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एसआइटी के पास पहुंची भूमि फर्जीवाड़े की 35 नई शिकायतें

रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की तह तक जाने के लिए स्टांप मुख्यालय में खोला गया कार्यालय, मांगी जा रही शिकायतें

Amit Bhatt, Dehradun: रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ कर स्वामित्व बदल डालने और रिकार्ड रूम से अभिलेख गायब करने के मामले में जिला प्रशासन ने तह तक जाने का निर्णय लिया है। यही कारण है कि रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआइटी (विशेष जांच बल) ने अब नागरिकों से शिकायत प्राप्त करने के लिए अलग से कार्यालय शुरू कर दिया है। क्योंकि यह फर्जीवाड़ा जब सामने आया था, तब पांच रजिस्ट्रियों में छेड़छाड़ कर स्वामित्व बदल डालने की बात सामने आई थी। फिर यह आंकड़ा बढ़कर सात पर जा पहुंचा। साथ ही यह भी पता चला कि राजस्व अभिलेखागर से भी भूमि संबंधी दस्तावेज गायब किए गए हैं। हालांकि, जिला प्रशासन शुरू से ही इसके प्रति आशंकित था और माना जा रहा है कि बड़े पैमाने पर घपला किया गया है।

इस क्रम में गहन जांच को एसआइटी गठित करने और सात मुकदमे पंजीकृत करने के बाद एसआइटी नागरिकों से भी फर्जीवाड़े के प्रकरण संज्ञान में लाने का आग्रह कर रही है। इसका असर यह हुआ कि एसआइटी के पास रजिस्ट्री फर्जीवाड़े जैसी 35 शिकायतें और आई हैं। जिनमें शिकायत करने वाले व्यक्तियों ने फर्जी अभिलेख तैयार कर जमीन हड़पने का आरोप लगाया है।
एसआइटी का यह कार्यालय छह नंबर पुलिया के पास स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन मुख्यालय के कक्ष संख्या 116 में खोला गया है। यहां शिकायतों को प्राप्त करने के लिए विशेष जांच दल के सदस्य अतुल कुमार शर्मा की विशेष रूप से तैनाती की गई है। एसआइटी की ओर से निरंतर सार्वजनिक रूप से अपील की जा रही है कि जिन भी व्यक्तियों के भूमि अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ की गई है, वह अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस कार्यालय को खुले अभी एक सप्ताह भी नहीं हुआ है और यहां भूमि फर्जीवाड़े से संबंधित 35 शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी है।

फर्जी दस्तावेज तैयार करने से लेकर अभिलेख गायब करने तक के हैं प्रकरण
एसआइटी के समक्ष जो शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, उनमें संबंधित व्यक्तियों ने भूमाफिया पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने से लेकर अभिलेखागर से पत्रावली तक गायब करने का आरोप लगाया है। एसआइटी का यह कार्यालय सभी शिकायतों को उनकी प्रकृति के मुताबिक संकलित कर रहा है और इसके बाद इन सभी पर मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। ऐसे प्रकरण भी इनमें शामिल हैं, जिनमें मुकदमा दर्ज करने के लिए पहले से तहरीर दी जा चुकी है।

दाखिल खारिज की फाइल गायब करने का भी है प्रकरण
ऋषिकेश तहसील के अंतर्गत हरिपुर कलां में दाखिल खारिज (स्वामित्व अंतरण) संबंधी फाइल को राजस्व अभिलेखागार से गायब कर दिए जाने का प्रकरण इस कार्यालय के पास भी पहुंचा है। जिसमें कहा गया है कि सूचना आयोग और जिलाधिकारी सोनिका के निर्देश पर पत्रावली गुम होने की तहरीर शहर कोतवाली में दी जा चुकी है, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा। साथ ही बताया गया है कि पत्रावली को रकबा बढ़ाने के लिए किए गए खेल को छिपाने के लिए गायब कराया गया है। इस प्रकरण में बड़े भूमाफिया गिरोह का हाथ होने की आशंका व्यक्त की गई है। यह प्रकरण वरिष्ठ नागरिक वेद प्रकाश अरोड़ा की शिकायत के क्रम के बाद सामने आ पाया।

रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की यहां कराएं शिकायत
एसआइटी सदस्य, अतुल कुमार शर्मा
मो. 7454959384
ई-मेल sit.igruk@gmail. com
पता-रिंग रोड, पुलिया नंबर छह के पास स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन मुख्यालय, कक्ष संख्या 116

आरोपित केपी सिंह, रिमांड के लिए कोर्ट के समक्ष पेश किए जाने के दौरान।

केपी सिंह को रिमांड के बाद वापस जेल भेजा, सहारनपुर का सब रजिस्ट्रार कार्यालय संदेह में

जमीन फर्जीवाड़े में गिरफ्तार सहारनपुर के भूमाफिया कुंवरपाल को चार दिन के पुलिस रिमांड के बाद एसआइटी ने जेल में दाखिल कर दिया है। चार दिन की पूछताछ के बाद पुलिस के हाथ काफी सुराग लगे हैं। अब तक हुई पूछताछ में सहारनपुर के उप रजिस्ट्रार कार्यालय के कुछ कर्मचारियों का नाम सामने आया है। इसके अलावा कुछ अधिवक्ता भी हैं, जो कि केपी के संपर्क में थे।
फर्जीवाड़े में अब तक एसआइटी 10 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरोह का मुख्य सूत्रधार कुंवर पाल ने गिरफ्तारी के डर से एक पुराने मामले में जमानत खारिज करवाई और सहारनपुर जेल चला गया। प्रकरण की जांच कर रही एसआइटी आरोपित को बी-वारंट पर देहरादून लेकर आई और बीते सोमवार को उसका चार दिन का पुलिस रिमांड लिया। एसआइटी की टीम गुरुवार को उसे सहारनपुर स्थित उसके घर भी ले गई थी, जहां से कुछ पुराने स्टांप और मुहरें बरामद की गई। पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद अब एसआइटी पूछताछ में जो तथ्य सामने आए हैं, उस आधार पर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। जल्द ही अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी हो सकती है।

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