चुनाव में ग्रामीणों को पुलिस ने किया पाबंद, खता क्या हुई पता नहीं, नोटिस में जताई चुनाव प्रभावित करने की आशंका
टिहरी के सुदूर घनसाली क्षेत्र की एसडीएम ने पुलिस की रिपोर्ट पर 03 ग्रामीणों को भेजा नोटिस, ग्रामीण कह रहे 02 हफ्ते से कहीं गए भी नहीं
Amit Bhatt, Dehradun: लोकसभा चुनाव में पुलिस को सुदूर घनसाली क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का खतरा पैदा होता दिख रहा है। घनसाली तहसील के थापला गांव के 03 ग्रामीणों को पुलिस की संस्तुति के आधार पर उपजिलाधिकारी (एसडीएम) घनसाली ने नोटिस जारी किया है। जिसमें 50-50 हजार रुपये के बंधपत्र (बॉन्ड) जमा करने को भी कहा गया है। एसडीएम का नोटिस मिलते ही ग्रामीण भय में हैं। उन्हें यह नहीं पता कि उनसे खता क्या हुई है और उनसे किस तरह चुनाव प्रभावित होने का खतरा पैदा हो गया है। यह क्षेत्र टिहरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
एसडीएम घनसाली का यह नोटिस केशवानंद, सुभाष व देव सिंह को मिला है। इनमें से दो व्यक्ति बीपीएल परिवार के सदस्य हैं। नोटिस के मुताबिक थानाध्यक्ष घनसाली की 21 मार्च 2024 की चालानी रिपोर्ट के अंतर्गत धारा 107/116 (3) भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता में केशवानंद, सुभाष व देव सिंह को पाबंद किया जाना है। बताया गया है कि तीनों व्यक्ति राजनीतिक/सामाजिक पार्टियों से जुड़े हुए हैं। लोकसभा चुनाव-2024 में ये अपने प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान के लिए वोटरों को प्रभावित कर सकते हैं। ये अति उत्साह के कारण आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर सकते हैं। जिससे सार्वजानिक शांति एवं कानून व्यवस्था भंग होने का पूरा अंदेशा है।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि शांति व्यवस्था कायम करने के लिए इन तीनों व्यक्तियों को इस न्यायालय में पाबंद किया जाना अति आवश्यक है। नोटिस के क्रम में तीनों व्यक्तियों को उपजिलाधिकारी घनसाली की कोर्ट में 10 अप्रैल 2024 को सुबह 10 बजे पेश होने का आदेश दिया गया है। यह व्यक्ति संबंधित न्यायालय में पेश होकर यह बताएंगे कि उन्हें 50-50 हजार रुपये के बॉन्ड के साथ एक वर्ष या उससे अधिक समय के लिए क्यों न पाबंद या आबद्ध किया जाए।
इस नोटिस के मिलने से बाद से ही श्रमिक के रूप में काम करने वाले ये ग्रामीण भय में हैं। उनका कहना है कि पुलिस यह भी नहीं बता रही है कि उनकी गलती क्या है। उन्होंने इस नोटिस को उत्पीड़नात्मक कार्रवाई बताया है। उधर, एसडीएम अपूर्वा सिंह का कहना है कि नोटिस पुलिस की संस्तुति के क्रम में जारी किए गए हैं। इस बारे में संबंधित व्यक्ति अपना पक्ष रखते हैं। पुलिस से भी स्पष्ट कारण पूछा जाएगा। ताकि किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध गैरजरूरी कार्रवाई संपादित न की जा सके।