होटल हयात तक लोनिवि ने किसकी जमीन पर बनाई सड़क, नगर निगम ने खींचे हाथ
नगर निगम के साथ किए गए एमओयू के तहत किया गया सड़क का निर्माण, अब निगम से एमओयू गायब, सूचना आयोग ने अधिकारियों को तलब किया
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Amit Bhatt, Dehradun: होटल हयात तक बनाई गई सड़क की भूमि के स्वामित्व पर विवाद की स्थिति पैदा हो गई है। सड़क का निर्माण लोनिवि प्रांतीय खंड देहरादून ने किया और निर्माण के लिए नगर निगम के साथ एमओयू किया गया। क्योंकि, भूमि नगर निगम की बताई गई थी। अब यह एमओयू नगर निगम की फाइलों से गायब है और निगम अधिकारी ऐसे किसी भी एमओयू से इंकार कर रहे हैं। साथ ही निगम ने जमीन के स्वामित्व से भी हाथ खींच लिए हैं। दूसरी तरफ एमओयू की प्रति लोनिवि से प्राप्त हो गई। अपील के रूप में सूचना आयोग पहुंचे इस मामले में राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने लोनिवि प्रांतीय खंड के पूर्व व वर्तमान अधिशासी अभियंता को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने को कहा है।
होटल हयात तक सड़क निर्माण को लेकर गठित एमओयू समेत विभिन्न बिंदुओं पर ग्राम दानियों का डांडा निवासी सुल्तान सिंह ने नगर निगम से मांगी थी। जिसमें उन्होंने सड़क निर्माण के लिए लोनिवि प्रांतीय खंड के साथ किए गए एमओयू की प्रति भी मांगी थी। क्योंकि, उनका आरोप है कि लोनिवि ने ग्रामीणों की भूमि पर सड़क निर्माण किया है। उन्होंने यह भी पूछा कि दानियों का डांडा राजपुर में जिस भूमि पर सड़क का निर्माण किया जा रहा है, वह नगर निगम के स्वामित्व की है या नहीं। इसके जवाब में नगर निगम ने किसी भी तरह के एमओयू से इंकार कर दिया है। दूसरी तरफ यही सूचना जब लोनिवि प्रांतीय खंड से मांगी गई तो एमओयू की प्रति मिल गई। इस एमओयू पर नगर निगम के तत्कालीन अधिशासी अभियंता अनुपम भटनागर के हस्ताक्षर पाए गए।
सूचनाओं को भ्रामक बताते हुए आवेदक सुलतान सिंह ने सूचना आयोग में अपील की। जिसकी सुनवाई में पाया गया कि निर्माण के दौरान नगर निगम में अनुपम भटनागर अधिशासी अभियंता थे, जो अब अपने मूल विभाग ग्रामीण निर्माण विभाग में अधीक्षण अभियंता पद पर सेवाएं दे रहे हैं। वहीं, वर्तमान अधिशासी अभियंता जय प्रकाश रतूड़ी ने बताया कि एमओयू करने का अधिकार सिर्फ नगर आयुक्त को है। इस बारे में जब आयोग ने तत्कालीन अधिशासी अभियंता अनुपम भटनागर का जवाब तलब किया तो उन्होंने कहा कि एमओयू पर हस्ताक्षर उनके ही प्रतीत होते हैं, लेकिन उन्होंने इसे कूटरचना करार दिया। दूसरी तरफ नगर निगम से जवाब आया कि इस एमओयू पर मार्ग के पक्कीकरण और सुधारीकरण का जो काम किया गया है, वह भूमि (खसरा नंबर 84क और 90क) नगर निगम की नहीं है। इसके साथ ही एमओयू को निरस्त किए जाने योग्य माना गया।
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राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कहा कि नगर निगम इस इस आख्या के आधार पर तत्कालीन अधिशासी अभियंता अनुपम भटनागर की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सूचना आयोग ने लोक सूचना अधिकारी लोनिवि प्रांतीय खंड को पक्षकार बनाते हुए एमओयू की मूल पत्रावली के साथ आगामी सुनवाई में उपस्थित होने के निर्देश दिए। इसके अलावा लोनिवि प्रांतीय खंड देहरादून के वर्तमान और तत्कालीन अधिशासी अभियंता को भी पक्षकार बनाते हुए अगली सुनवाई 12 दिसंबर को उपस्थित होने को कहा। ताकि एमओयू की सत्यता स्पष्ट हो सके। नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी/उप नगर आयुक्त को निर्देश दिए गए कि वह अपने स्तर पर लोनिवि से संपर्क कर एमओयू पर सुनवाई से पहले स्थिति साफ करेंगे।