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रिश्वतखोर अफसरों की लिस्ट तैयार, राजस्व व पुलिस विभाग में सबसे ज्यादा रिश्वतखोरी

विजिलेंस ने तैयार की 15 से अधिक विभागों के 605 कार्मिकों हिट लिस्ट, छानबीन हो चुकी है शुरू

Amit Bhatt, Dehradun: रिश्वतखोर अधिकारी और कर्मचारी सावधान हो जाएं। रिश्वतखोरी से तौबा कर लें और जनता के सच्चे सेवक बन जाएं। कहीं ऐसा न हो कि टेबल के नीचे से हाथ लंबा करने के चक्कर में आपकी गर्दन कानून के हाथ में आ जाए। विजिलेंस डिपार्टमेंट ने घूसखोरी के आरोपों से घिरे 605 अधिकारियों और कर्मचारियों की हिट लिस्ट तैयार कर ली है। इस हिट लिस्ट में राजस्व और पुलिस के कार्मिक सबसे ऊपर हैं। घूसखोरी के आरोप में घिरे इन अधिकारियों और कर्मचारियों को नापने के लिए विजिलेंस की टीम ने जांच-पड़ताल भी शुरू कर दी है।

भ्रष्टाचार पर चोट करने के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से विजिलेंस इकाई का हेल्पलाइन नंबर 1064 जारी किया गया है। कोई भी व्यक्ति इस नंबर पर कॉल कर घूसखोर कार्मिक की शिकायत दर्ज करा सकता है। इस नंबर पर एक साल के भीतर 605 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। सबसे अधिक शिकायतें राजस्व व पुलिस विभाग से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में विजिलेंस अब इन रिश्वतखोर अधिकारियों व कर्मचारियों की कुंडली खंगालने में जुट गई है। जल्द ही भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों पर विजिलेंस शिकंजा कस सकती है।

घूसखोरी में इन विभाग के इतने अधिकारी-कर्मचारी रडार पर
विभाग, शिकायतें
राजस्व 140
पुलिस विभाग 68
ग्राम्य विकास 41
यूपीसीएल 40
स्वास्थ्य विभाग 30
शिक्षा विभाग 27
पंचायती राज 19
लोनिवि 17
वन विभाग 17
खाद्य आपूर्ति 14
नगर निकाय 13
आरटीओ 12
सिंचाई विभाग 11
पेयजल विभाग 07
अन्य विभाग 149

घूसखोरों की शिकायत दर्ज करने के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर पर वर्ष 2023 (नवंबर तक) के दौरान कुल 5462 शिकायतें आई हैं। इनमें से 605 शिकायतें रिश्वत संबंधी हैं। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस ने संबंधित अधिकारी व कर्मचारी की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। जिस अधिकारी व कर्मचारी की आय से अधिक संपत्ति पाई जाती है, तो उनसे संपत्ति संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए जाएंगे। दस्तावेज प्रस्तुत न कर पाने पर विजिलेंस ऐसे अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ शासन को पत्र लिखकर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगेगी। संपत्ति अधिक पाए जाने पर भी मुकदमा कायम किया जाएगा।

कर्मचारियों को आगे रख रिश्वत बटोरने वाले अधिकारी भी रडार पर
विजिलेंस के मुताबिक तमाम अधिकारी ऐसे हैं, जो रिश्वत की मलाई खाने के लिए खोद तो आगे नहीं आते हैं, लेकिन अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के माध्यम से ऊपर की कमाई का जुगाड़ करते रहते हैं। विजिलेंस ऐसे अधिकारियों को भी ट्रैप करने की तैयारी कर रही है। ऐसे में विजिलेंस ने सभी सरकारी विभागों के कर्मचारियों से भी अपील की है कि यदि उनका उच्च अधिकारी रिश्वत की रकम बटोरने के लिए उन्हें आगे करता है तो तत्काल इसकी सूचना विजिलेंस को दी जाए। विजिलेंस ऐसे अधिकारियों को ट्रैप कर गिरफ्तार करेगी।

विजिलेंस फ्रंट-फुट पर, 2023 में ट्रैप में 22 प्रतिशत का इजाफा
धामी सरकार में विजिलेंस टीम फ्रंट-फुट पर आकर घूसखोरों को दबोच रही है। विजिलेंस ने वर्ष 2021-22 की तुलना में वर्ष 2023 में 22 प्रतिशत अधिक ट्रैप किए हैं। इसमें चार राजपत्रित अधिकारी भी शामिल हैं। वर्ष 2021 में विजिलेंस ने 06 ट्रैप कर 07 रिश्वतखोरों को गिरफ्तार किया था। इसमें 02 राजपत्रित व 05 अराजपत्रित अधिकारी शामिल थे। वहीं, वर्ष 2022 में 14 ट्रैप कर 15 आरोपितों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया। इनमें एक राजपत्रित व 14 अराजपत्रित अधिकारी शामिल थे। वर्ष 2023 में 18 ट्रैप कर 20 आरोपी गिरफ्तार किए गए, जिसमें 04 राजपत्रित व 16 अराजपत्रित कार्मिक शामिल रहे। पिछले तीन वर्षों में कुल 38 ट्रैप में 42 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 07 राजपत्रित और 35 अराजपत्रित कार्मिक शामिल रहे।

डॉ वी मुरुगेशन, निदेशक विजिलेंस।

टोलफ्री नंबर 1064 पर जो भी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, सभी को गंभीरता से लिया जा रहा है। यही कारण है कि पिछले वर्षों की तुलना में वर्ष 2023 में ट्रैप में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों से भी कहा गया है कि यदि उनके अधिकारी रिश्वत की मांग करते हैं तो तत्काल शिकायत दर्ज करें। उनका नाम गुप्त रखा जाएगा।
डॉ वी मुरुगेशन, निदेशक विजिलेंस

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