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कैसे हुआ चीला हादसा, नए वीडियो में आया सामने, रफ्तार और हादसे के बीच के 12 सेकेंड

इंटरसेप्टर वाहन के ड्राइवर और एक अधिकारी के बीच की बातचीत के बाद बढ़ाई गई वाहन की रफ्तार, एक बार ड्राइवर ने कहा रिस्क नहीं लेना सर, फिर थोड़ा आगे बढ़ने पर कहा 'यहां एक्सेलरेट करूं सर'

Amit Bhatt, Dehradun: तीन वन अधिकारियों समेत अब तक 06 व्यक्तियों की जान लेने वाला चीला हादसा कैसे हुआ, यह बात नए वीडियो में स्पष्ट हो रही है। नए वीडियो में देखा जा सकता है, कैसे वाहन की रफ्तार बढ़ी और महज 12 सेकेंड के बीच वाहन सड़क किनारे खड़े पेड़ों से जा टकराया। कुल 56 सेकेंड के इस वीडियो में पहले ड्राइवर अश्वनी बीजू यह कहते सुनवाई पड़ रहे हैं कि 45 की स्पीड बहुत है, रिस्क नहीं लेना है और फिर कुछ ही देर बाद यह कहते हुए भी सुनाई दे रहे हैं कि यहां एक्सेलरेट करूं सर। फिर वाहन की रफ्तार तेज होती है और महज 12 सेकेंड के भीतर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है।

इस हादसे में चीला रेंज के वन क्षेत्राधिकारी (रेंजर) शैलेश घिल्डियाल, उप वन क्षेत्राधिकारी (डिप्टी रेंजर) प्रमोद ध्यानी, सैफ अली खान और कुलराज की जान चली गई थी। दूसरी तरफ सहायक वन संरक्षक/वन्यजीव प्रतिपालक आलोकी चीला शक्ति नहर में गिर गईं, जिनका शव चीला पावर हाउस के जलाशय से 03 दिन बाद बरामद किया जा सका। दुर्घटना में राजाजी नेशनल पार्क के पशु चिकित्सक डॉ राकेश नौटियाल, अंकुश, वाहन चला रहे अश्वनी बीजू, अमित सेमवाल व हिमांशु गुसाईं घायल हो गए थे। वहीं, अब एम्स ऋषिकेश में भर्ती घायल अंकुश ने दम तोड़ दिया है, राहत की बात यह जरूर है कि पशु चिकित्स्क डॉ राकेश नौटियाल की हालत में सुधार हो रहा है।

चीला रोड पर हादसे से पहले इंटरसेप्टर वाहन के ट्रायल के दौरान वन विभाग के अधिकारी।

वन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक चीला हादसे की जो वीडियो रिकार्डिंग सामने आई है, वह सफारी के लिए ट्रायल पर लाए गए इंटरसेप्टर वाहन के कैमरे की है। जिसमें वाहन चालक संभवतः पीछे बैठे वाहन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी से वार्ता कर रहे हैं। वीडियो में सुनवाई दे रहा है कि अधिकारी चालक को रफ्तार बढ़ाने के लिए कह रहे हैं। चालक पहले तो इन्कार करते हैं। कहते हैं कुछ को नीचे उतारना पड़ेगा। कहीं गिर-विर गए तो? इसके बाद वाहन एक मोड़ पर धीमा होता है। एक दुपहिया वाहन को ओवरटेक करता है और फिर रफ्तार बढ़ा दी जाती है। बहरहाल, कंपनी और वाहन चालक पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। साथ ही हादसे की जांच रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है।

 पैराफिट से कैसे टकराया वाहन, वार्डन अलोकी नहर में कैसे गिरीं?
चीला हादसे के नए वीडियो में दिख रहा है कि वाहन के पेड़ों से टकराने के बाद वह वहीं रुक गया था। क्योंकि, इसके बाद कैमरा स्थिर स्थिति में नजर आता है और वाहन में भी कोई गति नजर नहीं आती। जिससे आभास होता है कि वाहन सिर्फ एक बार ही टकराया। जबकि अभी तक यह बात भी कही जा रही है कि वाहन पेड़ों से टकराने के बाद चीला नहर के पैराफिट से टकराया था। इसी टक्कर में उप वन्यजीव प्रतिपालक अलोकि नहर में जा गिरीं। यह ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब अभी किसी के भी पास नहीं हैं। उम्मीद है कि वन विभाग और परिवहन विभाग की जांच रिपोर्ट में इनके जवाब मिल पाएंगे।

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