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वो कौन से दस्तावेज थे, जिनकी खातिर इंजीनियर को दून से उठा ले गए ठेकेदार

उत्तरकाशी में मिली लोनिवि इंजीनयर की आखिरी सीसीटीवी फुटेज, 12 मई को दून स्थित घर से उत्तरकाशी के ठेकेदार राजदीप के साथ निकले थे अमित

Amit Bhatt, Dehradun: राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अपर सहायक अभियंता अमित चौहान के लापता हो जाने के पीछे तमाम बातें उठ रही हैं। आखिर वो कौन से ऐसे दस्तावेज थे, जिनकी खातिर उत्तरकाशी के ठेकेदार दून तक पहुंचे और अभियंता अमित चौहान को उनके घर से उठाकर अपने साथ ले गए। इन्हीं दस्तावेजों की तलाश उस लोनिवि निर्माण खंड चिन्यालीसौड़ को भी थी, जहां अमित चौहान पूर्व में तैनात थे। क्योंकि, चिन्यालीसौड़ खंड ने करीब 06 माह पहले अमित चौहान के वर्तमान तैनाती स्थल राष्ट्रीय राजमार्ग खंड देहरादून को पत्र लिखकर दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा था। इन बातों के सही जवाव या तो अमित चौहान ही दे सकते हैं या वह ठेकेदार, जो अभियंता को अपने साथ उत्तरकाशी ले गए थे। तभी से अपर सहायक अभियंता अमित चौहान लापता भी हैं।

अपर सहायक अभियंता 12 मई 2024 से लापता हैं। उस दिन शाम करीब 05 बजे उत्तरकाशी के ठेकेदार राजदीप परमार अपर सहायक अभियंता अमित चौहान को नानक विहार देहराखास स्थित घर से अपने साथ लेकर गए थे। राजदीप ने अभियंता की पत्नी अंजना चौहान से कहा था कि वह उन्हें 01 घंटे में घर वापस छोड़ देंगे। जिसके बाद ठेकदार अमित चौहान को सीधे डुंडा, उत्तरकाशी ले गए। उसी दिन शाम से अमित चौहान का मोबाइल भी बंद आ रहा है। इधर, लोनिवि के अभियंता के इस तरह लापता होने को उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने अपहरण करार दिया है। इस बाबत महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष एसएस चौहान के नेतृत्व में डीजीपी को ज्ञापन दिया जा चुका है। अभियंताओं में आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है।

बताया जा रहा है कि डुंडा में राजदीप परमार का राजाजी नाम से एक होटल भी है। वह अभियंता अमित चौहान को यहीं लेकर पहुंचे थे। रात को अमित चौहान को इसी होटल में ठहराया गया था। राजदीप और एक अन्य व्यक्ति के साथ होटल में अमित चौहान के प्रवेश करने के सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए हैं। उस समय सभी का आचार-व्यवहार सामान्य दिख रहा है। इसके बाद 13 मई की सुबह 06 से 07 बजे के बीच होटल के बाहर और पास के एक पेट्रोल पंप की सड़क की फुटेज में भी अमित चौहान टहलते हुए दिख रहे हैं। इसके बाद अमित चौहान कहां गए, किसी को पता नहीं है। लिहाजा, अब पुलिस को इस मामले को सामान्य गुमशुदगी की जगह एक सोची-समझी प्लानिंग का हिस्सा होने के हिसाब से भी देखना चाहिए।

राजाजी कंस्ट्रक्शन का भुगतान और गायब दस्तावेजों का क्या है सच?
अपर सहायक अभियंता अमित चौहान जून 2023 के आसपास ही राजमार्ग खंड देहरादून में तैनात हुए थे। इससे पहले वह निर्माण खंड चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी में कार्यरत थे। उनके कार्यकाल में वर्ष 2020-21 में राजदीप परमार की राजाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनचौरा-बद्रीगाड़ मोटर मार्ग के अलग-अलग हिस्सों में कुल 18 किमी भाग पर डामरीकरण संबंधी कार्य किए थे। बताया जा रहा है कि इस काम का करीब 70 से 80 लाख रुपये का बकाया चल रहा था। इस बकाया राशि को लेकर राजाजी कंस्ट्रक्शन ने विभाग को लीगल नोटिस भी भिजवाया है। कुछ अन्य ठेकदारों के बकाया भुगतान को लेकर भी प्रकरण लंबित बताए जा रहे हैं, जो 06 से 07 करोड़ रुपये के बीच अनुमानित हैं। लेकिन, इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकी है। इस मामले में निर्माण खंड चिन्यालीसौड़ के अधिशासी अभियंता मनोज दास कुछ भी स्पष्ट कहने से बच रहे हैं।

होटल राजाजी के बाहर 13 मई की सुबह टहलते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद अभियंता अमित चौहान।

माना जा रहा है कि निर्माण कार्य या भुगतान की किसी प्रक्रिया में तकनीकी अड़चन आ रही थी। परियोजना से संबंधित कुछ दस्तावेज भी चिन्यालीसौड़ खंड से गायब हैं। इन्हें अमित चौहान के कब्जे में होना बताया जा रहा है। यह भी एक कारण हो कि दस्तावेजों की खोजबीन के लिए राजदीप परमार अपर सहायक अभियंता को अपने साथ उत्तरकाशी ले गए हों। इसी तरह के कुछ दस्तावेजों को लेकर चिन्यालीसौड़ खंड ने अमित चौहान के वर्तमान खंड कार्यालय को पत्र भी लिखा था। दस्तावेजों को लेकर राजमार्ग खंड के अधिकारियों ने उस समय अमित से पूछा भी था। लेकिन, तब अमित ने सिर्फ यही कहा कि जल्द वांछित दस्तावेज उपलब्ध करा दिए जाएंगे।

लेकिन, ऐसा था तो फिर अमित चौहान अचानक गायब क्यों हो गए? क्या उन दस्तावेजों में ऐसा कुछ था जो अमित चौहान की सेवा पर विपरीत असर डाल सकता था या उनका सीधा संबंध राजदीप की कंस्ट्रक्शन कंपनी के भुगतान से जुड़ा था। उन दस्तावेजों में कुछ तो ऐसा था जिसकी तलाश न सिर्फ ठेकदार राजदीप को थी, बल्कि निर्माण खंड चिन्यालीसौड़ के अधिकारी भी उन्हें खोज रहे हैं। इससे पहले कि उन दस्तावेजों पर से पर्दा उठ पाता, अपर सहायक अभियंता खुद ही लापता हो गए हैं। अमित चौहान के गायब होने के बीच कोई अन्य बड़ी वजह भी हो सकती है। खैर, 05 दिन बाद भी अमित चौहान की वर्तमान स्थिति और प्रकरण से जुड़े तमाम सवाल अनुत्तरित हैं।

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