countrycrimeDehradunUttarakhand

एम्स की परीक्षा, नकल कराने वाले ऋषिकेश में और नकल करा रहे थे हिमाचल में

50 लाख रुपये में प्रति परीक्षार्थी किया था नकल कराने का सौदा, ऑनलाइन पेपर सॉल्व कराने में 02 डॉक्टर समेत 05 गिरफ्तार

Amit Bhatt, Dehradun: सपना देख रहे थे देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान एम्स में डॉक्टर बनने का और रास्ता चुना नकल का। यह कहानी है उन 03 परीक्षार्थियों की, जो एम्स पीजी की परीक्षा में शामिल हुए। ऐसे मुन्ना भाइयों को डॉक्टर बनाने की सुपारी ली, हरियाणा व पंजाब के नकल माफिया गैंग ने। सौदा 50 लाख रुपये प्रति परीक्षार्थी तय किया गया और पेपर सॉल्व कराने की जिम्मेदारी सौंपी ऋषिकेश एम्स के दो नए-नवेले जूनियर डॉक्टरों को। इस उलटे काम के लिए डॉक्टरों को 02 लाख रुपये प्रति परीक्षार्थी दिया जाना था। नकल के लिए व्हाट्सएप की भांति काम करने वाले मैसेजिंग एप टेलीग्राम का। ऋषिकेश में बैठे डॉक्टरों को टेलीग्राम से पेपर पहुंच रहे थे और वह उन्हें सॉल्व कर टेलीग्राम में भी वापस भेज दे रहे थे। इससे पहले कि बिना मेहनत एम्स पीजी की परीक्षा देने बैठे परीक्षार्थी अपने मंसूबों में कामयाब हो पाते, देहरादून पुलिस ने इस खेल का भंडाफोड़ करते हुए 02 डॉक्टरों समेत 05 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया।

रविवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की ओर से पीजी की परीक्षा (इंस्टीट्यूट आफ नेशनल इंर्पोटेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट जुलाई-2024) आयोजित की गई थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून अजय सिंह ने बताया कि रविवार को देश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित हुई एम्स की पीजी की परीक्षा में नकल कराए जाने की सूचना मिली थी। सूचना पर ऋषिकेश के पुलिस क्षेत्राधिकारी के नेतृत्व में ऋषिकेश पुलिस व एसओजी देहात की संयुक्त टीम बनाई गई। संयुक्त टीम ने गोपनीय सूचना के आधार पर ऋषिकेश में बैराज मार्ग पर खड़ी एक टाटा सफारी कार में बैठे 05 व्यक्तियों को परीक्षा में ऑनलाइन नकल कराते हुए रंगेहाथ दबोच लिया। एसएसपी ने बताया कि आरोपित ऋषिकेश में बैठकर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जनपद के शाहपुर विद्यानगर स्थित हिमाचल इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलोजी में बनाए गए परीक्षा केंद्र में 03 अभ्यर्थियों को ऑनलाइन नकल करा रहे थे। तीनों अभ्यर्थियों को टेलीग्राम से परीक्षा का प्रश्नपत्र हल कराया जा रहा था।

एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अजीत सिंह निवासी सेक्टर-आठ थाना व जिला-जींद (हरियाणा), अमन शिवाच निवासी विकास कालोनी जिला-रोहतक (हरियाणा), वैभव कश्यप निवासी अंबिका एनक्लेव सनौर जिला-पटियाला (पंजाब), विजुल गौरा निवासी पटेलनगर जिला-हिसार (हरियाणा) तथा जयंत निवासी डिफेंस कालोनी जिला-हिसार (हरियाणा) शामिल हैं। आरोपियों में वैभव कश्यप व अमन शिवाच ऋषिकेश एम्स में जूनियर रेजिडेंट (चिकित्सक) हैं। पुलिस ने इनके पास से तीन टैब, तीन मोबाइल फोन, दो मेडिकल के प्रश्न-उत्तर संबंधी किताब व एक टाटा सफारी कार बरामद की है। आरोपियों के विरुद्ध कोतवाली ऋषिकेश में मुकदमा दर्ज किया गया है। मुख्य आरोपी अजीत सिंह बताया जा रहा, जिसकी कांगड़ा में कंप्यूटर लैब है।

परीक्षा केंद्र में कैसे गया मोबाइल फोन
एम्स की जिस परीक्षा में अत्यधिक सतर्कता बरती जाती है और अभ्यर्थियों की सघन चेकिंग की जाती है, वहां परीक्षा केंद्र के भीतर मोबाइल फोन कैसे पहुंच गया, पुलिस अब इसकी जांच कर रही है। इसके लिए उत्तराखंड की पुलिस ने हिमाचल प्रदेश की पुलिस से भी संपर्क साधा है। परीक्षा रविवार सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक थी। कांगड़ा स्थित परीक्षा केंद्र में बैठे अभ्यर्थी अपने मोबाइल से प्रश्न पत्रों की फोटो खींचकर टेलीग्राम के माध्यम से नकल माफिया को उपलब्ध करा रहे थे। उत्तर भी टेलीग्राम पर बनाए गए ग्रुप के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा था। पुलिस को संदेह है कि परीक्षा केंद्र पर तैनात कुछ लोग भी गिरोह में शामिल हो सकते हैं। अब उनकी पड़ताल की जा रही है।

इस टीम ने किया नकल का भंडाफोड़

पुलिस टीम कोतवाली ऋषिकेश
1- प्रभारी निरीक्षक शंकर सिंह बिष्ट, कोतवाली ऋषिकेश
2- उ0नि0 विनेश कुमार चौकी प्रभारी एम्स
3- उ0नि0 नवीन डंगवाल, चौकी प्रभारी आईएसबीटी ऋषिकेश
4- उ0नि0 ज्योति प्रसाद, उनियाल चौकी प्रभारी आईडीपीएल
5- का0 अमित कुमार
6- का0 अशोक

एसओजी देहात टीम
1- आर0एस0 खौलिया, प्रभारी निरीक्षक एसओजी देहात
2-हे0का0 कमल जोशी
3-का0 नवनीत नेगी
4-का0 मनोज कुमार
5-का0 सोनी कुमार

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button