Dehradundm dehradunland fraud

प्रभावशाली व्यक्तियों की 750 बीघा भूमि पर कब्जा लेगी सरकार

जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल ने सभी उपजिलाधिकारियों को दिया 01 माह का समय

Amit Bhatt, Dehradun: देहरादून जिले में 281 ऐसे प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें तमाम व्यक्तियों ने सरकार की अनुमति लेकर निर्धारित प्रयोजन के लिए 250 वर्गमीटर से अधिक भूमि खरीदी है। हालांकि, इसके बाद निर्धारित प्रयोजन के अनुरूप निर्माण नहीं किया। इसे नियमों का उल्लंघन मानते हुए जिला प्रशासन ने वाद दायर करने और नोटिस भेजने के बाद भूमि पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। देहरादून जिले में अनुमति के आधार पर कुल 391 प्रकरणों में 250 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल की भूमि क्रय की गई है। जिसमें 281 मामलों में शर्तों का उल्लंघन पाया गया है। ऐसी भूमि करीब 189 हेक्टेयर (करीब 750 बीघा) है।

भूमि खरीद में निर्धारित प्रयोजन के उल्लंघन पर उपजिलाधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश देते जिलाधिकारी सविन बंसल।

जिलाधिकारी सविन बंसल ऐसे प्रकरणों पर खासे गंभीर दिख रहे हैं। उन्होंने सभी उपजिलाधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि भूमि खरीद के उल्लंघन के मामलों में 01 माह के भीतर कार्रवाई कर दी जाए। इसके लिए उन्होंने प्रत्येक सप्ताह कार्रवाई का अपडेट भी देने को कहा है। इस काम में काम के बोझ या अतिरिक्त कार्यों का बहाना नहीं चलेगा। वादों का निस्तारण करते हुए संबंधित भूखंडों को सरकार में निहित किया जाए। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, उपजिलाधिकारी मुख्यालय शालिनी नेगी, उपजिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार, उपजिलाधिकारी सदर हरगिरि, उपजिलाधिकारी डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, उपजिलाधिकारी ऋषिकेश स्मृति परमार आदि उपस्थित रहे।

दूसरे राज्यों के व्यक्ति जीवनकाल में एक बार खरीद सकता है भूमि
नियमों के अनुसार उत्तराखंड में बाहरी व्यक्ति अपने पूरे जीवनकाल में अपने या परिवार के सदस्यों के नाम पर एक बार 250 वर्गमीटर तक भूमि खरीद सकता है। इससे अधिक भूमि की खरीद पर प्रयोजन बताकर अनुमति लेनी होती है। साथ ही 02 वर्ष के भीतर प्रयोजन के मुताबिक गतिविधि शुरू करनी होती है। लेकिन, बड़ी संख्या में तय प्रयोजन के लिए खरीदी गई भूमि का उल्लंघन पाया गया है। यही कारण है कि प्रदेश सरकार को जांच कराकर कार्रवाई शुरू करनी पड़ी।

डीएम के सख्त रुख से मची है खलबली
जिलाधिकारी के कड़े रुख से भूमि खरीदने वाले तमाम प्रभावशाली व्यक्तियों में खलबली मची है। कई लोग भूमि को बेचने के तरीके भी खोज रहे हैं। वहीं, कुछ राजस्व अभिलेखों में हेरफेर कराने की जुगत में भी हैं।

नोटिस तामील न होने का बहाना भी नहीं चलेगा
जिलाधिकारी ने कहा कि जो व्यक्ति नहीं मिल रहे हैं और नोटिस तामील होने में अड़चन पैदा हो रही है, उसके लिए अन्य माध्यम तलाशे जाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे व्यक्तियों को समाचार पत्रों के माध्यम से नोटिस की तामीली कराएं।

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