देहरादून: इन दिनों रिहायशी क्षेत्रों में वन्यजीवों की धमक बढ़ गई है। खासकर कई इलाकों में बंदरों का आतंक है। उत्पात मचा रहे बंदरों को पकड़ने के लिए वन विभाग की ओर से अभियान भी जारी है। बीते एक सप्ताह में शहर के विभिन्न क्षेत्रों से कुल 140 बंदर पकड़े गए। जबकि, रविवार को ही रेस्क्यू टीम ने 22 बंदरों को पिंजड़े में कैद किया। इसके अलावा बढ़ी हुई झाड़ियों के कारण सांप-अजगर घरों में घुस आ रहे हैं। सोमवार को केंद्रीय विद्यालय आइएमए में एक अजगर घुस आने से हड़कंप मच गया। जिसे कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पकड़कर वन विभाग को सौंप दिया। वहीं, रविवार को राजपुर रोड स्थित मुख्य सचिव आवास में भी एक सांप घुस गया था, जिसे वन विभाग विभाग ने रेस्क्यू किया। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। गली-मोहल्लों में बच्चे-महिलाओं पर हमलावर बंदरों ने जीना मुहाल कर दिया है। साथ ही छतों और बालकनी से बंदर सामान उठाकर ले जाते हैं। लगातार मिल रही शिकायतों पर वन विभाग ने अभियान चलाकर कार्रवाई की। रविवार को वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने जाखन और सर्वे एस्टेट में पिंजड़े लगाकर 22 बंदरों को कैद किया। प्रभागीय वनाधिकारी नितीशमणि त्रिपाठी ने रेस्क्यू टीम को अभियान चलाकर बंदर पकड़ने के निर्देश दिए हैं। मालसी रेंजर भुवन चंद्र केष्टवाल के नेतृत्व में बंदर पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। सप्ताहभर में जाखन, सर्वे एस्टेट, कांवली, राजेंद्र नगर, पटेल नगर, आइएमए, दून स्कूल आदि क्षेत्रों में अभियान चलाकर 140 बंदर पकड़े। टीम में वन बीट अधिकारी हयात सिंह, रेस्क्यू टीम से जितेंद्र बिष्ट, मनोज और प्रमोद शामिल रहे। बंदरों को पकड़कर चिड़ियापुर स्थित रेस्क्यू सेंटर भेजा जा रहा है, जहां उनका बंध्याकरण किया जाएगा। इसके अलावा रेस्क्यू टीम ने मुख्य सचिव आवास के स्टोर से रैट स्नेक को रेस्क्यू किया। सोमवार को केंद्रीय विद्यालय आइएमए की चहारदीवारी पर एक अजगर लिपटा होने से स्कूल स्टाफ और बच्चों में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर प्रेमनगर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता कुनाल ग्रोवर मौक पर पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद सांप काे रेस्क्यू कर वन विभाग को सूचना दी। बाद में अजगर को झाझरा रेंज के जंगल में छोड़ दिया गया।