Amit Bhatt, Dehradun: खालिस्तानी आतंकवादियों के विरुद्ध एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) की देशभर में छापेमारी की आंच दून तक भी पहुंच गई है। यहां क्लेमेनटाउन में एक आर्म्स कारोबारी के घर पर एनआईए की टीम ने छापेमारी की। दूसरी तरफ बाजपुर में गनहाउस मालिक के घर पर भी एनआईए की टीम के छापा मारने की जानकारी मिली है।
देहरादून में यह कार्रवाई क्लेमेनटाउन निवासी आर्म्स कारोबारी परीक्षित नेगी के घर पर की जा रही है। कारोबारी पर खालिस्तान समर्थकों को कारतूस उपलब्ध कराने का आरोप है। पिछले साल दिल्ली में भारी मात्रा में अवैध कारतूस पकड़े जाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने देहरादून के आर्म्स डीलर परीक्षित नेगी को गिरफ्तार भी किया था। तब जिलाधिकारी की संस्तुति पर परीक्षित का आर्म्स प्रतिष्ठान का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया था।
इन दिनों परीक्षित जमानत पर बाहर है और अपने क्लेमेनटाउन स्थित घर में है। एनआईए को इनपुट मिला था कि देहरादून के परीक्षित नेगी के गन स्टोर से खालिस्तान समर्थकों को कारतूस उपलब्ध कराए। इसके अलावा अमृतसर समेत अन्य स्थानों पर भी कारतूस सप्लाई करने की सूचना है। एनआईए ने बुधवार सुबह देहरादून के क्लेमेनटाउन में परीक्षित नेगी के घर पर छापा मारा, पुलिस बल की मौजूदगी में एनआईए की टीम नेगी ने गहन पूछताछ कर रही है। इससे पहले वह अमृतसर समेत कई अन्य शहरों में भी कारतूस पहुंचा चुका है। वहीं, एनआईए की छापेमारी दिल्ली-एनसीआर समेत विभिन्न स्थलों पर की जा रही है।
इसके अलावा एनआईए की टीम ने उत्तराखंड के ही बाजपुर क्षेत्र में ग्राम धनसारा में गनहाउस मालिक शकील अहमद के घर पर छापेमारी की। आरोपित का एक बेटा हथियार सप्लाई करने के आरोप में वर्ष 2016 में पंजाब के नाभा पठानकोट में पकड़ा गया था। जहां से चार माह पूर्व ही छूटकर आया है। वर्तमान में कनाडा के घटनाक्रम के चलते आंतकियों के संबंध में आगे की कार्रवाई के लिए टीम यहां आई। माना जा रहा है कि पंजाब से कनाडा गए कुछ और लोगों काे भी यहां से हथियार सप्लाई हुए थे। एनआइए टीम सप्लाई की जानकारी व कागजात जुटा रही है। वर्तमान में मुड़िया पिस्तौर बाजपुर के ईदगाह मार्केट में स्थित मैसर्स नक्श गन हाउस संचालन शकील का बड़ा बेटा मो.नाजिम करता है। बताया जा रहा है कि कुछ साल पहले शकील अहमद के गन हाउस से कुछ लोगों ने हथियार खरीदे थे, जो अभी तिहाड़ जेल में बंद है। एनआईए की टीम की जांच-पड़ताल यहां पर करीब आठ घंटे चली।