आयकर टीम ‘भोलेनाथ का भक्त’ बनकर पहुंची देहरादून 80 वाहनों पर लगाए जय बद्री विशाल के स्टिकर
छापेमारी को गोपनीय रखने के लिए अधिकारियों की खास रणनीति—तीर्थयात्री बनकर रुड़की के होटल में रुके
Rajkumar Dhiman, Dehradun: देहरादून में बड़े स्तर की टैक्स–इन्वेस्टिगेशन को पूरी गोपनीयता में अंजाम देने के लिए आयकर विभाग ने ऐसी योजना बनाई, जिसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। छोटे प्रदेश की संवेदनशीलता और नेटवर्क को ध्यान में रखते हुए विभाग ने साधारण तरीकों की बजाय धार्मिक परिवेश का कवच चुन लिया।
कार्रवाई में शामिल सभी अधिकारी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग ज़िलों से बुलाए गए, और सिर्फ इन्वेस्टिगेशन विंग के चुनिंदा कार्मिक ही ऑपरेशन में लगाए गए। लगभग 70–80 गाड़ियों के पूरे काफिले पर ‘जय बद्री विशाल’ के स्टिकर चस्पा कर दिए गए, ताकि कोई उन्हें तीर्थयात्रियों का जत्था समझे और उन पर संदेह न करे।
देहरादून में रुकने की बजाय, टीम ने रुड़की के एक होटल में धार्मिक यात्रियों की तरह चेक-इन किया, वरना इतनी बड़ी मूवमेंट देखते ही शहर में चर्चा फैल जाती और ऑपरेशन से पहले ही खबर लीक हो जाती।
देहरादून पुलिस पर निर्भर न रहकर हरिद्वार से मंगाई फोर्स
आयकर विभाग ने एक और चौंकाने वाली सावधानी बरती। छापे के दिन किसी भी स्थानीय लीक की संभावना खत्म करने के लिए पुलिस बल देहरादून से नहीं लिया गया।
बल्कि हरिद्वार से करीब 100 पुलिसकर्मी चुपचाप बुलाए गए, जिन्हें अंतिम क्षण में ऑपरेशन में शामिल किया गया।
मंगलवार सुबह जैसे ही छापे शुरू हुए, विभाग ने असेसमेंट विंग के अधिकारियों को भी टीम में जोड़ दिया। सूत्रों का दावा है कि इस बहुत ही सटीक और गुप्त रणनीति की वजह से विभाग कर चोरी के एक बड़े नेटवर्क पर हाथ डाल चुका है। छापेमारी पूरी होने के बाद एक भारी-भरकम कर चोरी के आंकड़े सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है।



