मंत्री गणेश जोशी से इस्तीफे की मांग, आप ने भ्रष्टाचार पर घेरा
चार धाम यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवाओं पर रोक की मांग और दून के खलंगा क्षेत्र में आरक्षित वन क्षेत्र में अनाधिकृत निर्माण पर भी उठाए सवाल

Round The Watch News, Dehradun: आम आदमी पार्टी के महानगर अध्यक्ष शरद जैन ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर जोरदार हमला बोला है। महानगर जैन से मंत्री जोशी से नैतिकता के आधार पर तत्काल इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट मिनिस्टर आय से अधिक संपत्ति के मामले में पहले से ही घिरे हैं। हाल में कर्षक महोत्सव के टेंडर को लेकर भी उनकी पोल खुल चुकी है। ऐसे में उन्हें अब इस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
लैंसडौन चौक स्थित उज्ज्वल रेस्तरां में पत्रकारों से रूबरू आम आदमी पार्टी के महानगर अध्यक्ष शरद जैन ने मंत्री गणेश जोशी के कृषि विभाग में एक और भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। जिसमें बगैर टेंडर प्रक्रिया पूरी हुए ही सहारनपुर की कंपनी ने महेंद्रा ग्राउंड पर कृषक महोत्सव के लिए 5 ट्रक सामान उतार दिया था। उस समय तक टेंडर खुले भी नहीं थे और कंपनी ने काम शुरू कर दिया था। जिसका आशय यह हुआ कि कंपनी को पहले से ही टेंडर मिलने की जानकारी थी। यह कार्यक्रम भी काबीना मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा था।
हालांकि, पोल खुलने पर मामला बिगड़ता देख आनन-फानन में सामान समेटे जाने और कृषक महोत्सव रद्द किए जाने से भ्रष्टाचार का आरोप पुष्ट भी हो जाता है। इस तरह के कृत्यों से प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर भी सवाल खड़े होते हैं, जिसका मुख्यमंत्री को तत्काल जवाब देना चाहिए। यह घटना किसी टेंडर प्रक्रिया के पूरे होने से पहले ही सामान उतारने की नहीं, बल्कि सत्ता से मिलीभगत और भ्रष्टाचार की गंध से सड़ चुकी व्यवस्था की पोल भी खोलती है।
महानगर अध्यक्ष जैन ने कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि क्या कृषि मंत्री गणेश जोशी ने पहले ही ठेकेदार मित्रों को हरी झंडी दे दी थी और क्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस घोटाले की जानकारी थी? उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि युवाओं और किसानों के साथ विश्वासघात है। आज उत्तराखंड का युवा बेरोजगारी की मार झेल रहा है, किसान कर्ज में डूबा हुआ है, सरकारी नौकरियां पेपर लीक करने वाले माफिया की भेंट चढ़ चुकी है। दूसरी और मंत्रीगण अपना कमीशन सेट करने में लगे हैं।
यही नहीं आप के महानगर अध्यक्ष ने सरकार पर धावा बोलने वाले अंदाज में कहा कि एक ओर धाकड़ धामी भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड का नारा लगाते हैं और दूसरी ओर उन्हीं की सरकार के मंत्रीगण भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए नजर आते हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि गणेश जोशी के नैतिकता के आधार पर इस्तीफा न देने की दशा में उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाए। ऐसा न होने की पर यह माना जाएगा की मुख्यमंत्री को पूरी घोटाले की जानकारी थी। साथ ही कहा कि प्रदेश सरकार को तत्कालीन निदेशक बागवानी बवेजा राज में किए गए घोटाले सहित कृषि/उद्यान विभाग के पूर्व से लंबित घोटाले की प्रगति को रिपोर्ट सदन में रखना चाहिए। ताकि जनता और सरकार के बीच पारदर्शिता बनी रहे।
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने यमदूत बनी उत्तराखंड की हेली सेवा को तुरंत रोके जाने की मांग की है। जिला महामंत्री जितेन पंत ने कहा कि अगर उत्तराखंड सरकार चार धाम हेली सेवा को सुरक्षित ढंग से संचालित करने में सक्षम नहीं है तो उसे तत्काल बंद कर दिया जाना चाहिए। इस यात्रा सीजन के शुरुआती दौर में ही 05 दुर्घटनाएं होने तक सरकार की नींद नहीं खुली। जब दुर्घटना में अब तक एक दर्जन से अधिक यात्रियों की मृत्यु हो गई, तब सरकार ने अपनी असफलता पर लीपापोती शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि यदि हेलीकॉप्टर सेवा संचालित करनी ही है तो सरकार बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर कमेटी पर यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी डालते हुए हेली सेवा का नियंत्रण मंदिर कमेटी के हाथों में दे।
उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर कंपनियों की मनमानी और नेताओं की कमीशनखोरी की वजह से यात्रियों की जान आफत में पड़ती रहती है। उन्होंने कहा कि वैष्णो देवी की हेली सेवा में किराए की मनमानी और दुर्घटनाओं पर कमी इसलिए है कि वहां की हेली सेवाएं श्राइन बोर्ड के नियंत्रण में है। वहीं, खलांगा में आरक्षित वन क्षेत्र की करीब 40 बीघा जमीन पर अनाधिकृत निर्माण और अवैध रूप से पेड़ कटान की तैयारी के सवाल पर मीडिया प्रभारी संजय छेत्री ने जवाब देते हुए कहा कि खलांगा में भू माफिया का कारनामा केवल एक बानगी है। पिछले 25 वर्षों से प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा की सरकार रही है।तब से ही नेता, नौकरशाह और माफिया का गठबंधन सरकार चला रहें है। अगर सरकार की नीयत साफ हो तो हजारों एकड़ वन भूमि पर उत्तराखंड में जो अवैध कटान होने के बाद वहां भव्य रिजॉर्ट बने हैं, उन सब में सरकार को जवाब देना चाहिए।
उत्तराखंड गठन के बाद जितने भी वन मंत्री रहे हैं, उन सभी की संपत्तियों की जांच होनी चाहिए। इस कार्य में सरकार वर्ष 2005 के बाद उत्तराखंड में स्थापित यूसैक (उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र) के से वन भूमि क्षेत्र के सेटेलाइट चित्र एकत्रित करके जांच में सहायता ले सकती है। पत्रकार वार्ता में महानगर अध्यक्ष शरद जैन, महानगर मीडिया प्रभारी संजय छेत्री के साथ जिला महामंत्री जितेन पंत, सुशील सैनी, वीर सिंह, चौधरी रविंदर, अशोक सेमवाल एवं हरि सिमरन सिंह आदि पदाधिकारी शामिल रहे।