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केदारनाथ में 2013 जैसा रेस्क्यू, 10507 यात्रियों को निकाला, सेना, ड्रोन और स्निफर डॉग की मदद

मौसम का बदलता मिजाज भी ले रहा पल-पल परीक्षा, सेना का चिनूक अब जाकर भर पाया उड़ान, एमआई-17 ने भी 03 उड़ान भरी, राज्य सरकार ने छोटे हेलीकॉप्टर भी लगाए

Rajkumar Dhiman, Dehradun: केदारनाथ क्षेत्र में वर्ष 2013 जैसी त्रासदी का मंजर है, लेकिन राहत की बात है कि 11 वर्ष पूर्व जैसी जनहानि की सूचना नहीं है। हालांकि, जगह-जगह फंसे हजारों तीर्थयात्रियों और अन्य व्यक्तियों को सकुशल निकालने के लिए सरकार ने वर्ष 2013 जैसे ही संसाधन झोंके गए हैं। 150 से अधिक लापता बताए जा रहे व्यक्तियों की खोजबीन युद्धस्तर पर की जा रही है। राहत एवं बचाव कार्यों में राज्य की मशीनरी के साथ ही सेना को भी उतारा गया है। इन तमाम प्रयासों के बूते 10507 लोगों को सकुशल निकाल लिया गया है। यात्रा मार्गों पर जगह जगह फंसे लोगों तक पहुंच के लिए हेलीकॉप्टर से लेकर ड्रोन और स्निफर डॉग्स की मदद भी ली जा रही है।

आपदा प्रबंधन सचिव वीके सुमन के मुताबिक अब तक 10 हजार 374 व्यक्तियों को सकुशल रेस्क्यू किया जा चुका है। 03.08.2024 की शाम 05 बजे तक केदारनाथ धाम से 58 लोगों को भीमबली तथा लिंचोली से 1849 लोंगों को तथा चीड़बासा (गौरीकुंड) से 75 लोगों को (कुल 19825) एयरलिफ्ट कर लिया गया था। भीमबली तथा लिंचोली से लगभग 455 लोगों को चौमासी कालीमठ के रास्ते निकाला गया तथा गौरीकुंड से सोनप्रयाग हेतु लगभग 6682 लोगों को सकुशल निकाला गया। इस प्रकार दिनाँक 01.08.2024 से 03.08.2024 तक ही कुल 9099 लोगों को सकुशल निकाला जा चुका था। जबकि सोमवार सुबह भी एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर से 133 लोगों को चारधाम हेलीपैड और गौचर हवाई पट्टी पर उतारा गया।

रेस्क्यू तथा खोजबचाव का कार्य लगातार जारी, 05 छोटे हेलीकॉप्टर भी लगाए
केदारनाथ तथा रास्ते में उपर की और लगातार घने बादल छाये हैं। इस कारण रेस्क्यू कार्य में लगातार व्यवधान हो रहा है। भारतीय वायुसेना द्वारा उपलब्ध कराया गया चिनूक हैलीकॉप्टर मौसम खराब होने के कारण सोमवार को उड़ान भर सका। MI-17 हैलीकॉप्टर द्वारा भी खराब मौसम के कारण अभी तक सीमित उड़ान भरी जा सकी है। इससे शनिवार तक केवल 60 लोगों को रेस्क्यू किया जा सका था और अब जाकर इस दिशा में रफ़्तार पकड़ती दिख रही है। ऐसे में राज्य सरकार छोटे हैलीकॉप्टरों से भी रेस्क्यू का कार्य कर रही है। रविवार दिनांक 04.08.2024 को लगभग 400 लोगों को केदारनाथ से लिंचोली तक पैदल लाकर लिंचौली से इनको हैलीकॉप्टर के माध्यम से चारधाम हैलीपेड, सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। वर्तमान में रेस्क्यू कार्य हेतु 05 हैलीकॉप्टर लगाए गए हैं। आज दिनाँक 04.08.2024 लिंचीली तथा भीमबली से लगभग 580 लोगों को तथा केदारनाथ से 80 लोगों को इस प्रकार कुल 640 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।

