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राज्य कर की बड़ी कार्रवाई, 16 प्रतिष्ठानों पर 12 करोड़ की चोरी पकड़ी 

60 अधिकारियों की टीम ने दून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की समेत प्रदेश के सात स्थानों पर स्थित 16 प्रतिस्थनों पर की ताबड़तोड़ छापेमारी

Amit Bhatt, Dehradun: राज्य कर विभाग की आंखों में चार साल से धूल झोंक रही 12 फर्मों पर आखिरकार शिकंजा कस लिया गया है। बिटुमिन (एक तरह का प्राकृतिक पेट्रोलिम पदार्थ) और फ्यूल आयल का कारोबार करने वाली 12 फर्में बीते चार वर्ष से जीएसटी चोरी में लिप्त थीं। इन फर्मों से संबंधित 16 प्रतिष्ठान फर्जी कारोबार के माध्यम से आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ लेकर सरकार को 12 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगा चुके थे। राज्य कर विभाग के 60 अधिकारियों की टीम ने 12 फर्मों के देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, काशीपुर, रुद्रपुर व हल्द्वानी स्थित 16 प्रतिस्थनों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर बड़ी संख्या में आय-व्यय के दस्तावेज कब्जे में लिए हैं।

बिटुमिन और फ्यूल आयल से संबंधित फर्मों पर छापेमारी के दौरान जांच-पड़ताल करते राज्य कर विभाग के अधिकारी।

आयुक्त राज्य कर डॉ अहमद इकबाल के मुताबिक पिछले कुछ समय से इन फर्मों के कारोबार पर बारीकी से नजर रखी जा रही थी। विभाग को इस तरह की सूचना मिल रही थी कि ये फर्में फर्जी कारोबार के माध्यम से करोड़ों रुपये का आइटीसी का गलत तरीके से क्लेम प्राप्त कर रही हैं। साथ ही इन्हें मानकों के विपरीत अपने कर की देयता से समायोजित किया जा रहा था।

निर्धारित रुट के टोल प्लाजा ही पर नहीं किए, फिर कैसे किया कारोबार?
विभाग ने जांच में पाया कि ये फर्में राज्य से बाहर की फर्मों के फर्जी बिल लगाकर कारोबार दर्शा रही थीं। इसी आधार पर आइटीसी भी क्लेम किया जा रहा था। कारोबार या माल के आवागमन के लिए जिन तिथियों के ई-वे बिल लगाए गए थे, उन तिथियों में इनके वाहनों ने संबंधित रुट के टोल प्लाजा को पार ही नहीं किया। या इनके वाहन अन्य रुट पर पाए गए। जांच में यह भी पाया गया कि जिन फर्मों के साथ कारोबार दिखाया गया या तो वह अस्तित्व में नहीं थीं या उनका पंजीयन निरस्त पाया गया। ऐसी फर्मों से भी माल की खरीद दिखाई गई, जिनसे कभी सौदा किया ही नहीं गया। स्पष्ट था कि यह सब कुछ फर्जी ढंग से आइटीसी का लाभ प्राप्त करने के लिए किया जा रहा था।

डॉ अहमद इकबाल, आयुक्त राज्य कर, उत्तराखंड।

वर्ष 2020-21 से कर रहे थे गोलमाल, मौके पर जमा कराए 1.13 करोड़
आयुक्त राज्य कर डॉ अहमद इकबाल के मुताबिक ये फर्में वर्ष 2020-21 से ही फर्जी कारोबार के माध्यम से जीएसटी की चोरी में लिप्त थीं। हालांकि, गोलमाल के पुख्ता प्रमाण हाथ लगने के बाद फर्मों ने 1.13 करोड़ रुपये मौके पर ही जमा करा दिए हैं। बाकी की वसूली की जा रही है।

चिह्नित की जा रहीं फर्में, होगी सख्त कार्रवाई
आयुक्त राज्य कर डा अहमद इकबाल ने अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि आइटीसी में फर्जीवाड़ा करने वाली फर्मों को चिह्नित किया जाए। ताकि उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा सके। उन्होंने करदाताओं से अपील की है कि वह समय पर रिटर्न दाखिल करते हुए देय कर जमा कराएं। यदि इस संबंध में कोई समस्या है तो हेल्पलाइन नंबर 1800120122277 पर संपर्क कर सकते हैं।

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