दून के इस शख्स की सालाना कमाई 1.43 करोड़, चलते हैं ऑल्टो में, कारण जानकर करेंगे सलाम
तमाम बड़ी कारों का शौक रखने और दुनियाभर में घूमने के बाद बनाया ऑल्टो को अपना साथी, कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की दिशा में कर रहे हैं काम

Amit Bhatt, Dehradun: दून की सड़कों पर बड़ी एसयूवी कारों का हुजूम कोई नई बात नहीं है। जिसकी जेब में जितना पैसा, उसके पास उतनी बड़ी और लंबी कार मिल जाएगी। बड़ी कार मतलब स्टेटस सिंबल। आज की पीढ़ी तो बैंक से लोन लेकर भी लग्जीरियस कार का शौक पूरा करने में जरा भी संकोच नहीं करती है। ऐसे में शायद ही आपको कोई ऐसा करोड़पति व्यक्ति दिख जाएगा, जिसने ऑल्टो जैसी साधारण कार को ही अपने सफर का जरिया बना लिया हो। जी हां, हम बात कर रहे हैं ऐसे ही शख्स की, जिनकी सालाना कमाई करीब डेढ़ करोड़ रुपये है और संपत्ति 08 करोड़ रुपये से अधिक, लेकिन वह सफर करते हैं तो बस ऑल्टो कार में।

दरअसल, ऑल्टो कार चलाने को वह अपनी जिम्मेदारी मानते हैं। वह बढ़ते प्रदूषण के बीच कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की दिशा में प्रयासरत हैं। उन्हें चिंता है दून की संकरी, जाम से भरी और पार्किंग-विहीन सड़कों की। यह शख्स हैं प्रदेश थिंक टैंक और सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज (एसडीसी) फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल। उन्होंने अपनी ऑल्टो कार के साथ एक चित्र फेसबुक पर साझा किया है। जिसमें उन्होंने अपनी ऑल्टो की कहानी और उसके मायने साझा किए हैं। उनका कहना है कि तमाम बड़ी कारें उनके पास रह चुकी हैं। दुनियाभर में घूम लिया। हालांकि, अब वह पिछले 15 सालों से देहरादून में हैं और इंडोनेशिया में काम करने के बाद इसलिए वापस लौटे कि भारत में ही काम करना है।

जब वह दून की सड़कों पर निकलते तो अपराधबोध से घिर जाते थे। संकरी सड़कों पर बड़ी कारों का मतलब यह होता कि उन जैसे तमाम लोग दूसरे के हिस्से की सड़क का बहुत बड़ा हिस्सा घेर लेते हैं। यहीं से उनके ऑल्टो में सफर की जो कहानी शुरू हुई, वह अनवरत रूप से जारी है। वह ऑल्टो के साथ साझा की गई अपनी तस्वीर को लेकर कहते हैं कि 16 साल की ऑल्टो के साथ खुश हूं। इस कार को उन्होंने हाल में ही रीफर्बिश्ड (नई जैसी) किया है। उन्होंने कहा कि खुद को सीमित करना खुशी देता है और यह कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ने में भी मदद करता है।
कोई सवाल कर सकता है कि कार चलाना बंद क्यों नहीं कर देते
वह खुद के लिए दूसरों की तरफ से सवाल भी उठाते हैं। वह कहते हैं कि कुछ लोग सवाल कर सकते हैं कि कार चलाना बंद क्यों नहीं कर देते। सार्वजनिक परिवहन का भी तो विकल्प है। या दोपहिया वाहन भी चला सकते हैं। संक्षेप में उनका मानना है कि हम में से किसी को भी 100 प्रतिशत परिपूर्ण होने की जरूरत नहीं है या किसी अन्य से प्रतिस्पर्धा करने की भी जरूरत नहीं है। इसके बजाए महत्वपूर्ण यह है कि हम जिस उपयोग के आदि हैं, वह थोड़ा कम करें। खुद को थोड़ा छोटा, थोड़ा दयालु, थोड़ा सज्जन बनाने की जरूरत है।

लोकसभा व विधानसभा चुनाव में घोषित की थी संपत्ति
अनूप नौटियाल की जो संपत्ति राउंड द वाच न्यूज पोर्टल ने आपके साथ साझा की है, वह वर्ष 2014 के लोकसभा व वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में घोषित की गई थी। इसके बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से कोई संपत्ति घोषित नहीं की है। तब अनूप नौटियाल टिहरी लोकसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे। उसी दौरान की घोषणा में उन्होंने अपने आयकर रिटर्न के मुताबिक वार्षिक आय 67.50 लाख रुपये के करीब घोषित की थी। यह उनकी वेतन की आय थी और उन पर किसी तरह का कर्जा भी घोषित नहीं था। सबसे अहम कि घोषित संपत्ति उन्होंने स्वयं अर्जित की। इसके बाद जब उन्होंने वर्ष 2017 से कैंट विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा तो आयकर रिटर्न में सालाना कमाई करीब 1.43 करोड़ रुपये घोषित की थी।