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राजा के बिना अकेली थी रानी, 23 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

देहरादून चिड़ियाघर की शान मादा गुलदार रानी का निधन

Amit Bhatt, Dehradun: देहरादून चिड़ियाघर की शान नर गुलदार राजा की मौत के करीब डेढ़ साल बाद मादा गुलदार रानी ने भी दुनिया छोड़ दी। 23 वर्ष की उम्र में बीमारी के चलते रानी का निधन हो गया। इससे देहरादून चिड़ियाघर के स्टाफ में मायूसी छा गई है।

आमतौर पर गुलदार की उम्र अधिकतम 18 से 20 वर्ष मानी जाती है। लेकिन, देहरादून चिड़ियाघर में नर और मादा दोनों ही गुलदार 23-23 साल की उम्र में इस दुनिया से विदा हुए। वर्ष 2001 में रानी को रेस्क्यू सेंटर से चिड़ियाघर लाया गया था।

चिड़ियाघर के रेंजर मोहन सिंह रावत ने बताया कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व नर गुलदार राजा की 23 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी। राजा और रानी की जोड़ी वर्षों तक चिड़ियाघर की शान बढ़ाता रहा। राजा के जाने के बाद से ही एक बाड़ा सूना पड़ा हुआ था। हालांकि, पास में ही दूसरे बाड़े में मादा गुलदार रानी पर्यटकों का आकर्षण थी।

रानी की उम्र भी 23 वर्ष हो गई थी और कुछ दिन से वह बीमार चल रही थी। तमाम देखभाल और उपचार के बावजूद रानी ने गुरुवार को दोपहर बाद दम तोड़ दिया। वन विभाग की टीम ने रानी का पोस्टमार्टम करवाकर उसका अंतिम संस्कार किया। बताया कि रानी को वर्ष 2001 में चिड़ियाघर लाया गया था और वर्षों से वह यहां स्टाफ के साथ परिवार की तरह रहती थी। उसके निधन से चिड़ियाघर के स्टाफ शोक में है।
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राजा-रानी की जगह लेगी शावकों की जोड़ी
देहरादून चिड़ियाघर में करीब तीन माह पूर्व ही नगर-मादा शावक की जोड़ी आ चुकी है। हालांकि, अभी केंद्र से अनुमति न मिल पाने के कारण उन्हें पर्यटकों के सामने नहीं रखा गया है। स्वीकृति मिलते ही ये दोनों शावक राजा और रानी की जगह ले लेंगे। चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर में कई माह से रखे गए नर व मादा शावक चिड़ियाघर लाए गए हैं। 13 माह का नर शावक हरिद्वार के श्यामपुर रेंज से रेस्क्यू किया गया था। जबकि, 15 माह की मादा को नरेंद्रनगर वन प्रभाग के तहत देवप्रयाग के पास स्थित माणिकनाथ रेंज से रेस्क्यू किया गया था।

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