- Round The Watch: यदि आप देहरादून शहर या जिले की किसी भी सड़क पर वाहन चलाते हैं तो अधिकतम गति सीमा के नए नियम जानने में ही भलाई है। कहीं ऐसा न हो कि नए नयमों की जानकारी के अभाव में आपका चालान हो जाए। सड़क सुरक्षा को पुख्ता बनाने और दुर्घटना की दर को कम करने के लिए परिवहन विभाग ने देहरादून की सड़कों के लिए वाहनों की अधिकतम गति सीमा तय कर दी है। शहर की सड़कों के अधिकांश भाग पर दुपहिया और चौपहिया वाहनों को 30 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ़्तार से नहीं दौड़ाया जा सकेगा। इसी तरह मध्यम व भारी वाहनों के लिए गति अधिकतम सीमा शहर की सड़कों के अधिकांश भाग पर 20 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी। हालांकि, सड़कों की चौड़ाई, श्रेणी व यातायात दबाव के हिसाब से गति सीमा भिन्न भी रहेगी। फिर भी जिले की किसी भी सड़क पर किसी भी वाहन को 80 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ़्तार से नहीं दौड़ाया जा सकेगा। गति सीमा के नियम पुलिस, परिवहन और लोक निर्माण विभाग की संयक्त टीम ने प्रत्येक सड़क का सर्वे करने के बाद तय किए हैं।
यह हैं अधिकतम गति सीमा के नए नियम
नोटिफिकेशन होते ही लागू होंगे नए नियम
वाहनों की अधिकतम गति सीमा के मानक तय कर दिए गए हैं और जल्द ही इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया जाएगा। नोटिफिकेशन जारी होते ही नए नियम लागू कर दिए जाएंगे।
स्पीड वायलेशन डिटेक्टर कैमरे करेंगे निगरानी, होंगे चालान
वाहनों में अधिकतम गति सीमा की निगरानी के लिए परिवहन विभाग सड़कों के प्रमुख हिस्सों पर स्पीड वायलेशन डिटेक्टर कैमरे लगाएगा। इससे गति सीमा का उल्लंघन करने वाले वाहनों के स्वतः ही चालान किए जा सकेंगे।
एंबुलेंस, पुलिस और फायर ब्रिगेड को छूट
परिवहन विभाग ने गति सीमा के नए मानकों से एंबुलेंस, पुलिस व फायर ब्रिगेड के वाहनों को बाहर रखा है। इसके अलावा कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने में लगे सैन्य बल व अर्द्ध सैन्य बलों के वाहनों समेत प्राकृतिक आपदा के प्रबंधन में प्रयुक्त वाहनों को भी गति सीमा से छूट दी गई है।
इस अधिकार से तय की गति सीमा
उत्तराखंड मोटरयान नियमावली 2011 ( यथा संशोधित) के नियम-180 में वर्णित है कि किसी नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत के भीतर पुलिस अधीक्षक और अन्य क्षेत्रों में रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी अपने-अपने अधिकारिता क्षेत्र के भीतर किसी क्षेत्र में या किसी सड़क पर गति पर निबंधन या सामान्यतया मोटर यानों या किसी विशिष्ट वर्ग या वर्गों के मोटर यानों के प्रयोग पर निबंधन या प्रतिबंध का ऐसा आदेश जैसा वह उचित समझे,दे सकता है।