सहस्रधारा रोड पर कौन बेच रहा सरकारी भूमि, एसएसपी ने डीएम को भेजी चिट्ठी
सरकार में निहित 40 बीघा गोल्डन फारेस्ट की भूमि से जुड़ा है प्रकरण, सीओ सिटी की जांच के आधार पर जिलाधिकारी को किया गया सूचित
Amit Bhatt, Dehradun: एक तरफ जिलाधिकारी सोनिका सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए निरंतर दिशा-निर्देश जारी कर रही हैं और दूसरी तरफ राजस्व अधिकारियों के सुस्त रवैये के चलते भूमाफिया काबू से बाहर होते जा रहे हैं। अब यह बात सामने आई है कि धोरणखास में सरकार में निहित जिस भूमि को ग्राम समाज/राजस्व व वन भूमि के रूप में विचारण के रूप में रखा गया है, उसे खुर्दबुर्द किया जा रहा है। भूमाफिया व प्रॉपर्टी डीलर विवादित भूमि की रजिस्ट्री करा रहे हैं और सब रजिस्ट्रार कार्यालय को भी सिर्फ राजस्व से मतलब है। इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून अजय सिंह ने मामले की जांच कराते हुए आगे की कार्रवाई के लिए पत्र जिलाधिकारी देहरादून को भेजा है।
एसएसपी अजय सिंह को धोरणखास की भूमि को लेकर रॉकवैली अपार्टमेंट सेवला कलां निवासी शामिल अहमद ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ लोग विवादित भूमि को अवैध तरीके से बेच रहे हैं। प्रकरण की जांच सीओ सिटी-प्रथम से कराई गई। जिसमें स्पष्ट किया गया कि धोरणखास में खसरा नंबर 83ग व 174झ ग्राम समाज/राजस्व व वन भूमि के विचारण से संबंधित भूमि है। इसके बाद भी जैतून, समीना व अरुण भाटिया भूमि की बिक्री कर रहे हैं। विवादित भूमि के विक्रय में विनोद शाव, हिमांशु बंसल, निर्मल चौहान और राजवीर परमार का नाम भी सामने आ रहा है।
एसएसपी के पत्र के मुताबिक विवादित भूमि का टैक्स भी नगर निगम में जमा कराया जा रहा है। बताया गया कि यह प्रकरण कूटरचित दस्तावेज के आधार पर जमीन बेचने से संबंधित है। इसमें सामूहिक प्रयास की पुष्टि हो रही है। लिहाजा, प्रकरण में संबंधित राजस्व निरीक्षक से जांच कराया जाना उचित प्रतीत होता है। ताकि उसके मुताबिक मामले में विधिक कार्रवाई की जा सके। एसएसपी के पत्र के साथ जांच आख्या और आवश्यक दस्तावेज भी जिलाधिकारी कार्यालय को भेज दिए गए हैं।