सिंचाई विभाग पर सीबीआई का शिकंजा, एसई, 02 ईई व ठेकदार समेत 08 पर मुकदमा
हरिद्वार में करोड़ों रुपये के पार्किंग घोटाले में कार्रवाई, ताबड़तोड़ छापेमारी कर सीबीआई ने जुटाए साक्ष्य
Amit Bhatt, Dehradun: हरिद्वार में करोड़ों रुपये के पार्किंग घोटाले में सीबीआई ने उत्तराखंड सिंचाई विभाग के अभियंताओं व ठेकदार पर बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता (एसई) आरके तिवारी, अधिशासी अभियंता (ईई) एसएल कुड़ियाल, अधिशासी अभियंता अतर सिंह बिष्ट, उप राजस्व अधिकारी (डीआरओ) एनएस कुंडरा, ठेकेदार अजय कुमार, अरुण कुमार व दो अज्ञात व्यक्तियों पर मुकदमा दर्ज किया है। एफआईआर में सीबीआई ने अज्ञात आरोपितों को पब्लिक सर्वेंट के नाम से संबोधित किया है। यह कार्रवाई हाई कोर्ट के आदेश पर की गई। सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करने के साथ ही आरोपितों के हरिद्वार, देहरादून के कार्यालयों, आवास व अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर साक्ष्य भी जुटाए। इस कार्रवाई के बाद से घपले से जुड़े तमाम अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है। बताया जा रहा है कि पार्किंग घोटाले की आंच विभाग के उच्च अधिकारियों तक भी पहुंच सकती है।
कोरोनाकाल में किया गया खेल, अल्प समय के एक्सटेंशन को बढ़ाते रहे
हरिद्वार में पंतद्वीप पार्किंग घोटाले का यह मामला दो सगे भाइयों (अजय कुमार व अरुण कुमार) की कंपनी रिद्धिम एसोसिएट्स को नियमों के विपरीत लाभ पहुंचाने से जुड़ा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कोरोनाकाल में पार्किंग का जिम्मा संभाल रही कंपनी को सिर्फ उस समय तक के लिए एक्सटेंशन दिया गया था, जितने दिन पार्किंग बंद रही। इसका अनुमोदन भी तत्कालीन अधिशासी अभियंता ने उच्च स्तर से प्राप्त किया था। हालांकि, इसके बाद अन्य अधिकारियों ने नए टेंडर कराने की जगह उसी ठेकेदार को एक्सटेंशन दे दिया। बताया जा रहा है कि कुछ समय बाद पार्किंग का क्षेत्रफल भी बढ़ाया गया और शुल्क में भी बढ़ोत्तरी की गई। ताकि कंपनी को अतिरिक्त लाभ मिल सके।
हाई कोर्ट गए अन्य ठेकेदार, एक्सटेंशन निरस्त और सीबीआई जांच के आदेश
रिद्धिम एसोसिएट्स को मानकों को ताक पर रखकर दिए गए एक्सटेंशन के विरोध में अन्य ठेकेदार हाई कोर्ट चले गए थे। गत दिनों हाई कोर्ट ने हरिद्वार की पंतदीप पार्किंग का टेंडर विस्तार दिए जाने के घपले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। कोर्ट ने विभाग की ओर से कोविडकाल में दिए गए ठेका विस्तार को गलत माना था और सभी एक्सटेंशन निरस्त कर दिए गए थे। हाई कोर्ट के आदेश के क्रम में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करने के साथ ही कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
तो क्या अज्ञात आरोपित में एक ईई व एक एई है?
इस तरह की बात सामने आ रही है एफआईआर में जिन दो आरोपितों को अज्ञात में दिखाया गया है, उसमें जल्द नाम जुड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि एक नाम अधिशासी अभियंता व एक नाम सहायक अभियंता का हो सकता है। यह वही अभियंता बताए जा रहे हैं, जिनकी भूमिका नए पार्किंग के टेंडर कराने की जगह दोबारा एक्सटेंशन देने में रही। सूत्रों के मुताबिक एक महिला अधिकारी भी सीबीआई के रडार पर है।
9.15 करोड़ थी उच्च बोली, 8.15 करोड़ पर रिद्धिम को ठेका
पार्किंग घोटाले में यह बात सामने आई है कि रिद्धिम एसोसिएट्स पर सिंचाई विभाग पहले से ही मेहरबान रहा है। क्योंकि, पूर्व में जब रिद्धिम को पार्किंग का ठेका दिया गया था, उस टेंडर में उच्च बोली 9.15 करोड़ रुपये की शर्मा ट्रेडर्स की थी, जबकि जिस रिद्धिम एसोसिएट्स को ठेका दिया गया, उसने 8.15 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।
रिद्धिम से छोड़े 41 लाख रुपये
पार्किंग घोटाले में यह बात भी सामने आई है कि उच्च बोली को दरकिनार कर जब रिद्धिम एसोसिएट्स को ठेका दिया गया तो, उससे स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस भी नहीं वसूल की गई। पाया गया कि स्टांप ड्यूटी में 16.30 लाख व रजिस्ट्रेशन फीस में 25 लाख रुपये का गोलमाल किया गया है।