उत्तराखंड: बच्चे पर टूट पड़ा ततैयों का झुंड, पिता ने बचाने को बेटे को ढका, मगर चली गई दोनों की जान
पिता के शरीर पर ततैयों के 100 से अधिक डंक मिले और बेटे के शरीर पर थे 60 से अधिक डंक के निशान
Amit Bhatt, Dehradun: पिता जो कुछ अपने बच्चे के लिए कर सकता है, वह मसूरी क्षेत्र की एक हृदयविदारक घटना में देखने को मिला। पिता ने अपनी जान झोंककर भी 08 साल के बेटे को बचाने का भरसक प्रयास किया। अफसोस कि बेटे के लिए पिता की यह जंग जीत तो न सकी, मगर किस्सों और यादों में अमर जरूर हो जाएगी। जिसमें बताया जाएगा कि किस तरह एक पिता अपने बेटे को ततैयों के हमले से बचाने के लिए उसके ऊपर लेट गया था। ततैयों के सैकड़ों डंक के बाद भी वह नहीं हटा और उसकी जान चली गई। इस घटना में इससे भी दुखद पहलू यह है कि ततैयों के हमले में बुरी तरह घायल बेटे की भी नहीं बचाया जा सका।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को मसूरी से सटे टिहरी के ग्राम तुनेटा निवासी सुंदरलाल (47 वर्ष ) अपने 8 वर्षीय पुत्र अभिषेक के साथ गाय चराने जंगल गया था। तभी अचानक जंगल में ततैया का एक छत्ता फट गया। देखते ही देखते सैकड़ों की तादाद में ततैयों ने अभिषेक पर हमला कर दिया। बेटे को बचाने के लिए पिता सुंदरलाल ने अभिषेक को ढक लिया। जिससे सुंदरलाल पर भी ततैये चिपट पड़े। ततैयों के काटने से पिता-पुत्र बुरी तरह घायल हो गए। घटना की जानकारी सुंदर ने ग्रामीणों को दी तो उन्हें उपचार के लिए उप जिला चिकित्सालय मसूरी लाया गया। चिकित्सकों ने उपचार शुरू करने के साथ ही दोनों को अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। लेकिन परिजन दोनों को घर ले गए, जहां पिता-पुत्र की मौत हो गई।
उप जिला चिकित्सालय के डॉक्टर केएस चौहान ने बताया कि ततैयों के काटने से दोनों की नसें सूज गई थी। सुंदरलाल के शरीर में ततैयों ने करीब 100 से अधिक डंक मारे थे, जबकि अभिषेक के शरीर पर 60 से अधिक डंक थे। ततैयों के डंक में मौजूद जहर धीरे-धीरे शरीर में फैलता रहा, जिससे उनकी मौत हो गई। तुनेटा के ग्राम प्रधान गोविंद सिंह ने सरकार और वन विभाग से पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है। प्रकरण में मसूरी क्षेत्र के डीएफओ अमित कंवर ने कहा कि विभाग की ओर से नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। सरकार पिता-पुत्र को 6-6 लाख रुपए का मुआवजा दिया प्रदान करेगी।