Amit Bhatt, Dehradun: आजकल पति-पत्नी के रिश्तों से सब्र, समर्पण और स्नेह मुट्ठी से रेत की तरह फिसलता जा रहा है। भौतिकवादी दुनिया में पर्सनल लाइफ और प्राइवेसी के नाम पर रिश्तों में ‘हम’ की जगह ‘मैं’ लेने लगा है। यही कारण है कि तेज रफ्तार दुनिया में जहां एक तरफ चट मंगनी और पट ब्याह किए जा रहे हैं, दूसरी तरफ उसी रफ्तार से पति-पत्नी के बीच झगड़े, घरेलू हिंसा और तलाक भी हो रहे हैं। ऐसा नहीं है कि गलती सिर्फ एक की ही होती है, कई बार दोनों भी अपनी-अपनी जगह कुछ न कुछ गलती करते हैं। फिर दोनों का ईगो (अहंकार) इतना बड़ा हो जाता है कि बात बनने की जगह बिगड़ती चली जाती है। घर की चाहरदीवारी की खटपट बढ़कर चौखट लांघते हुए बाहर और पुलिस तक भी पहुंच जाती है। यह अच्छी बात है कि दून पुलिस ऐसे नाजुक रिश्तों में सही-गलत ढूंढने के साथ पति-पत्नी के संबंधों की डोर को सहारा देने के काम भी कर रही है। बीते रोज प्रेमनगर क्षेत्र में महज दो साल का शादी का बंधन टूटने के कगार पर आया तो दून पुलिस ने उसे ‘समझ’ का सहारा देकर बचा लिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह के मुताबिक महिला हेल्पलाइन पारिवारिक मतभेदों को दूर कर पति-पत्नी के रिश्तों को टूटने से बचाने की दिशा में अहम काम कर रही है। ऐसे ही एक मामले में हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसमें पत्नी कि महज यह शिकायत थी कि उसके पति की विधवा बहन उनके घर में रहती है। उनके पति उनसे अधिक महत्व अपनी बहन को देते हैं। प्रकरण में नोडल अधिकारी/क्षेत्राधिकारी प्रेमनगर ने दोनों पक्षों को बुलाकर बात की। उन्हें समझाया गया कि पारिवारिक रिश्तों और जीवन पथ पर आगे बढ़ने के लिए पति-पत्नी के बीच सामंजस्य होना जरूरी है। दोनों को समझाया गया कि पति और पत्नी एक दूसरे के पूरक होते हैं। यह मामला महज आपसी समझ विकसित करने और एक दूसरे के साथ बातचीत कर हल निकालने से जुड़ा है। अच्छी बात यह रही कि इस काउंसलिंग के बाद पति और पत्नी के बीच के मतभेद दूर हो गए।
801 दंपतियों का घर टूटने से बचाया, सुखद जीवन ने लिए स्मृति चिह्न
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि महिला हेल्पलाइन ने बीते वर्ष 1501 मामलों में काउंसलिंग की। जिसके माध्यम से 801 दंपतियों का घर टूटने से बचाया गया। साथ ही इससे 1602 परिवारों (पति-पत्नी) के मध्य सुलह भी कराई गई। इस वर्ष भी अब तक 42 मामलों में 84 परिवारों के मध्य सुलह कराई जा चुकी है। सुलह करने वाले दंपतियों को सुखद जीवन की कामना के साथ स्मृति चिह्न भी भेंट किया जा रहा है। एसएसपी के मुताबिक महिला हेल्पलाइन में आने वाले प्रकरणों में पहले आपसी सुलह की राह निकाली जाती है। जिन प्रकरणों को ऐच्छिक ब्यूरो के समक्ष रखने की आवश्यकता होती है, उनका निस्तारण ब्यूरो के माध्यम से कराया जाता है।