Amit Bhatt, Dehradun: विकासनगर क्षेत्र में तीन अलग-अलग क्षेत्रों में 18 बीघा भूखंड पर अवैध रूप से प्लाटिंग की जा रही थी। इसका लेआउट भी एमडीडीए से पास नहीं कराया गया था। साथ ही भोलेभाले व्यक्तियों को प्लाट बेचने का काम भी शुरू कर दिया गया था। जिसमें यह भी सपष्ट नहीं था कि भूखंड का उपयोग आवासीय है या कृषि। इससे पहले कि प्रापर्टी डीलर अपने मंसूबों में कामयाब हो पाते, एमडीडीए के पीठासीन अधिकारी/उपजिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार ने अवैध प्लॉटिंग पर जेसीबी चलवा दी।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि क्षेत्र विस्तार के बाद अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने की चुनौतियां भी बढ़ी हैं। इसके चलते विभिन्न तहसीलों में संबंधित उपजिलाधिकारियों को भी अवैध निर्माण पर सुनवाई करने व कार्रवाई की शक्तियां दी गई हैं। साथ ही समय-समय पर इस दिशा में निर्देश भी जारी किए जाते हैं। इसी क्रम में उपजिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार ने अवैध प्लाटिंग के तीन अलग-अलग प्रकरण में सुनवाई करते हुए ध्वस्तीकरण के आदेश दिए थे। लिहाजा, गुरुवार को एमडीडीए की टीम ने राजावाला डाकपत्थर में विशाल शर्मा की 08 बीघा, केसरबाग, बाबूगढ़ में राजेंद्र की 06 बीघा और इसी क्षेत्र में धीरेंद्र की 04 बीघा प्लाटिंग को ध्वस्त कर दिया। इस दौरान एमडीडीए की टीम ने प्लाटिंग के लिए किए गए सीमांकन, मार्ग आदि पर जेसीबी चलाई। कार्रवाई करने वाली टीम में सहायक अभियंता प्रमोद मेहरा, अवर अभियंता जितेंद्र मौर्य, सुपरवाइजर अमरलाल भट्ट आदि शामिल रहे। उधर, एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने सभी अभियंताओं को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहकर निगरानी करें। अवैध निर्माण पर शुरुआती अवस्था में ही अंकुश लगाया जाए।
चकराता रोड पर कमर्शियल निर्माण सील
चकराता रोड पर यमुना कॉलोनी के नजदीक अवैध रूप से कमर्शियल निर्माण कर लिया गया था। संयुक्त सचिव कुश्म चौहान के द्वारा जारी सीलिंग आदेश क्रम में इस अवैध निर्माण को सहायक अभियंता राजेंद्र बहुगुणा, अवर अभियंता प्रिंस एवं सुपरवाइजर लीलाधर जोशी की मौजूदगी में सील किया गया।