Usha Gairola, Dehradun: कंटेनमेंट जोन का नाम कोरोना के संक्रमण काल में खूब सुनने और देखने में आता रहा है। कोरोना से निपटने में यह विधि कारगर साबित हुई। डेंगू के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए भी कंटेनमेंट जोन बनाए जाएंगे। जिस भी जगह डेंगू के पांच से अधिक संक्रमित मरीज पाए जाएंगे, वहां कंटेनमेंट जोन बनाकर घर-घर में डेंगू का सोर्स रिडक्शन किया जाएगा। हालांकि, यह कंटेनमेंट जाने कोरोना संक्रमण से कुछ भिन्न होंगे, संबंधित क्षेत्र में किसी को कैद नहीं किया जाएगा, बल्कि रोकथाम के विभिन्न उपाय युद्ध स्तर पर किए जाएंगे। इस जोन के दायरे में आसपास के कम से कम 50 घरों को शामिल करते हुए सघन अभियान चलाया जाएगा।
यह बात स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कोटद्वार बेस अस्पताल के निरीक्षण के दौरान कही। डेंगू की रोकथाम की व्यवस्था को चुस्त रखने के लिए स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार निरंतर विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने कोटद्वार में बेस अस्पताल का निरीक्षण किया। अस्पताल की कई व्यवस्था मानकों के अनुरूप न पाकर स्वास्थ्य सचिव खासे नाराज हो गए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी डॉ प्रवीण कुमार को कड़े शब्दों में व्यवस्था में सुधार के निर्देश जारी किए।
डेंगू आइसोलेशन वार्ड में फिजीशियन नहीं दे पाए जवाब, सचिव हुए नाराज
बेस अस्पताल के निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने डेंगू आइसोलेशन वार्ड में भर्ती एक मरीज का हाल भी जाना। उन्होंने भर्ती मरीज की प्लेटलेट्स और उपचार को लेकर वरिष्ठ फिजीशियन डॉ जेसी ध्यानी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ विजयेश भरद्वाज से जानकारी ली। जिसका सपष्ट जवाब वह नहीं दे पाए। स्वास्थ्य सचिव ने इस स्थिति को खेदपूर्ण बताते हुए कहा कि मरीजों के उपचार में किसी भी तरह की कोताही
बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जच्चा-बच्चा कक्ष की व्यवस्था भी परखी
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने अस्पताल में जच्चा-बच्चा कक्ष में भर्ती महिलाओं के उपचार आदि को लेकर भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने तैनात आशाओं व अन्य स्टाफ को निर्देश दिए कि उपचार से लेकर गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में किसी भी तरह की हीलाहवाली नहीं की जानी चाहिए।
कोटद्वार मेडिकल कालेज की भूमि का लिया जायजा
स्वास्थ्य सचिव ने कोटद्वार में डेंगू की रोकथाम की व्यवस्था का जायजा लेने के साथ ही मेडिकल कालेज निर्माण के लिए कलालघाटी में चयनित की गई भूमि का मुआयना भी किया। इस दौरान उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भूमि की पैमाइश करने के साथ ही चारों तरफ बाउंड्री वॉल बनाने के निर्देश भी दिए।