चारधाम परिसर की 50 मीटर की परिधि में रील बनाने पर पाबंदी, 200 मीटर के प्रतिबंध में मिली ढील
नियमों के उल्लंघन पर दर्ज की जाएगी एफआईआर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दी जानकारी
Amit Bhatt, Dehradun:
चारधाम यात्रा आस्था और विश्वास का प्रतीक है। तभी तो इसे सामान्य पर्यटन की जगह तीर्थाटन का नाम दिया गया है। यहां आने वाले लोग भी पर्यटक नहीं, बल्कि श्रद्धालु कहलाते हैं। बावजूद इसके चारधाम यात्रा पर आने वाले तमाम लोग बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा को पिकनिक की भांति समझ रहे हैं। इन पवित्र धामों में आकर फूहड़ नृत्य कर रहे हैं, रील बनाई जा रही है और आस्था को मनोरंजन का जरिया बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे लाखों-करोड़ों लोगों की भावना भी आहत हो रही है। लिहाजा, सरकार ने इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए चारों धाम परिसर के 50 मीटर के दायरे में सोशल मीडिया के लिए वीडियोग्राफी/रील बनाने पर पाबंदी लगा दी है। इससे पहले 200 मीटर के दायरे में मोबाइल के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लिहाजा, भलाई इसी में है कि आप आस्था भाव के साथ यात्रा करें। नहीं तो कहीं रील बनाने के फेर में पुलिस आपकी ‘रेल’ न बना दे।
बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के 50 मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी/रील बनाने पर प्रतिबंध लगाने की जानकारी गुरुवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस बाबत सचिव संस्कृति, धर्मस्व, तीर्थाटन प्रबंधन एवं धार्मिक मेला विभाग को आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। बीते दिनों केदारनाथ धाम में कुछ युवकों के रील बनाने का मामला सामने आया था। जिस पर केदारसभा के सदस्यों के कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। पूर्व में भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। लिहाजा, मुख्य सचिव ने चारों धाम के 50 मीटर के दायरे में सोशल मीडिया के लिए वीडियोग्राफी/रील बनाने पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश स्थानीय पुलिस और प्रशासन को जारी किए हैं। जो भी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, उन पर एफआईआर दर्ज की जाए।
दूसरी तरफ मुख्य सचिव ने सभी तीर्थ यात्रियों से अपील की है कि वह पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराए बिना चारधाम यात्रा पर न निकलें। क्योंकि, इससे भीड़ अधिक होने पर व्यवस्था बिगड़ रही है। उन्होंने सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि चेकपोस्टों पर सघनता के साथ तीर्थ यात्रियों के पंजीकरण की स्थिति देखी जाए। बिना पंजीकरण किसी भी यात्री को आगे न बढ़ने दिया जाए। मुख्य सचिव ने उत्तराखंड में चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों से अपील की है कि वह व्यवस्था बनाने में प्रदेश सरकार का सहयोग करें। क्योंकि, बीते वर्ष के मुताबिक लगभग दोगुने यात्री पहुंच रहे हैं।