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सैकड़ों लोगों को अस्पताल पहुंचाने वाले कुट्टू के आटे में फंगस और कीड़े, 06 सैंपल फेल

देहरादून समेत हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर से एकत्र किए गए थे सैंपल, कुट्टू के आटे के जहरीले होने की आशंका हुई पुष्ट, कुट्टू के खुले आटे की बिक्री पर रोक

Amit Bhatt, Dehradun: जिस कुट्टू के आटे से बने खाद्य पदार्थों के सेवन से देहरादून और हरिद्वार के 350 से अधिक लोग बीमार होकर अस्पताल पहुंचे, उसमें फंगस और कीड़े/कीट पाए गए हैं। इस बात की पुष्टि कुट्टू से कोहराम मचने के बाद देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर से लिए गए 06 सैंपल की प्रयोगशाला जांच में की गई है। इन सैंपल की जांच रुद्रपुर स्थित राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में की गई। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि प्रयोगशाला जांच में असुरक्षित या अधोमानक पाए गए नमूनों के संबंध में संबंधित जनपद के अभिहित अधिकारियों को खाद्य विक्रेता के विरुद्ध मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में वाद दायर करने के निर्देश दिए गए हैं।

डॉ आर राजेश कुमार, स्वास्थ्य सचिव और आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (उत्तराखंड)

गौर करने वाली बात यह भी है कि राजधानी दून में मैसर्स लक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी विकासनगर से शहरभर में सप्लाई किए गए कुट्टू के आटे के कारण ही सैकड़ों लोग बीमार पड़े हैं। इस कंपनी के आटे का नमूना भी असुरक्षित मिला है। यह कीट व फंगस से विषाक्त पाया गया। इसके अलावा ब्लिंक कामर्स प्राइवेट लिमिटेड ऋषिकेश, पीठ बाजार ज्वालापुर स्थित नटराज एजेंसी व ग्राम खेड़ी मुबारकपुर लक्सर स्थित आशीष प्रोविजनल स्टोर से संग्रहित नमूने भी असुरक्षित पाए गए। इनमें मायकोटाक्सिन के रूप में विषाक्त पाया गया है।

इसके अलावा अनाज मंडी रुड़की स्थित शिवा स्टोर से संग्रहित नमूना भी जांच में अधोमानक मिला है। वहीं, जनपद ऊधमसिंहनगर में सिसोना, सितारगंज स्थित जय मैया किराना स्टोर से लिए कुट्टू के आटे के सैंपल में भी मायकोटाक्सिन पाया गया। फंगस लगने की वजह से आटे में माइकोटाक्सिन बन जाता है। इससे संबंधित आटे से बनी खाद्य सामग्री जहरीली हो जाती है। इसे खाने वालों को फूड प्वाइजनिंग होती है।

कुट्टू के आटे की खुली बिक्री बंद, पैकेट में एक्सपायरी डेट भी दर्ज होगी
सैंपल की जांच के क्रम में शासन ने कुट्टू के आटे की बिक्री के मानक कड़े कर दिए हैं। अब न सिर्फ कुट्टू के आटे की खुली बिक्री रोक दी गई है, बल्कि पैक्ड आटे में एक्सपायरी डेट का उल्लेख करने के साथ ही खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 में वर्णित लेबल और डिस्प्ले संबंधी सभी मानकों का पालन करना होगा। जिसमें आटे की पिसाई की तिथि और कारोबारी की लाइसेंस संख्या का उल्लेख भी किया जाएगा। प्रत्येक खाद्य कारोबारी को कुट्टू के बीज और आटे के क्रय और विक्रय का विवरण भी रखना होगा।

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