crimeDehradunland fraud

रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा: कार्य से विरत रहेंगे अधिवक्ता, पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप

मंगलवार सुबह बार भवन में उपस्थित होंगे अधिवक्ता, 12 बजे एसएसपी को सौंपेंगे ज्ञापन

Amit Bhatt, Dehradun: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में देहरादून बार एसोसिएशन पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा रही है। खासकर वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी की गिरफ्तारी के बाद से अधिवक्ताओं का आक्रोश और बढ़ गया है। एसोसिएशन के पदाधिकारी पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगा रहे हैं। एसोसिएशन का कहना है कि पुलिस फर्जीवाड़े का केंद्र रहे सब रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं है, जबकि अधिवक्ताओं पर एकतरफा कार्रवाई की जा रही है। इसके विरोध में देहरादून के अधिवक्ता मंगलवार को कार्य से विरत रहेंगे।

अनिल शर्मा, अध्यक्ष (बार एसोसिएशन, देहरादून )

सोमवार को पत्रकार वार्ता करते हुए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि उन्हें पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का यह प्रकरण बेहड़ी गंभीर है। ऐसे में इसकी जांच सीबीआइ से कराई जानी चाहिए। तय किया गया है कि पुलिस की एकतरफा कार्रवाई के विरोध में मंगलवार दोपहर 12 बजे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को ज्ञापन सौंपा जाएगा। जिसके लिए सभी अधिवक्ताओं को सुबह 11.30 पर कचहरी परिसर स्थित बार एसोसिएशन के भवन (विधि भवन) में उपस्थिति दर्ज कराने को कहा गया है। अनुपस्थित रहने वाले अधिवक्ताओं पर कार्रवाई की चेतावनी भी एसोसिएशन ने जारी है।

बार एसोसिएशन के सचिव राजबीर बिष्ट ने कहा कि रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में अभी तक रिकार्ड रूम प्रभारी व सब रजिस्ट्रार को जांच के दायरे में नहीं लिया गया है। जबकि फर्जी रजिस्ट्रियों को असल बताने वाली नकल की सत्यापित प्रति इन्हीं अधिकारियों के माध्यम से जारी की गई। इन्हीं नकल को विभिन्न राजस्व न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट तक में लगाया गया। ऐसे में अधिवक्ताओं ने भी ऐसी नकल से संबंधित रजिस्ट्रियों पर भरोसा किया। जो कि स्वाभाविक बात भी है। लिहाजा, प्रकरण की जांच अब सीबीआइ से कराई जानी चाहिए। क्योंकि, यह प्रकरण राज्य का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला भी साबित हो सकता है। ऐसे में पुलिस दबाव में भी काम कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्रकरण में अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा बार एसोसिएशन हापुड़ में अधिवक्ताओं पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में भी ज्ञापन सौंपेगी।

22 साल से क्यों सहारनपुर में पड़े रहे रिकार्ड?
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा में सवाल उठाया कि जिमीनों के पुराने रिकार्ड क्यों 22 साल तक सहारनपुर में पड़े रहे। इन्हें समय पर क्यों देहरादून नहीं लाया गया। ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों ने ही राजस्व अभिलेखों में छेड़छाड़ की छूट देने का काम किया। क्योंकि, सहारनपुर से लाए गए तमाम रिकार्ड में भी छेड़छाड़ की बात सामने आ रही है। हालांकि, अब रिकार्ड को देहरादून वापस लाने के लिए जिलाधिकारी सोनिका के प्रयास की सराहना भी बार पदाधिकारियों ने की है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button