बिग ब्रेकिंग: बालाजी धाम हनुमान मंदिर में करोड़ों का गबन, संरक्षक ने ही फर्जी रसीद से वसूला चंदा
प्रबंध समिति के चुनाव होने और हाई कोर्ट के आदेश पर चुनाव बाद नई कार्यकारिणी गठित होने के बाद भी संरक्षक बाबा हठ योगी मनमर्जी पर उतारू

Amit Bhatt, Dehradun: देहरादून के प्रसिद्ध बालाजी धाम झाझरा के हनुमान मंदिर में आस्था की आड़ में हरिद्वार के बाबा हठयोगी पर गंभीर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे हैं। आरोप है कि मंदिर के संरक्षक के रूप में बाबा ने एक अवैध समिति का गठन किया, उसकी रसीद बुक छपवाई और चंदा एकत्रित कर मोटी रकम ठिकाने लगा दी। इस मामले में झाझरा ग्राम पंचायत की प्रशासक/निवर्तमान प्रधान पिंकी देवी ने जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और मंडलायुक्त गढ़वाल को शिकायत भेजकर हनुमान मंदिर में करोड़ों रुपये के गबन के आरोपी बाबा हठयोगी पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। शिकायत पर अधिकारियों ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

बालाजी धाम झाझरा हनुमान मंदिर के नाम पर अवैध समिति की ओर से छपवाई गई रसीद और वसूले गए चंदे का एक उदाहरण।
ग्राम पंचायत झाझरा की प्रशासक पिंकी देवी की शिकायत के अनुसार बालाजी धाम का निर्माण सरकारी भूमि (ग्रामसभा की भूमि) पर किया गया है। ग्रामसभा के अंतर्गत ही मंदिर श्री हनुमान जी महाराज प्रबंध समिति का गठन किया गया है। समिति के कार्यों को बेहतर ढंग से संपादित किए जाने को लेकर बाबा हठयोगी को समिति ने संरक्षक बनाया था। उन पर समिति को सक्रिय रखने और निष्क्रियता की स्थिति में 01 माह के भीतर चुनाव कराने की जिम्मेदारी थी। लेकिन, संरक्षक ने समिति को निष्क्रिय बनाया और चुनाव भी नहीं कराए। इसी बीच अवैध तरीके से मंदिर श्री हनुमान जी महाराज जी समिति का गठन कर इसकी रसीदें छपवाकर चंदा एकत्रित किया गया।
आरोप है कि अब तक करोड़ों रुपए का गबन किया जा चुका है। क्योंकि, मंदिर के नाम पर मांगे गए चंदे की राशि मनमर्जी से अन्यत्र खर्च की गई। यह स्थिति तब है, जब संरक्षक को समिति ने कोई वित्तीय अधिकार भी नहीं दिए थे और मंदिर श्री हनुमान जी महाराज प्रबंध समिति पहले से अस्तित्व में थी। लेकिन, इसे जानबूझकर निष्क्रिय किया गया। प्रकरण की शिकायत जिलाधिकारी के साथ ही मंडलायुक्त और पुलिस को भी दी गई है। प्रशासक ने पंचायत की भूमि पर स्थापित हनुमान मंदिर की संपत्ति और छवि के विपरीत किए जा रहे कार्यों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। बताया जा रहा है कि कुछ राजनितिक व्यक्ति भी बाबा हठयोगी की मदद कर रहे हैं। ताकि वह विवाद के बीच अपने आर्थिक हित साध सकें। पुलिस और प्रशासन की जांच में ऐसे व्यक्तियों के भी नाम सामने आ सकते हैं।
2003 में ग्राम पंचायत के अधीन आई भूमि पर बना है मंदिर
बालाजी धाम वर्ष 2003 में ग्राम जाझरा में निहित की गई भूमि पर बनाया गया है। तब तत्कालीन उपजिलाधिकारी विकासनगर ने भूमि को ग्राम पंचायत में निहित किया था। साथ ही वर्ष 2004 में ग्राम पंचायत के अंतर्गत प्रबंध समिति का गठन किया था। पहली बार समिति के चुनाव न कराने का मामला वर्ष 2008 में उठा था। वर्ष 2024 में विवाद बढ़ने पर डीजीसी सिविल की सलाह पर चुनाव कराए जाने का निर्णय लिया गया था। साथ ही इस मामले में रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी की जांच की संस्तुति में भी चुनाव कराने को कहा गया था।
हाई कोर्ट के आदेश पर हुए चुनाव, फिर भी हठ छोड़ने को तैयार नहीं
प्रकरण में समिति के संस्थापक सदस्यों ने हाई कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट के आदेश पर उपजिलाधिकारी विकासनगर के चुनाव कराए और अब मंदिर श्री हनुमान जी महाराज प्रबंध समिति का नवीनीकरण भी कराया जा चुका है। हालांकि, गबन की बात सामने आने के बाद विवाद ने नया रूप ले लिया है। यह मामला इसलिए भी गंभीर है कि कोर्ट के निर्देश, उपजिलाधिकारी के आदेश और रजिस्ट्रार फर्म और सोसाइटी की जांच के बाद भी आस्था के नाम पर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा है।
अवैध समिति में सरकारी कर्मचारी भी शामिल
हनुमान मंदिर के संरक्षक बाबा हठयोगी की ओर से चंदा एकत्रित करने के लिए बनाई गई समिति में जल संस्थान के एक कर्मचारी को भी पदाधिकारी बनाया गया है। देवराज नाम के इस कर्मचारी की भूमिका भी जांच के घेरे में है। आखिर जिस समिति को लेकर विवाद खड़ा हुआ है और गबन के आरोप लगे हैं, वहां कोई सरकारी कर्मचारी कैसे सक्रिय भूमिका में सेवा दे सकता है। इसके अलावा जल संस्थान के ही एक ठेकेदार का नाम भी हनुमान मंदिर के नाम पर बनाई गई अवैध समिति में सामने आ रहा है।