Amit Bhatt, Dehradun: देहरादून के मोहब्बेवाला जैसे औद्योगिक क्षेत्र में चार दिन से इंटरनेट सेवा ठप है। इसके चलते उद्योगों के सभी आवश्यक ऑनलाइन कार्य बाधित चल रहे हैं। इस स्थिति के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (आईएयू) के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि राजधानी जैसी जगह के अहम क्षेत्र में इंटरनेट जैसी अहम सेवा को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
दरसअल, नगर निगम देहरादून स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत दून की सूरत संवारने के लिए विभिन्न स्तर पर उपाय कर रहा है। शहरभर में बिजली आदि के खभों पर लिपटा तारों का जाल भी शहर की सुंदरता को खराब करता है। इसके लिए नगर निगम लंबे समय से इंटरनेट सेवा प्रदाता समेत अन्य प्रतिष्ठानों को अपने तारों को व्यवस्थित करने के निर्देश देते आ रहा है। जब इस बात की निरंतर अनदेखी की जाती रही तो नगर निगम ने एक्शन में आते हुए तारों को काटना शुरू कर दिया है। नगर निगम को यह नहीं मालूम कि कौन सी तार किस काम की है, लिहाजा सभी तरह की वायरिंग इसकी जद में आ रही हैं।
स्वच्छता के इसी अभियान के तहत मोहब्बेवाला क्षेत्र की इंटरनेट की तारों को भी काट दिया गया है। सीधे-सीधे यह खामी इंटरनेट प्रदाता प्रतिष्ठानों की है। हालांकि, इसका खामियाजा मोहब्बेवाला क्षेत्र के उद्योग व अन्य कारोबारी प्रतिष्ठानों को उठाना पड़ रहा है। वह विभिन्न स्तर पर शिकायत दर्ज करा चुके हैं, आपत्ति दर्ज करा चुके हैं, लेकिन बात नहीं बन पा रही। इस प्रकरण में इंटरनेट प्रदान करने वाले प्रतिष्ठानों की गैरजिम्मेदाराना भूमिका उजागर होती है और अब संबंधित प्रतिष्ठानों के पदाधिकारी इंटरनेट बहाल करने की दिशा में भी सुस्त नजर आ रहे हैं।
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि इंटरनेट न होने से इनवॉइस नहीं बन पा रही, ई-वे बिल नहीं जनरेट हो पा रहे और इंटरनेट बैंकिंग से लेकर तमाम अहम कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि रिटर्न फाइल करने की तिथि भी करीब है। ऐसे में यदि इंटरनेट सेवा बहाल नहीं की गई तो उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
देहरादून शहर में अव्यवस्थित तारों के मकड़जाल को खत्म करने को शुरू किया अभियान
प्राय देखा जाता है कि शहर में बिजली के खंभों तथा पेड़ों पर झूलते हुए तारों के झुरमुट शहर की सुंदरता बिगाड़ने के साथ-साथ खतरा भी उत्पन्न करते रहते हैं। नगर निगम देहरादून ने इन अनावश्यक तारों को हटाने की कयावद शुरू कर दी है। समस्या की गंभीरता को देखते हुए नगर आयुक्त मनुज गोयल ने अपने कार्यालय कक्ष में विभिन्न सेवा प्रदाता कंपनियों के प्रतिनिधियों की बैठक ली। बैठक में रिलायंस जियो, स्काई नैट, देहरादून इंडेक्स सॉल्यूशंस, एयरटेल, बीएसएनएल तथा आईटीडीए सहित अन्य कंपनियों/एजेंसियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। नगर आयुक्त ने सभी प्रतिनिधियों को शहर में अनावश्यक झूलते हुए तार अतिशीघ्र हटाने के सख्त निर्देश दिए।
शहर में कैसे बनता है तारों का मकड़जाल
अक्सर बिजली या टेलीफोन के खंभों पर झूलता दिखता तारों का मकड़जाल केवल टीवी या इंटरनेट नेटवर्क प्रदान करने वाली कंपनियों के द्वारा फैलाया होता है। लोगों के द्वारा अक्सर घर बदलने अथवा सेवा प्रदाता कंपनी बदल दिए जाने से कंपनियां वहां से तारों को नहीं हटाती हैं, बल्कि नया कनेक्शन देने पर नई तारें डाल दी जाती हैं, जिससे तारों का झुरमुट बिजली के तारों के साथ झूलता हुआ दिखाई देता है। जो शहर की सुंदरता को खत्म करने के साथ-साथ हादसे का कारण भी बनता है।
तारों के अनावश्यक मकड़जाल से होने वाली समस्याएं
तेज हवाओं के दौरान अनावश्यक तारों के झुरमुट टूटकर बिजली के तारों के ऊपर झूलते हुए जमीन में गिर जाते हैं, जिससे दुर्घटना के साथ-साथ बड़े हादसे का खतरा भी बना रहता है। इसके अलावा पेड़ों की लॉपिंग करने के दौरान भी कर्मचारी को सुरक्षा का खतरा बना रहता है।
नगर आयुक्त द्वारा दिए गए निर्देश
नगर आयुक्त मनुज गोयल द्वारा विभिन्न सेवा प्रदाताओं कंपनियां के प्रतिनिधियों की बैठकें ली जा चुकी हैं तथा सभी कंपनियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि उनके द्वारा डाले गये अनावश्यक अव्यवस्थित तारों को वह स्वयं ही हटा लें। सभी कंपनियों को निर्देशित किया गया है कि वह अपने द्वारा डाले जाने वाले आवश्यक तारों को दो पोल के बीच समूह में क्लैंप करते हुए इस प्रकार डालें कि वह अव्यवस्थित रूप से झूलते हुए ना पाए जाएं तथा अनावश्यक तारों को शीघ्रता से हटा लें
अब नगर निगम करने उतरा है कार्रवाई
बार-बार के निर्देशों को अनदेखा के जाने के बाद अब नगर निगम ने शहरभर में झूलती तारों को काटने का अभियान शुरू कर दिया है। नगर आयुक्त मनुज गोयल के मुताबिक तारों को हटाने, जब्त करने के साथ-साथ कंपनियों से पेनाल्टी भी वसूल की जा रही है। नगर आयुक्त ने अधिशासी अभियंता नगर निगम व बिजली अनुभाग को निर्देशित किया है कि वह अवयवस्थित तारों के झुरमुट को हटाने की कार्रवाई तत्परता के साथ करें। साथ ही जिन कंपनियों के तार पाए जाते हैं, उन पर आर्थिक दंड आरोपित करते हुए उसकी वसूली नियमानुसार करना सुनिश्चित करें।