बिल्डर बाबा साहनी की आत्महत्या के बाद फ्लैट खरीदारों का क्या हुआ? 72 लोग लगा चुके थे पैसा
मई 2024 में बिल्डर साहनी ने की थी आत्महत्या, अगस्त 2024 में जमीन मालिकों ने निरस्त करा दिया था जॉइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट

Rajkumar Dhiman, Dehradun: देहरादून के नामी बिल्डर रहे सतेंद्र साहनी उर्फ बाबा साहनी के फ्लैट से कूदकर आत्महत्या करने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में भूचाल आ गया था। क्योंकि, यह दुखद घटना उस समय हुई, जब बिल्डर साहनी अपने पार्टनर के साथ सहस्रधारा रोड पर ईश्वरा नाम से बड़ा ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट लेकर आ रहे थे। इस अतिमहत्वकांक्षी प्रोजेक्ट में गुप्ता बंधु की एंट्री और कुछ अन्य घटनाक्रम ने ऐसा कुछ किया कि बिल्डर साहनी आत्महत्या जैसे कदम को उठाने के लिए मजबूर हो गए। उनकी मौत के बाद के बाद से ही सवाल उठ रहे थे कि ईश्वरा प्रोजेक्ट का भविष्य क्या होगा? इसमें कितने लोग पैसा लगा चुके थे और अब उस पैसे का क्या होगा?
इसी सवाल को लेकर तमाम लोग उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) पहुंचने लगे थे। यह सभी फ्लैट बुकिंग कराने वाले लोग थे। रेरा अध्यक्ष रबिंद्र पंवार ने भी प्रकरण की गंभीरता को समझा और परियोजना में पैसा लगाने वाले व्यक्तियों की जानकारी एकत्रित की। पता चला कि प्रोजेक्ट में करीब 72 लोग 12 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि जमा करा चुके हैं। अब इन व्यक्तियों को अपनी धनराशि वापस मांगने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा, रेरा ने अहम भूमिका निभाते हुए लोगों को उनकी रकम वापस दिलाने के लिए प्रयास शुरू किए।
रेरा अध्यक्ष रबिंद्र पंवार ने प्रमोटर और जमीन मालिकों को नोटिस जारी कर तलब किया और रकम वापस लौटाने का आदेश दिया। साथ ही रेरा ने प्रोजेक्ट के खाते में जमा एक करोड़ रुपए से अधिक की रकम भी फ्रीज करा दी थी। रेरा अध्यक्ष रबिंद्र पंवार के अनुसार प्रमोटरों पर दबाव बनाए जाने के बाद यह बात सामने आई कि जमीन संचालकों को जीडीए के अंतर्गत 10 करोड़ रुपए बतौर सिक्योरिटी दिए गए थे। जिसके क्रम में बाकी साझेदारों ने आपसी सहमति बनाकर रकम को बैंक में जमा करा दिए।
रेरा अध्यक्ष रबिंद्र पंवार ने बताया कि बैंक के माध्यम से ही फ्लैट खरीदारों को रकम लौटाई गई। अब तक 67 फ्लैट खरीदारों की रकम वापस कर दी गई है। शेष पांच खरीदारों के बैंक ड्राफ्ट भी बनकर तैयार हैं। यदि यह प्रयास नहीं किए जाते तो पुष्पांजलि इंफ्राटेक की ऑर्किड पार्क परियोजना की तरह ही फ्लैट खरीदारों को दर दर भटकने की नौबत आ जाती। इसके प्रबंध निदेशक दीपक मित्तल पत्नी राखी मित्तल के साथ फ्लैट खरीदारों के 45 करोड़ रुपये लेकर वर्ष 2020 से फरार चल रहे हैं।
रेरा लेनदारों की खोजबीन के लिए प्रकाशित कराएगा सूचना
रेरा अध्यक्ष रबिंद्र पंवार के अनुसार ईश्वरा प्रोजेक्ट में रकम लगाने वाले अन्य लोग या संस्था/वित्तीय संस्थान अभी भी सामने आ सकते हैं। यदि कोई लेनदार शेष है तो उसकी पहचान के लिए रेरा शीघ्र सार्वजनिक सूचना प्रकाशित कराएगा। यदि कोई लेनदार सामने आता है तो गुण दोष के आधार पर प्रकरण का निपटारा किया जाएगा। रेरा के इसी तरह का प्रयासों की बदौलत फ्लैट खरीदारों और वित्तीय संस्थानों के हित सुरक्षित किए जा सकते हैं।