04 अगस्त 2024 की शाम तक केदारनाथ धाम से 138 लोगों को लिंचोली और भीमबली से 2409 लोगों को तथा चीडबासा (गौरीकुंड) से 75 लोगों को, कुल 2822 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है तथा चारधाम हैलीपेड सिरसी हैलीपेड आदि स्थानों पर लाया गया है। भीमबली तथा लिंचोली से पैदल मार्ग से अब तक कुल 567 लोगों को चौमासी कालीमठ तक लाया गया है। इसी प्रकार गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक कुल 7185 लोगों को वापस लाया गया है। रविवार शाम 5:00 बजे तक कुल 10374 लोगों को वापस लाया गया है। वर्तमान में गौरीकुंड से सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। गौरीकुंड में कोई भी यात्री शेष नहीं है। वर्तमान में वहां पर रहने वाले स्थानीय निवासीगण दुकानदार डोली पालकी संचालक, घोड़े खच्चर संचालक आदि ही रह रहे हैं।

इसके अलावा वर्तमान में भीमबली तथा लिंचोली से भी अधिकतर यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है। वहीं, लिखौली में लगभग 50 यात्री रुके है। इसी तरह केदारनाथ धाम में लगभग 350 यात्री रुके हुए हैं । केदारनाथ धाम में लगभग 350 लोगों के अलावा तीर्थ पुरोहित स्थानीय दुकानदार स्थानीय निवासी पालकी डोली संचालक, घोडे खच्चर संचालक आदि भी हैं। जो भी लोग नीचे आना चाहते हैं, मुख्यमंत्री ने उनको भी आवश्यकतानुसार रेस्क्यू किये जाने के निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ सभी आवश्यक स्थानों पर खाद्य सामग्री की लगातार आपूर्ति भी की जा रही है। सभी के लिए खाने पीने की समुचित व्यवस्था कराई जा रही है। साथ ही इनके रुकने हेतु आश्रय की व्यवस्था की जा रही है।

सैकड़ों कुंतल राशन और अन्य खाद्य सामग्री का किया प्रबंध
इन सभी स्थानों पर खाद्य सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। सोनप्रयाग में अभी तक 12600 खाने के पैकेट, 10570 पानी की बोतल, 1000 फ्रूटी, 1000 बिस्किट के पैकेट वितरित किए गए हैं तथा 1198 लोगों को लंच तथा 250 लोगों को डिनर की व्यवस्था कराई गई है। सिरसी में 3200 खाने के पैकेट तथा 12860 पानी की बोतल और मुनकटिया गौरीकुंड चास्वाम हैलीपैड चौमासी केदारनाथ हैलीपेड पर अब तक लगभग 18850 खाने के पैकेट तथा 27930 पानी की बोतल वितरित की गई है। वर्तमान में केदारनाथ जी में 15 से अधिक दिनों हेतु खाद्य सामग्री उपलब्ध है, मीमबली में 7 कुंतल चावल, 250 कुंतल आटा, 250 कुंतल दाल 07 Kg चायपत्ती पर्याप्त, मात्रा में पानी की बोतल, मसालें, ड्राईफूट आदि सामग्री को 02.08.2024 से 03.08.2024 तक हैलीकॉप्टर की मदद से पहुंचाया जा चुका है। इसी प्रकार चौमासी में दिनाँक 03.08.2024 को 50 Kg आटा 50 Kg चावल, 50 Kg आलू 5 Kg नमक, 10 Kg नमक, 10 Kg तेल. 10 Kg दाल, 30 Kg चीनी 888 पानी की बोतल तथा अन्य सामग्री पहुंचाई जा चुकी है।

राहत एवं बचाव के लिए बढ़ाई जा रही मानव शक्ति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के क्रम में खोज-बचाव तथा राहत कार्यों में मानव शक्ति बढ़ायी गई है। दिनांक 03.08.2024 तक खोज व बचाव तथा राहत कार्य में कुल 882 लोग कार्य कर रहे थे। दिनांक 04.08.2024 को इसमें और 278 लोगों को बढ़ाया गया है। दिनांक 04.06 2024 को खोज-बचाव तथा राहत कार्य में कुल 1180 लोग कार्य कर रहे हैं। जिन लोगों से उनके परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा है, उनकी खोजबीन हेतु पूरी ताकत लगाई जा रही है।

