DehradunUttarakhand

जिस कंपनी के हेलीकॉप्टर से गई थी उत्तराखंड के अफसर की जान, उसकी करानी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग

केदारनाथ में आज सुबह टला बड़ा हादसा, 06 यात्रियों को ले जा रहे केस्ट्रेल एविएशन कंपनी के हेलीकॉप्टर में आई खराबी, करानी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग

Rajkumar Dhiman, Dehradun: अप्रैल 2023 को जिस केस्ट्रेल एविएशन कंपनी के हेलीकॉप्टर के टेल रोटर ब्लेड से यूकाडा के अफसर की जान गई थी, आज शुक्रवार सुबह उसी कंपनी के हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम के पास बड़ा हादसा होते-होते बच गया। कंपनी का हेलीकॉप्टर 06 यात्रियों को लेकर जा रहा था, तभी कुछ तकनीकी खराबी आ गई, गनीमत रही कि पायलट अपनी सूझबूझ से इमरजेंसी लैंडिंग कराने में सफल रहा। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। शुरुआती जानकारी के मुताबिक हेलीकॉटर के टेल रोटर में खराबी आ गई थी। हालांकि, बाद में उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूकाडा) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी रविशंकर ने पायलट के हवाले से बताया कि हेलीकॉप्टर में इंजन से संबंधित हाइड्रोलिक फेलियर के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी।

शुक्रवार सुबह यह हादसा उस वक्त हुआ, जब केस्ट्रेल एविएशन कंपनी का हेलीकॉप्टर 06 तीर्थयात्रियों को लेकर सिरसी से केदारनाथ धाम की तरफ उड़ान भर रहा था। लेकिन, तकनीकी खामी के कारण हेलीकॉप्टर को हेलीपैड से पहले ही कच्ची सतह पर आपात स्थिति में उतारना पड़ गया। इस मामले की जांच शुरू की गई है, लेकिन तमाम सवाल अपनी जगह कायम हैं। वह यह कि केदारनाथ धाम में हेली सेवाओं और उनकी मानक उड़ान को लेकर हमेशा ही सवाल क्यों खड़े होते रहे हैं। यहां तक कि सवाल उठते रहे हैं कि डीजीसीए संबंधित क्षेत्र में हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों पर पुख्ता नियंत्रण नहीं रख पा रहा है।

इमरजेंसी लैंडिंग और हादसों का यह किस्सा पहला नहीं है। इससे पहले भी कभी तकनीकी खामी, तो कभी विषम भूगोल और पल-पल बदलने वाले पर्यावरणीय कारकों के चलते केदारघाटी में उड़ान हमेशा चुनौतीपूर्ण रहती है। साथ ही हेली सेवाओं के संचालन को लेकर नियमों का सख्ती से पालन कराने की मांग भी उठती रही है। अक्टूबर 2022 में केदारघाटी में गुजरात और तमिलनाडु के तीर्थ यात्रियों को ले जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। जिसमें 07 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई थी। तब भी उड़ान में मानकों को लेकर सवालों और जांच का लंबा सिलसिला चला था। नतीजा क्या हुआ, नहीं पता।

वर्ष 2022 से पहले भी केदार घाटी में 12 साल के अंतराल में 07 बार हेलीकॉप्टर क्रैश की घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें केदारनाथ आपदा के दौरान सेना और आईटीबीपी के 20 जवान रेस्क्यू के दौरान (25 जून 2013) एमआई-17 क्रैश में शहीद हो गए थे। केदार आपदा के दौरान ही केदारनाथ से 02 किलोमीटर दूर जंगलचट्टी में एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर क्रैश होने से पायलट, को-पायलट समेत 03 की मौत हो गई थी। 19 जून को भी रेस्क्यू के दौरान जंगलचट्टी के पास एक हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था, गनीमत थी कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई।

केस्ट्रेल एविएशन के विशेष सुरक्षा ऑडिट की बात आई थी सामने, नतीजों का पता नहीं
अप्रैल 2023 में जब यूकाडा की टीम केदारनाथ धाम में निरीक्षण कर देहरादून वापस लौट रही थी, तभी वित्त नियंत्रक अमित सैनी टेल रोटर ब्लेड की चपेट में आ गए थे। जिससे उनका सर कट गया था। इस हादसे के बाद केस्ट्रेल कंपनी की उड़ान स्थगित भी रही थी। तब डीजीसीए के अधिकारियों ने कंपनी का विशेष सुरक्षा ऑडिट कराने को कहा था। इस जांच में क्या परिणाम आए, इसे सक्षम अधिकारियों की ओर से साझा नहीं किया जा सका था। हालांकि, तब यह भी कहा गया था कि केदारनाथ धाम में डीजीसीए का कोई कार्यालय निगरानी के लिए होना चाहिए। साथ ही सुरक्षा मानकों को लेकर लंबी बहस भी छिड़ी थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button