उत्तराखंड के 5.5 लाख कर्मचारियों को पीएफ पर मिलेगा ज्यादा ब्याज
ईपीएफओ ने ब्याज दर को बढ़कर 8.25 प्रतिशत की, कर्मचारियों को मिलेगा फायदा

Amit Bhatt, Dehradun: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अंशधारक कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने वर्ष 2023-24 के लिए कर्मचारियों के अंशदान (पीएफ खाते में जमा राशि पर) पर ब्याज की दर में बढ़ोतरी करते हुए इसे 8.25 प्रतिशत वार्षिक कर दिया है। पहले ब्याज दर 8.10 प्रतिशत थी, जिसमें 0.10 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। उत्तराखंड में ईपीएफ के अंशधारकों की बात करें तो यह संख्या करीब 5.5 लाख के करीब है। ऐसे में राज्य में भी लाखों कर्मचारियों के पीएफ खाते में जमा राशि पर अब अधिक ब्याज मिलेगा। EPFO के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने शनिवार को अपनी बैठक में वर्ष 2023-24 के लिए EPF पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दर (EPF Interest Rates) देने का फैसला किया है। सीबीटी के फैसले के बाद वर्ष 2023-24 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर को सहमति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा।
पूर्व में ईपीएफओ ने घटाया था ब्याज
मार्च 2022 में ईपीएफओ ने करीब 7 करोड़ कर्मचारियों के लिए वर्ष 2021-22 के लिए EPF पर ब्याज को घटाकर 04 दशक के निचले स्तर पर 8.1 प्रतिशत कर दिया था, जो 2020-21 में 8.5 प्रतिशत था। ब्याज में कटौती होने के बाद ईपीएफ का ब्याज वर्ष 1977-78 के बाद से सबसे कम हो गया था। वित्त वर्ष 1977-78 में ईपीएफ ब्याज दर 8 प्रतिशत था। वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा (EPF Deposit) पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर सीबीटी द्वारा मार्च 2021 में तय की गई थी।
इस साल भी घटाया गया था ब्याज
मार्च 2020 में भी ईपीएफओ ने वर्ष 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा (EPF Deposit) पर ब्याज दर को घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत पर कर दिया था, जो वर्ष 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत थी। EPFO ने अपने ग्राहकों को वर्ष 2016-17 में 8.65 प्रतिशत और वर्ष 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दर दी थी। वहीं, वर्ष 2015-16 में ब्याज दर थोड़ी अधिक 8.8 प्रतिशत थी। इसके अलावा ईपीएफओ ने वर्ष 2013-14 के साथ-साथ वर्ष 2014-15 में 8.75 प्रतिशत ब्याज दर तय की थी।
करीब 7 करोड़ कर्मचारी हैं पंजीकृत
ईपीएफओ निजी सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट के तहत ब्याज दर का हर साल ऐलान करता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के तहत करीब 7 करोड़ कर्मचारी जुड़े हुए हैं। ईपीएफओ के ब्याज तय करने के बाद वित्त मंत्रालय अंतिम फैसला लेता है। कर्मचारी भविष्य निधि खाते पर ब्याज साल में एक बार 31 मार्च को दिया जाता है।