एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करते आवास एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल।
Amit Bhatt, Dehradun: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 की छटा, उपयोगिता और मील का पत्थर साबित होते सभी ने देखा। इस दौरान शहर की सुंदरता में लगाए गए चार चांद को भी जनता से लेकर निवेशकों ने महसूस किया। हालांकि, दून की सुंदरता रातोंरात नहीं बढ़ गई, बल्कि एमडीडीए की टीम ने दिन-रात काम कर शहर को संवारा। अब इन्वेस्टर्स समिट का सफलतम आयोजन किया जा चुका है तो सरकार इस उपलब्धि के पीछे के चेहरों को सम्मानित करना भी नहीं भूली। आवास एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी समेत उनकी टीम को सम्मानित किया। इस दौरान बेहतर कार्य के लिए हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) के अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करते आवास एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल।
आवास एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विधानसभा स्थित कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी, सचिव मोहन सिंह बर्निया, एचआरडीए के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह, सचिव उत्तम सिंह समेत उनकी टीम को सम्मानित किया गया।
इन्वेस्टर्स समिट में बेहतर कार्य के लिए एमडीडीए के अभियंताओं को भी मिला सम्मान।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के लिए शहर की सूरत संवारने में एमडीडीए व एचआरडीए ने अथक प्रयास किए हैं। समिट के लिए शहर को बेहतर ढंग से संवारा गया और इस अहम कार्य में दोनों प्राधिकरणों की भूमिका अहम रही। उन्होंने कहा कि प्राधिकरणों की मेहनत के बूते हजारों करोड़ रुपये के निवेश की राह भी खुली है। इसी तरह की अपेक्षा राज्य सरकार को अपने अधिकारियों और एजेंसियों से रहती है। इस दौरान अधिकारियों, अभियंताओं और विभिन्न कार्मिकों को प्रशस्ति पत्र भी दिया गया।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने इस सम्मान को बेहतर कार्य करने की प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि इससे पहले जी-20 समिट के दौरान भी एमडीडीए की टीम ने अपनी क्षमता का बेहतर प्रदर्शन किया था और आगे भी यह टीम वर्क जारी रहेगा।
शहर को संवारने वाले इन प्रयासों की सराहना
-जौलीग्रांट एयरपोर्ट से एफआरआइ तक 13 सड़कों के 111 किलोमीटर भाग को संवारा गया।
-मुख्य मार्गों पर स्थित भवनों पर फसाड नीति के तहत एक समान 13 हजार बोर्ड लगाए गए।
-सड़कों के डिवाइडर वाले भाग की रेलिंग को पेंट करने के साथ ही हरियाली व फूलों से सुसज्जित किया गया।
-सड़क किनारे उपयुक्त स्थलों पर गमले आदि लगाए गए।
-100 से अधिक दीवारों पर राज्य की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहर की परिकल्पना की पेंटिंग उकेरी गईं।