वीडियो: बदहवास हालत में भटक रहे थे लोनिवि के इंजीनियर
06 दिन बाद ऋषिकेश में बस अड्डे के पास मिले, हालत देखकर परिजनों की अटक गई सांसें
Amit Bhatt, Dehradun: राष्ट्रीय राजमार्ग खंड देहरादून में तैनात अपर सहायक अभियंता अमित चौहान को छठे ऋषिकेश क्षेत्र से खोज तो निकाला गया, लेकिन उनकी दशा कुछ ठीक नहीं लग रही है। उन्हें खोज लिए जाने के दौरान जो वीडियो सामने आया है, उसमें वह बदहवास स्थिति में नजर आ रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि जैसे वह किसी गहरे मानसिक तनाव की चपेट में हैं। शनिवार दोपहर को उन्हें खोज लिए जाने के बाद पुलिस ने उन्हें उत्तरकाशी ले जाने की तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन परिजन उनके इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराने का आग्रह कर रहे थे।
ऋषिकेश बस अड्डे के पास मिले अपर सहायक अभियंता अमित चौहान से जब उनके इस हाल का कारण पूछा गया तो वह एकटक शून्य में ही खोए नजर आए। वह कुछ बोलने की स्थिति में भी नहीं थे। अभियंता चौहान 12 मई की रात तब से लापता चल रहे थे, जब उत्तरकाशी के ठेकेदार राजदीप परमार उन्हें अपने साथ ले गए थे। वह 01 घंटे में वापस लौटने की बात कहकर देहरादून के देहराखास क्षेत्र के नानक विहार स्थित आवास से निकलने थे। लेकिन, इसके बाद ठेकेदार उन्हें उत्तरकाशी डुंडा ले गए थे। उसी रात को अभियंता चौहान का मोबाइल बंद हो गया था, जबकि उन्हें आखिरी बार 13 मई की सुबह डुंडा में दो जगह सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में देखा गया था।
पुलिस फिलहाल उनसे यह जानने का प्रयास कर रही थी कि ऐसा क्या हुआ कि उत्तरकाशी जाने के बाद वह गायब किन परिस्थितियों में हुए। इस बीच वह कहां रहे और परिजनों से संपर्क क्यों नहीं किया। इसके बाद ही असल कहानी निकलकर सामने आ सकती है। पुलिस के मुताबिक अभियंता चौहान की स्थिति सामान्य होने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकता है। दूसरी तरफ लोक निर्माण विभाग और राजमार्ग खंड के उनके अधिकारी भी तमाम सवालों को लेकर इंतजार की ही मुद्रा में हैं। क्योंकि, अभी सभी यही चाहते हैं कि पहले अभियंता चौहान सामान्य स्थिति में लौट आएं।
इससे पहले अपर सहायक अभियंता के गायब हो जाने के बाद से सिस्टम के हाथ पैर फूल गए थे। उनकी गुमशुदगी उत्तरकाशी कोतवाली में दर्ज कराई गई थी, जबकि उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ और संघ ने इस घटना को अपहरण करार देते हुए डीजीपी को ज्ञापन दिया था। सहायक अभियंता को इस तरह घर से उठाकर ले जाने के बाद से लोनिवि के अभियंताओं में भारी आक्रोश भी था। ठेकदार राजदीप परमार अभियंता अमित चौहान को डुंडा में अपने होटल राजाजी में पहुंचे थे। रात को अमित चौहान को इसी होटल में ठहराया गया था। राजदीप और एक अन्य व्यक्ति के साथ होटल में अमित चौहान के प्रवेश करने के सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए। उस समय सभी का आचार-व्यवहार सामान्य दिख रहा था।
राजाजी कंस्ट्रक्शन का भुगतान और गायब दस्तावेजों का सच भी आएगा सामने?
अपर सहायक अभियंता अमित चौहान जून 2023 के आसपास ही राजमार्ग खंड देहरादून में तैनात हुए थे। इससे पहले वह निर्माण खंड चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी में कार्यरत थे। उनके कार्यकाल में वर्ष 2020-21 में राजदीप परमार की राजाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनचौरा-बद्रीगाड़ मोटर मार्ग के अलग-अलग हिस्सों में कुल 18 किमी भाग पर डामरीकरण संबंधी कार्य किए थे। बताया जा रहा है कि इस काम का करीब 70 से 80 लाख रुपये का बकाया चल रहा था। इस बकाया राशि को लेकर राजाजी कंस्ट्रक्शन ने विभाग को लीगल नोटिस भी भिजवाया। कुछ अन्य ठेकदारों के बकाया भुगतान को लेकर भी प्रकरण लंबित बताए जा रहे हैं, जो 06 से 07 करोड़ रुपये के बीच अनुमानित हैं। लेकिन, इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकी है। इस मामले में निर्माण खंड चिन्यालीसौड़ के अधिशासी अभियंता मनोज दास कुछ भी स्पष्ट कहने से बच रहे हैं।
माना जा रहा है कि अभियंता को देहरादून से उत्तरकाशी ले जाने के पीछे का कारण यही दस्तावेज थे। अब अभियंता की सकुशल खोज के बाद इन सवालों के भी जवाब मिल सकेंगे। माना जा रहा है कि निर्माण कार्य या भुगतान की किसी प्रक्रिया में तकनीकी अड़चन आ रही थी। परियोजना से संबंधित कुछ दस्तावेज भी चिन्यालीसौड़ खंड से गायब हैं। इन्हें अमित चौहान के कब्जे में होना बताया जा रहा है। यह भी एक कारण हो कि दस्तावेजों की खोजबीन के लिए राजदीप परमार अपर सहायक अभियंता को अपने साथ उत्तरकाशी ले गए हों।
इसी तरह के कुछ दस्तावेजों को लेकर चिन्यालीसौड़ खंड ने अमित चौहान के वर्तमान खंड कार्यालय को पत्र भी लिखा था। दस्तावेजों को लेकर राजमार्ग खंड के अधिकारियों ने उस समय अमित से पूछा भी था। लेकिन, तब अमित ने सिर्फ यही कहा कि जल्द वांछित दस्तावेज उपलब्ध करा दिए जाएंगे। लेकिन, ऐसा था तो फिर अमित चौहान अचानक गायब क्यों हो गए? क्या उन दस्तावेजों में ऐसा कुछ था जो अमित चौहान की सेवा पर विपरीत असर डाल सकता था या उनका सीधा संबंध राजदीप की कंस्ट्रक्शन कंपनी के भुगतान से जुड़ा था। अब इन बातों के जवाब अपर सहायक अभियंता स्वयं दे पाएंगे।