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उत्तराखंड में माल ला रहे 10 ट्रांसपोर्टरों के वाहनों की सघन जांच, की गई कार्रवाई

त्योहारी सीजन में खरीदारी बढ़ने के साथ ही कर चोरी की आशंका पर सक्रिय हुआ राज्य कर विभाग

Rajkumar Dhiman, Dehradun: त्योहारी सीजन में बाजार गुलजार हैं। जीएसटी की दरों में कमी के बाद लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। ऐसे में दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में माल की आवक भी बढ़ गई है। खरीदारी बढ़ने के साथ टैक्स में भी वृद्धि हो, इसको लेकर राज्य कर विभाग (स्टेट जीएसटी) हाई अलर्ट मोड पर आ गया है। खासकर दीपावली के मद्देनजर पटाखों और त्योहार से जुड़े खरीदारी के आइटम रडार पर हैं। आयुक्त राज्य कर सोनिका के निर्देश पर देहरादून में पटाखा कारोबारियों पर ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद अब ट्रांसपोर्टरों के वाहनों की सघन जांच शुरू कर दी गई है।

राज्य कर विभाग हरिद्वार की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) तथा सचल दल इकाई ने हरिद्वार एवं रुड़की क्षेत्र में राज्य के बाहर से परचून आदि की सामग्री/वस्तु लाने वाले कुल 10 ट्रांसपोर्टर्स के वाहनों की जांच की। जिसमें प्रमुख रूप से ट्रांसपोर्टर्स सर्वश्री केशव ट्रांसपोर्ट, सर्वश्री रामा कृष्णा ट्रांसपोर्ट, सर्वश्री विजयलक्ष्मी ट्रांसपोर्ट, सर्वश्री दुआ ट्रांसपोर्ट, सर्वश्री सहारनपुर-हरिद्वार ट्रांसपोर्ट, सर्वश्री चन्दर ट्रांसपोर्ट, सर्वश्री साईं कृपा ट्रांसपोर्ट, सर्वश्री शर्मा ट्रांसपोर्ट शामिल रहे।

इस संयुक्त अभियान के तहत करापवंचन करते हुए लाये गये पटाखों पर 4.25 लाख रुपये की धनराशि अर्थदंड के रूप में जमा करायी गयी है। यह कार्रवाई उपायुक्त कार्तिकेय वर्मा की अगुवाई में सहायक आयुक्त अंजनी कुमार सिंह, सुरेन्द्र सिंह राणा, अशोक कुमार, राज्य कर अधिकारी हरिकृष्ण खुगशाल, कुलदीप रावत, नितिन कुमार, नितिश शंकर, अर्शित गोंदवाल, सीपी शर्मा एवं फतेह सिंह चैहान आदि की टीम ने की।

अपर आयुक्त पीएस डुंगरियाल तथा संयुक्त आयुक्त आरएल वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में आयुक्त सोनिका ने त्योहारी सीजन में विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं। जांच पर करापवंचन में लिप्त ट्रांसपोर्टर्स के विरुद्ध नियमानुसार जीएसटी अधिनियम के अधीन नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। विशेष जांच दल बनाकर विभिन्न क्षेत्रों में वाहनों की जांच कर नियमानुसार कदम उठाए जा रहे हैं। विभाग ने कारोबारियों से अपील की है कि बिना बिल और वैध प्रपत्रों के माल की खरीद और बिक्री न की जाए।

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