गरीबों को भी नहीं छोड़ रहे घूसखोर, 50 हजार के अनुदान पर मांग लिए 15 हजार
विजिलेंस की टीम ने वन दरोगा को 15 हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथों दबोचा
Amit Bhatt, Dehradun: घूसखोरी की आदत ऐसी है कि वह जाने को तैयार नहीं हैं। भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी उन योजनाओं को भी नहीं छोड़ रहे हैं, जो आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को ऊपर उठाने के लिए अनुदान देने से संबंधित है। ऐसे ही एक मामले में पौड़ी जिले की वन पंचायत पाबो में बकरी पालन के 50 हजार रुपये का अनुदान पास कराने के लिए 15 हजार रुपये मांग लिए गए। विजिलेंस की टीम ने इस मामले में पाबो रेंज के वन दरोगा हंस राज पंत को 15 हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान के टोलफ्री नंबर 1064 पर शिकायत अंकित कराई थी कि दिनांक 2/3/24 को पैठाणी पौड़ी गढवाल में वन पंचायत पाबो की सभा हुई थी, जिसमें वन पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांवों के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए मुर्गी, बकरी पालन आदि कार्यों में विभागीय अनुदान दिया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने बकरी पालन के लिए आवेदन किया था, जिसके सापेक्ष उन्हें 50 हजार रुपये का अनुदान मिलना था।
वन दरोगा हंस राज पंत ने शिकायतकर्ता से योजना का फार्म आदि भरवाने तथा विभागीय अनुदान पास करवाने की एवज में रिश्वत की की मांग की। शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहता था और इस संबंध में कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। शिकायत पर सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून ने गोपनीय की तो आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए। लिहाजा, तत्काल ट्रैप टीम का गठन किया गया।
टीम ने नियमानुसार कार्रवाई करते हुए आज दिनांक 21-05-2024 को चाकीसैंण सेक्सन पाबो रेंज पौड़ी के वन दरोगा हंस राज पंत को शिकायतकर्ता से 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पैठाणी बाजार जनपद पौड़ी गढवाल से रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्त से पूछताछ जारी है। उक्त प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कर अनुसंधान शुरू कर दिया गया है।
ट्रैप टीम को पुरस्कार की घोषणा, जनता से अपील
निदेशक सतर्कता डॉ वी मुरुगेशन ने ट्रैप टीम को नगद पुरुस्कार से पुरुस्कृत करने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने जनता से अपील की है कि सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री हैल्पलाइन नंबर -1064 एवं Whatsapp हेल्पलाइन नंबर 9456592300 पर 24X7 पर संपर्क कर भ्रष्टाचार के मामलों की शिकायत की जा सकती है। ताकि भ्रष्टाचार में लिप्त कार्मिकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा सके।