दूरसंचार सेवा ठप हुई तो व्हाट्सएप कॉलिंग की सुविधा दी गई
दिनांक 31.08.2024 को हुई अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ, गौरीकुंड पैदल यात्रा मार्ग पर दूरसंचार सेवाएं बाधित हुई थी तथा इस कारण कुछ लोगों द्वारा इस बारे में कई तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थी। दिनांक 02.08. 2024 को केदारनाथ जी में Whatsapp के माध्यम से कॉल करने की सुविधा दी गई है। दिनांक 03.08.2024 को गौरीकुण्ड में BSNL की दूरसंचार सेवा बहाल कर दी गई है। जिन लोगों से संपर्क नहीं होने की बात की जा रही थी, पुलिस द्वारा ऐसे लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया गया। दिनांक 03.08.2024 को पुलिस द्वारा प्रयास किए जाने पर अधिकतर लोगों से संपर्क हो गया है। पुलिस द्वारा लगातार अन्य लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है।

शुरू की गई हेल्पलाइन सेवा, अपनों के लिए करें कॉल
यदि किसी व्यक्ति का यात्रा करने वाले उसके परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया है वह जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन द्वारा इस हेतु जारी किये गये दूरभाष नम्बरों पर संपर्क सम्पर्क कर अपने परिजनों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

हैल्प लाईन नं०
Landline No-01364-233727, 297878, 297879, Mobile No-7579257572, 8958757335, 7579104738

स्निफर डॉग की ली जा रही है मदद
जिनके परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। ऐसे सभी लोगों को कॉल कर जानकारी जुटाई जा रही है। जिसके क्रम में संपर्क हो भी रहा है। फिर भी एहतियात के तौर पर मार्ग पर वृहद स्तर पर खोजबीन की जा रही है। खोज-बचाव कार्य में NDRF, SDRF, पुलिस प्रशासन तथा यात्रा मैनेजमेंट टास्कफोर्स के लोगों को लगाया गया है। इनके द्वारा लगातार खोजबीन की जा रही है। इस कार्य हेतु स्निपर डॉग की भी मदद ली जा रही है।

सोनप्रयाग में वैली ब्रिज बनाने को सेना की मदद
सोनप्रयाग में शटल ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया है। मुख्यमंत्री ने इस कार्य हेतु सेना की भी मदद लेने के निर्देश दिए थे। 04.08.2024 से सेना के 141 जवान सोनप्रयाग में ट्राली लगाए जाने के काम मे जुट गए हैं। सोनप्रयाग में ट्राली लगाने के लिए सेना के साथ-साथ NDRF, SDRF का भी सहयोग लिया जा रहा है। शीघ्र ही संबंधित स्थल पर वैली ब्रिज तैयार किया जाएगा।

पशुओं की भी न करें अनदेखी: मुख्यमंत्री
आपदा की इस घड़ी में मुख्यमंत्री धामी का पशु प्रेम की सामने आया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में पूरे केदारनाथ धाम यात्रामार्ग पर घोड़े तथा खच्चरों हेतु पर्याप्त मात्रा में चारा चना, गुड़ आदि उपलब्ध कराया जा रहा है। हेलीकॉप्टर से भी पशुओं हेतु चारा आदि भेजा गया है। पशु चिकित्सा विभाग की 7 टीमें यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर भेजी गई हैं। जो पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है तथा आवश्यकतानुसार पशुओं का इलाज आदि कर रही है।

रेस्क्यू के दौरान तथा रेस्क्यू के उपरांत स्वास्थ्य परीक्षण भी की व्यवस्था
सचिव आपदा प्रबंधन वीके सुमन के अनुसार रेस्क्यू के दौरान तथा रेस्क्यू के बाद व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण किए जाने की व्यवस्था की गई है। ताकि किसी भी यात्री को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर समय पर समुचित इलाज किया जा सके।वर्तमान में चारधाम यात्रा मार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में स्थिति सामान्य है। यात्रामार्ग पर तथा केदारनाथ धाम में सभी लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं । राहत एवं बचाव कार्य पूरी क्षमता के साथ किया जा रहा है।

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