वीडियो: जानिए चार्ज लेते ही नए मुख्य सचिव बर्धन ने क्यों कही नौकरशाही के सम्मान की बात, आहत ब्यूरोक्रेसी को मिला साथ
उत्तराखंड के 19वें मुख्य सचिव के रूप में वरिष्ठ आइएएस अधिकारी आनंद बर्धन ने पदभार किया ग्रहण

Rajkumar Dhiman, Dehradun: वरिष्ठ आइएएस अधिकारी डॉ आनंद बर्धन ने उत्तराखंड के 19वें मुख्य सचिव के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया। प्रदेश के सबसे बड़े नौकरशाह के रूप में अपनी जिम्मेदारी शुरू करते ही उन्होंने हालिया घटनाक्रम से आहट ब्यूरोक्रेसी को पूरा साथ देने के साफ संकेत भी दिए। उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेसी भी समाज का अंग है और समाज के सभी अंगों को एक दूसरे का आदर करना चाहिए। तभी समाज आगे बढ़ सकता है।
नवनियुक्त मुख्य सचिव आनंद बर्धन के इस स्पष्ट बयान को खनन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार क्षेत्र के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत की टिप्पणी से जोड़कर देखा जा सकता है। जिनमें उन्होंने खनन सचिव बीके संत के प्रदेश में अवैध खनन की बात को नकारने के बाद टिप्पणी की थी। टिप्पणी यह थी कि शेर कुत्तों का शिकार नहीं करते हैं। पूर्व सीएम इस टिप्पणी के बाद प्रदेशभर में उनका भारी विरोध शुरू हो गया है।
इसी बीच उत्तराखंड की आइएएस एसोसिएशन भी पूर्व सीएम की टिप्पणी पर कड़ा विरोध जता चुकी है। अब आनंद बर्धन के मुख्य सचिव की कुर्सी संभालते ही उनके बयान ने भी रुख साफ कर दिया है। जो यह दर्शाता है कि नौकरशाही के सम्मान के साथ खिलवाड़ किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं है।
जानिए किस मुख्य सचिव का कितने दिन रहा कार्यकाल
मुख्य सचिव कार्यकाल
अजय विक्रम सिंह 295 दिन
मधुकर गुप्ता 1 वर्ष 364 दिन
आरएस टोलिया 2 वर्ष 29 दिन
एम रामचंद्रन 1 वर्ष 30 दिन
सुरजीत किशोर दास 1 वर्ष 304 दिन
इंदु कुमार पांडे 1 वर्ष 90 दिन
एनएस नपलच्याल 273 दिन
सुभाष कुमार 1 वर्ष 273 दिन
आलोक कुमार जैन 333 दिन
सुभाष कुमार 1 वर्ष 152 दिन
एन रविशंकर 303 दिन
राकेश शर्मा 91 दिन
शत्रुघ्न सिंह 1 वर्ष 29 दिन
एस रामास्वामी 327 दिन
उत्पल कुमार सिंह 2 वर्ष 280 दिन
ओम प्रकाश सिंह 339 दिन
सुखबीर सिंह संधू 2 वर्ष 208 दिन
राधा रतूड़ी 1 वर्ष 55 दिन
नवनियुक्त मुख्य सचिव के बारे में अहम जानकारी
वरिष्ठ आइएएस अधिकारी आनंद बर्धन का जन्म कटोरिया, बांका, बिहार में वर्ष 1967 को हुआ। आनंद बर्द्धन ने दिल्ली विश्वविद्यालय से कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर किया। दिल्ली विश्वविद्यालय से भौतिकी में बीएससी ऑनर्स और पूरे विश्वविद्यालय में द्वितीय स्थान पर रहे और ईएनए, फ्रांस से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया।
आनंद बर्द्धन का लंबा प्रशासनिक अनुभव रहा है। वर्ष 1992 में उन्हें यूपी कैडर आवंटित हुआ था। वह रामपुर, इटावा, पौड़ी, नैनीताल और हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर सहित कई पदों पर रहे। उन्होंने वित्तीय संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सेवा की।
विशेष रूप से यूपी सहकारी चीनी कारखाना संघ लिमिटेड के संयुक्त प्रबंधक निदेशक और यूपी वित्तीय निगम के महाप्रबंधक के रूप में काम किया। अपने अभी तक सेवाकाल में बर्द्धन शासन के तकरीबन सभी प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी देख चुके हैं। 2010 में हरिद्वार कुंभ मेले में वह मेला अधिकारी रहे।
राज्यपाल व गोपन (मंत्री परिषद) के सचिव भी रहे। प्रमुख सचिव के तौर पर उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, सिंचाई, लघु सिंचाई, खनन, सैनिक कल्याण, पुनर्गठन, आबकारी, उच्च शिक्षा, योजना, ईएपी के रूप में कार्य देखे। वह मुख्यमंत्री धामी के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। वह आवास, मुख्य प्रशासक, यूएचयूडीए, शहरी विकास, गृह एवं कारागार, राजस्व वन एवं पर्यावरण, ग्रामीण विकास की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।