हरदा खेमे के कांग्रेसी विधायक ने किया प्रधानमंत्री का आभार, अंदरखाने बढ़ी रार
धारचूला क्षेत्र के विधायक हरीश धामी ने जारी किया वीडियो, प्रधानमंत्री मोदी और सीएम धामी को हाथ जोड़कर धन्यवाद
Amit Bhatt, Dehradun: यूं तो प्रधानमंत्री किसी पार्टी विशेष के नहीं होते हैं। वह पूरे देश के प्रधान सेवक होते हैं। लेकिन, आज के दौर की राजनीति में विपक्षी दल का मतलब है विरोधी। ऐसे में किसी सत्तारूढ़ दल के भले काम में भी मीन-मेख निकालने का चलन तेज हो गया है। इसी राजनीतिक प्रतिद्वन्द्विता के बीच उत्तराखंड के धारचूला विधानसभा क्षेत्र के विधायक हरीश धामी ने मिसाल पेश की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुदूर आदि कैलाश क्षेत्र और गुंजी गांव के भ्रमण पर उनका आभार व्यक्त किया है। लगे हाथ उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी धन्यवाद कर दिया। हाथ जोड़कर किए गए धन्यवाद और प्रशंसा के शब्दों वाला वीडियो उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।
जिसमें वह कह रहे हैं कि इस भ्रमण से न सिर्फ धारचूला विधानसभा को पर्यटन की दृष्टि से बहुत फायदा मिलेगा, बल्कि पूरे उत्तरखंड को इसका लाभ मिलेगा। साथ ही कहा कि क्षेत्र में रुके हुए विकास कार्यों को गति मिलेगी। कहने को तो यह सामान्य और शिष्टाचार का ही प्रतीक है, लेकिन राजनीती का चश्मा पहले लोग इस वीडियो को अलग ही नजर से देख रहे हैं। इस वीडियो के जारी होते ही राजनितिक घाघ लोग तरह-तरह के मायने भी निकालने लगे हैं।
दरअसल, यह मायने इसलिए भी निकाले जा रहे हैं, क्योंकि प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी हावी रहती है। हरीश धामी को हरीश रावत खेमे का अहम स्तंभ माना जाता है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के दूसरे गुट जब हरीश रावत के खेमे को खंडहर की मानिद देख रहे थे, तब भी इस खंडहर की चूलें नहीं हिला पाए। फिर हरीश रावत की सरकार में अघोषित डिप्टी सीएम की पावर में रहे रणजीत रावत भी समय के साथ हरदा के विरोधी बन गए।
ऐसे में गाहे-बगाहे कांग्रेस के वट वृक्ष हरीश रावत को हिलाने की कोशिश की जाती रहती हैं। जब-जब हरीश रावत के विपरीत हवा चली, हरीश धामी जैसे उनके खास सिपहसालार कुछ भी कर गुजरने को हमेशा तैयार रहे हैं। यहां तक कि कांग्रेस आलाकमान के फैसलों को लेकर भी यही सिपहसालार हरदा की ढाल बनकर खड़े हो जाते हैं। विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद जब सभी हरदा को कोस रहे थे, तब हरीश धामी ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी योगेंद्र यादव को इसका जिम्मेवार बताते हुए रुख को मोड़ने का काम किया था। एक दफा उन्होंने यहां तक कह दिया था कि इस पार्टी में उनका सम्मान नहीं बचा है। तब उन्होंने पार्टी छोड़ने के संकेत तक दे डाले थे।
अब इसी गुटबाजी के बीच धारचूला विधायक हरीश धामी का यह वीडियो व्यवहारिक रूप से पूरी तरह दुरुस्त होने के बाद भी राजनितिक गलियारों में हलचल पैदा कर रहा है। क्योंकि, हरीश धामी जो कुछ भी करते हैं, उनमें हरदा की दूर की सोच भी नजर आती है। फिलहाल तो यह वीडियो प्रधानमंत्री के आगमन पर उनका आभार करता दिख रहा है। राजनीति के धुरंदर इसके पीछे के क्या मायने निकालते हैं या इसके क्या दूरगामी असर होंगे, यह तो भविष्य ही बताएगा।