अधिवक्ता विरमानी की संपत्ति की जुटाई जानकारी, पुलिस पहुंची राजपुर रोड के कार्यालय
पुलिस रिमांड के दूसरे दिन भी जारी रही रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के आरोपित विरमानी और रोहताश से पूछताछ
Amit Bhatt, Dehradun: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी और उनके पूर्व मुंशी रोहताश से पुलिस ने रिमांड के दुसरे दिन भी पूछताछ जारी राखी। इस दौरान पुलिस ने दोनों से उनकी संपत्ति के बारे में पूछताछ की। घंटों चली पूछताछ के बाद पुलिस पुलिस आरोपित अधिवक्ता विरमानी को लेकर उनके राजपुर रोड स्थित कार्यालय पहुंची, जहां तमाम दस्तावेज खंगाले गए। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपितों के बैंक खातों की डिटेल भी खंगालनी शुरू कर दी है। ताकि रजिस्ट्री फर्जीवाड़े और अर्जित धन के बीच की कड़ी को जोड़ा जा सके।
पुलिस रिमांड के दूसरे दिन भी विशेष जांच दल (एसआईटी) के इंचार्ज, एसपी यातायात सर्वेश पंवार व अन्य अधिकारियों ने दोनों आरोपितों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की। इस दौरान उनसे बैंक खातों व संपत्ति के बारे में सवाल किए गए। हालांकि, आरोपितों ने पुलिस को कुछ अधिक जानकारी नहीं दी। ऐसे में पुलिस ने बैंकों से आरोपितों के खातों की जानकारी मांगी है। बैंकों से जानकारी मिलने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि उनके खातों में कितनी धनराशि है और फर्जीवाड़े के दौरान कितने ट्रांजेक्शन किए गए।
एसपी सर्वेश पंवार ने बताया कि आरोपितों का रिमांड मंगलवार सुबह 10 बजे तक है, ऐसे में समय से दोनों आरोपितों को जेल में दाखिल करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस रिमांड के दौरान आरोपितों से काफी जानकारी हाथ लगी है। इसके अलावा जल्द ही सहारनपुर के कथित भूमाफिया और आरोपित कुंवरपाल को देहरादून लाकर पूछताछ की जाएगी, जिसके बाद पिक्चर काफी क्लियर हो जाएगी। बताया जा रहा है कि पुलिस ने कुछ अधिवक्ताओं से भी पूछताछ की है। एसआइटी जल्द ही अन्य की गिरफ्तारी भी कर सकती है।
ईडी की सक्रियता से कार्रवाई होगी तेज
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में लिप्त व्यक्तियों/भूमाफिया गिरोह पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस इसी के अनुरूप कार्रवाई भी कार्रवाई रही है। दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की देहरादून शाखा ने प्रकरण में दर्ज एफआईआर का ब्यौरा पुलिस से मांगा है। अभी तक की पुलिस जांच में यह खेल 20 करोड़ रुपये से अधिक का बताया जा रहा है। जबकि अभी प्रकरण में कई बंद पन्ने खुलने बाकी हैं। इसका आभास शायद ईडी के अधिकारियों को होने लगा है। यही कारण है कि ईडी भी अब मामले में मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत करने का मन बना रही है। यदि ईडी भी कार्रवाई शुरू करता है तो भूमाफिया की कमर तोड़ने की दिशा में सरकार की मंशा के अनुरूप कार्रवाई तेज हो जाएगी। क्योंकि, ईडी काले धन से अर्जित संपत्ति को अटैच करने में जरा भी देर नहीं लगाएगी।