतिक तस्वीर।

दिसंबर 2022 में फर्म खोलने के बाद इन स्थानों पर सात करोड़ रुपये की नकली दवाएं बेची गईं। सितंबर माह में ही दिल्ली के एक सप्लायर को 90 लाख रुपये की दवाएं बेचने की बात भी सामने आई है। जिस तरह से आरोपित 50 रुपये में दवा का एक पत्ता (10 कैप्सूल का) बेचते थे, उसके आधार पर माना जा रहा है कि अब तक नकली दवा के करीब 1.5 करोड़ कैप्सूल बेचे जा चुके थे।

नकली दवा फैक्ट्री चलाने वाले आरोपित सचिव शर्मा और विकास कुमार, गिरफ्तार किए जाने के दौरान।

दून पुलिस ने 15 अक्टूबर को हरिद्वार के झबरेड़ा के मकदूमपुर गांव में छापेमारी कर नकली दवा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी थी। इसके साथ ही एसएस मेडिकोज के देहरादून स्थित अमन विहार कार्यालय पर भी छापा मारा गया। दोनों स्थानों से पुलिस को नकली दवाओं के 29 लाख से अधिक इंडोकेप और इंडोकेप-एसआर कैप्सूल मिले थे। नकली दवाइयां बनाने और बेचने के आरोप में पुलिस ने मुख्य अभियुक्त सचिन शर्मा व उसके पार्टनर विकास कुमार को गिरफ्तार किया था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अजय सिंह।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार के मुताबिक देश के जिन 44 स्थानों पर नकली दवाएं बेची जा चुकी हैं, अब वहां से दवाओं की बरामदगी की कार्रवाई शुरू करा दी गई है। ताकि नकली दवाओं के सेवन से आमजन को बचाया जा सके। इसके लिए संबंधित स्थानों के लिए अलग-अलग पुलिस टीम को रवाना कर दिया गया है।

उत्तराखंड के ड्रग कंट्रोलर को दी 44 स्थानों की जानकारी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि देश के जिन 44 स्थानों पर गुरुग्राम की नामी फार्मास्युटिकल कंपनी जग्सनपाल के नाम से नकली दवाओं की आपूर्ति की गई हैं, उनकी जानकारी ड्रग कंट्रोलर उत्तराखंड को उपलब्ध कराई गई है। ताकि वह संबंधित राज्यों के ड्रग कंट्रोलर से संपर्क कर तत्काल आवश्यक कार्रवाई कर सकें। इसके अलावा संबंधित क्षेत्रों के पुलिस अधीक्षकों को भी यह जानकारी मुहैया कराई जा रही है।

पुलिस 29 बैंक खातों को करा रही फ्रीज
पुलिस को नकली दवा बनाने के आरोपितों के 29 बैंक खातों की जानकारी मिली है। इनमें 65 लाख रुपये से अधिक की रकम जमा होने का पता चला है। इन खातों को फ्रीज कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कई खाते अब तक फ्रीज भी कराए जा चुके हैं।

जीएसटीआर-1 ने बताए एसएस मेडिकोज का नेटवर्क

नकली दवाओं की आपूर्ति के लिए मुख्य अभियुक्त सचिन शर्मा ने एसएस मेडिकोज का लाइसेंस ड्रग कंट्रोलर विभाग से लिया था। इसके साथ ही जीएसटी में भी पंजीकरण कराया गया था। पुलिस ने स्टेट जीएसटी के अधिकारियों से दवाओं की आपूर्ति को लेकर पूरी जानकारी मांगी। स्टेट जीएसटी की संयुक्त आयुक्त एसआइबी/प्रवर्तन सुनीता पांडे ने उन्हें फर्म की ओर से भरे गए जीएसटीआर-1 के आधार पर पूरी जानकारी मुहैया करा दी। इसमें माल की आपूर्ति वाले स्थानों का विवरण उपलब्ध होता है। इसके आधार पर भी पुलिस को यह पता चल पाया कि एसएस मेडिकोज ने नकली दवाओं की आपूर्ति देश के विभिन्न राज्यों के किन-किन स्थानों पर की है। वहीं, स्टेट जीएसटी के संयुक्त आयुक्त देहरादून संजीव सोलंकी के मुताबिक उनके कार्यालय से भी माल की आपूर्ति की जानकारी मांगी गई है। कुछ जानकारी मुहैया करा दी गई है, शेष जानकारी गुरुवार को उपलब्ध करा दी जाएगी।

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